Wednesday, November 6, 2013

UPTET 29,334 पदों पर भर्ती की काउंसिलिंग जल्द

जूनियर हाईस्कूल के लिए गणित व विज्ञान के शिक्षकों की काउंसलिंग इसी माह शुरू करने की तैयारी है।

इसके लिए नेशनल इंफारमेटिक सेंटर (एनआईसी) से दीपावली की छुट्टियों के बाद पूरी सूची मांग ली गई है।

इसके आधार पर मेरिट जारी करते हुए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी और 31 दिसंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी करने वाला है। काउंसलिंग में आरक्षित और सामान्य वर्ग के दोगुना और नि:शक्त वर्ग के पांच गुना अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा।

प्रदेश में मौजूदा समय करीब 47 हजार उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इसमें गणित व विज्ञान के 58,666 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। राज्य सरकार ने इसमें से आधे 29,334 पदों पर सीधी भर्ती और शेष बचने वाले पदों को पदोन्नति से भरने का निर्णय किया है

इसके आधार पर टीईटी व सीटीईटी पास बीएड वालों से आवेदन लिए गए हैं। आवेदन लेने की प्रक्रिया 11 अक्तूबर को पूरी हो चुकी है।

इन पदों पर भर्ती के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी होती, लेकिन उर्दू शिक्षकों के लिए कटऑफ जारी होने के चलते गणित व विज्ञान शिक्षकों की मेरिट सूची रोक दी गई।

विभागीय जानकारों की मानें तो एनआईसी जिलेवार आए आवेदनों के मिलान की प्रक्रिया पूरी कर चुका है। शीघ्र ही वह पूरा ब्यौरा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय इलाहाबाद को सौंप देगा।

इसके आधार पर परिषद कार्यालय जिलेवार सूची भेजेगा। सूची दीपावली के बाद कभी भी जारी की जा सकती है। इसे विभागीय वेबसाइट http://upbasiceduboard.gov.in पर देखा जा सकेगा।

काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, ताकि यह प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी हो जाए और शिक्षकों को नए साल में कार्यभार ग्रहण करा दिया जाएगा

News Sabhaar : Amar Ujala  / lucknow.amarujala.com( 3.11.2013)


Rastriya Madhymik Shiksha Abhiyan News - प्रदेश में 226 स्कूलों को स्वीकृति मिली



RMSA : रमसा में मंडल को 23 स्कूलों की सौगात

Rastriya Madhymik Shiksha Abhiyan News -
सहारनपुर : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में मंडल को 23 स्कूलों की सौगात मिली है। इनमें सहारनपुर में 13 व मुजफ्फरनगर में 10 स्कूल हैं। जुलाई-2014 से स्कूलों का संचालन शुरू हो जाएगा। अभियान के अंतर्गत प्रदेश में 226 स्कूलों को स्वीकृति मिली है। माना जा रहा है कि जल्द ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की कार्ययोजना तैयार की गई। प्रथम चरण में अभियान के अंतर्गत नए राजकीय स्कूलों को स्वीकृति व उनके निर्माण का काम प्रगति पर है। बता दें कि जिले में अभियान के तहत 16 स्कूलों का संचालन गत तीन वर्षो के दौरान शुरू हो चुका है। इसके अलावा पूर्व में संचालित स्कूलों को अवस्थापना सुविधाओं सहित पुस्तकालय, लैब आदि के विस्तारीकरण के लिए 25 से 50 हजार तक की वार्षिक ग्रांट उपलब्ध कराई गई। जिले को राजकीय स्कूलों से संतृप्त करने के साथ अभियान में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के लिए भी विस्तृत कार्ययोजना है।

मंडल में बनेंगे नए स्कूल

वित्त वर्ष 2013-14 के प्लान में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) में प्रदेश में 226 स्कूलों की स्वीकृति मिली है। सहारनपुर के विकासखंड नागल में कपूरी गोविंदपुर, शिवपुर, मुजफ्फराबाद में पटलोकर, भागूवाला, गंगोह में लखनौती, रंधेड़ी, चाहुंपुर, पुवांरका में सड़क दूधली, सरसावा में बुड्ढ़ाखेड़ा, सढ़ौली कदीम में मायापुर रूपपुर, नकुड़ में बाधी, देवबंद में ऊंचागांव, दिवालहेड़ी तथा मुजफ्फरनगर में सदर में जटमझहेरा, विकासखंड पुरकाजी में कासमपुर, जानसठ में जधेड़ी, तिसंग, खतौली में नवेला, बुढ़ाना में अटाली, मोहम्मदपुर रायसिंह, लोई, शाहपुर में जीवाना, ढि़ढावली में नए स्कूल बनेंगे। माना जा रहा है कि इन स्कूलों के लिए जल्द ही शिक्षकों व कर्मचारियों की भर्ती के लिए कार्यवाही शुरू हो जाएगी। एक स्कूल में पांच सहायक अध्यापक तथा एक-एक प्रधानाचार्य, लिपिक, लैब असिस्टेंट व चपरासी की तैनाती होगी।

अधिकारी कहिन

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अरिमर्दन सिंह गौर का कहना है कि स्वीकृत हुए नए स्कूलों का संचालन जुलाई-2014 से करने के निर्देश हैं। एक स्कूल के निर्माण का बजट 58.12 लाख रुपये है

News Sabhaar : Jagran ( 4.11.13)


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Friday, November 1, 2013

अब मृतक आश्रितों को नियुक्ति के लिए बीटीसी व टीईटी पास होना जरूरी


इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि परिषदीय विद्यालयों में मृतक आश्रित कोटे से होने वाली नियुक्तियों के लिए आश्रित व्यक्ति को शिक्षक की पूरी योग्यता रखनी होगी। उन्होंने कहा कि मृतक आश्रित को भी बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और टीईटी पास होना होगा। अगर किसी मृतक आश्रित के पास शिक्षक या प्रधानाचार्य की योग्यता नहीं है तो उसकी नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी में होगी लेकिन नियुक्ति से पहले यह भी देखा जाएगा कि विभाग में पद हैं या नहीं। अगर पद नहीं होगा तो उसको इंतजार करना होगा या अगर कई उम्मीदवार हैं तो वरिष्ठता क्रम से नियुक्ति होगी। यह नहीं होगा कि कोई कल आया है उसकी नियुक्ति पहले होगी और पहले वाले की बाद में। उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा परिषद में मृतक आश्रित की नियुक्ति के आये दिन कई मामले सामने रहे हैं।
 


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परीक्षा में विलम्ब बना आयोग के गले की फांस्

इलाहाबाद (एसएनबी)। उप्र लोक सेवा आयोग की लेटलतीफी उसके गले की फांस बन गयी है। तमाम अभ्यर्थियों ने इस आधार पर आयु सीमा में छूट देने की मांग की है कि यदि आयोग ने समय रहते परीक्षा करायी होती तो वे ओवरएज न होते। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग की लेटलतीफी से अभ्यर्थियों के अवसर खोने को गंभीरता से लेते हुए सक्षम प्राधिकारी से आयु सीमा में छूट देने के मामले में दो माह में विचार कर निर्णय लेने को कहा है। कोर्ट ने सक्षम प्राधिकारी को 1992 की नियमावली के तहत जिन वर्षो में परीक्षा नहीं हुई, उस वर्ष की जुलाई माह में अधिकतम आयु सीमा तय करते समय लोक सेवा आयोग से विमर्श कर निर्णय लेने को कहा है। कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया है कि जब तक सक्षम प्राधिकारी निर्णय नहीं लेते तब तक आयोग या तो ओवर एज हो चुके अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने दे अथवा निर्णय आने तक वर्ष 2008 व 2013 की अधीनस्थ सेवाभर्ती परीक्षा को टाले रखे। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने श्रीप्रकाश श्रीवास्तव सहित कई अभ्यर्थियों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि 2005, 2006, 2007 में परीक्षा आयोजित न किये जाने के कारण उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के अवसर पर वंचित किया गया। याचिकाओं में आयु के कटआफ डेट को चुनौती दी गयी। 2008 में 900 पदों की भर्ती होनी है। कोआपरेटिव सोसायटी एवं पंचायत के आडिटर लेखा परीक्षक की भर्ती होनी है। 2013 की परीक्षा में भी समान मुद्दा उठाये जाने के कारण सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई। न्यायालय ने तमाम नियमावलियों का हवाला देते हुए 1992 की नियमावली को प्रभावी करार दिया और कहा कि इसी नियमावली से आयु निर्धारण में छूट का निर्णय लिया जाए। आयु सीमा में छूट देने के मामले में दो माह में निर्णय लेने का निर्देश अधीनस्थ से वा भर्ती परीक्षा

जू. हाईस्कूलों में गणित-विज्ञान के 29334 शिक्षकों की काउंसलिंग 10 नवंबर के बाद



इलाहाबाद। जूनियर हाईस्कूल के गणित और विज्ञान के 29334 शिक्षकों की भर्ती के लिए काउसिंलिंग 10 नवंबर के बाद से शुरू होगी। यह काउसिंलिंग प्रदेश के सभी डायट पर होगी। इसकी तैयारियां शुरू हो गयी हैं। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद संजय सिन्हा ने बताया कि अभ्यर्थियों की कट आफ मेरिट एक-दो दिनों में जारी हो जाएगी। 10 नवंबर के बाद प्रदेश के सभी डायट पर इनके चयन के लिए काउसिंलिंग शुरू होगी। काउसिंलिंग में अभ्यर्थियों को अपने सभी शैक्षिक प्रमाणपत्र, जरूरी प्रमाणपत्र, पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो व अन्य कागजात लाना होगा। उन्होंने बताया कि गणित और विज्ञान के 29334 पदों के लिए 19 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अभ्यर्थियों की जिलेवार सूची तैयार हो रही है जिससे कि कट आफ मेरिट शीघ्र जारी की जा सके। सचिव ने बताया कि संभावना है कि दो माह के अंदर शिक्षकों का चयन पूरा कर लिया जाएगा।

 


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संशोधित अध्यापक शिक्षा सेवा नियमावली का प्रकाशन शीघ्र




इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा परिषद की संशोधित अध्यापक शिक्षा सेवा नियमावली संग्रह का नवंबर के अन्तिम हफ्ते तक प्रकाशन होने जा रहा है। इसमें करीब 600 पन्ने होंगे। बेसिक शिक्षा से संबंधित सभी नियम और जानकारियां इस नियमावली में होंगी। इससे शिक्षक, शिक्षक अधिकारी सहित अन्य लोग लाभ उठा सकेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने बताया है कि नये नियमावली का प्रकाशन अन्तिम दौर में चल रहा है। इसके प्रकाशन होने से शिक्षक और अधिकारियों को सुविधा होगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने 10 लाख रुपये का बजट रखा है। उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा जब वर्ष 2003 से 04 तक सचिव थे तब पहली बार अध्यापक शिक्षा सेवा नियमावली तैयार हुई थी। अब करीब 10 वर्ष बाद फिर से संशोधित नियमावली तैयार हो रही है।
 


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परिषदीय अध्यापक भी मूकबधिर बच्चों को देंगे शिक्षा

 
अब सभी परिषदीय विद्यालयों में नेत्रहीन, मूकबधिर व दिमागी रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। अभी तक विशेष शिक्षक इन बच्चों को शिक्षा देते थे, लेकिन अब परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चों को उनकी विकलांगता के अनुसार शिक्षा देंगी। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य परियोजना निदेशालय से जारी फरमान पर जिले में मास्टर टेनर बनाए जाएंगे जोकि विकास खंडों पर प्रशिक्षण देंगे।

विकलांग बच्चों को समेकित शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था की जाती है। वैसे अस्थि विकलांग बच्चों की शिक्षा में कोई परेशानी नहीं होती। नेत्रहीन, मूकबधिर व दिमागी कमजोर बच्चों की शिक्षा का विशेष इंतजाम होता है और उसी के लिए आवासीय कैंप संचालित होते हैं, साथ ही विकास खंडों में विशेष शिक्षक शिक्षिकाओं की तैनाती है। यही विशेष शिक्षक शिक्षिकाएं चिन्हित विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देते हैं। लेकिन अब एक नई व्यवस्था शुरू की गई है और विशेष शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ सभी विद्यालयों को शिक्षक शिक्षिकाओं को ऐसे बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने इस संबंध में फरमान जारी किया है। जिसमें सभी विकास खंडों से पांच पांच शिक्षक शिक्षिकाओं को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में विशेष शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें 25 को नेत्रहीन, 25 को मूकबधिर व 10 शिक्षक शिक्षिकाओं को दिमागी कमजोर बच्चों को शिक्षा देने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।1

यह मास्टर प्रशिक्षक व समेकित शिक्षा के शिक्षक बीआरसी पर सभी परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा आशा वर्मा ने बताया कि परियोजना निदेशक के आदेश पर प्रशिक्षण की सूची तैयार की जा रही है। 15 दिसंबर तक कार्यक्रम पूरा करना है।
 

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परिषदीय अध्यापक भी मूकबधिर बच्चों को देंगे शिक्षा




अब सभी परिषदीय विद्यालयों में नेत्रहीन, मूकबधिर व दिमागी रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। अभी तक विशेष शिक्षक इन बच्चों को शिक्षा देते थे, लेकिन अब परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं बच्चों को उनकी विकलांगता के अनुसार शिक्षा देंगी। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य परियोजना निदेशालय से जारी फरमान पर जिले में मास्टर टेनर बनाए जाएंगे जोकि विकास खंडों पर प्रशिक्षण देंगे।

विकलांग बच्चों को समेकित शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था की जाती है। वैसे अस्थि विकलांग बच्चों की शिक्षा में कोई परेशानी नहीं होती। नेत्रहीन, मूकबधिर व दिमागी कमजोर बच्चों की शिक्षा का विशेष इंतजाम होता है और उसी के लिए आवासीय कैंप संचालित होते हैं, साथ ही विकास खंडों में विशेष शिक्षक शिक्षिकाओं की तैनाती है। यही विशेष शिक्षक शिक्षिकाएं चिन्हित विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देते हैं। लेकिन अब एक नई व्यवस्था शुरू की गई है और विशेष शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ सभी विद्यालयों को शिक्षक शिक्षिकाओं को ऐसे बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने इस संबंध में फरमान जारी किया है। जिसमें सभी विकास खंडों से पांच पांच शिक्षक शिक्षिकाओं को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में विशेष शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें 25 को नेत्रहीन, 25 को मूकबधिर व 10 शिक्षक शिक्षिकाओं को दिमागी कमजोर बच्चों को शिक्षा देने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।1

यह मास्टर प्रशिक्षक व समेकित शिक्षा के शिक्षक बीआरसी पर सभी परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा आशा वर्मा ने बताया कि परियोजना निदेशक के आदेश पर प्रशिक्षण की सूची तैयार की जा रही है। 15 दिसंबर तक कार्यक्रम पूरा करना है।
 


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