जागरण
ब्यूरो, इलाहाबाद
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हजार 825 सहायक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों
में एक बार फिर उम्मीद जगी है। 7 नवंबर को हाईकोर्ट में अर्जेसी के आधार पर इस मामले
की सुनवाई होगी। इसलिए माना जा रहा है कि नियुक्ति के लिए अदालत से अब राह प्रशस्त
हो सकती है। सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता के भी अदालत में मौजूद रहने की पूरी संभावना
है। अभ्यर्थियों के लिए राहत की बात यह है कि अदालत एस मामले को लेकर दाखिल सभी विशेष
अपीलों की एक साथ सुनवाई करेगी।
प्रदेश
के परिषदीय विद्यालयों में सहायक प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती विज्ञापन के बाद से ही
तमाम अदालती विवादों में फंसती रही है। बसपा शासन में ही इसको लेकर अदालती दांव-पेंच
शुरू हुए थे जो अब तक चल रहे हैं। सबसे पहले तो नियुक्ति का आधार क्या हो, इस पर ही
बहस होती रही। अंतत: हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी कि टीईटी नियुक्ति के लिए अनिवार्य है।
बाद में चयन के लिए क्या मानक अपनाया जाए, इसको लेकर भी अदालत में विवाद गया। सरकार
भी इसको लेकर उदासीन ही रही। 30 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति
अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ के समक्ष अपर महाधिवक्ता सीबी यादव
उपस्थित न हो सके। इससे सुनवाई टालनी पड़ी।
अभ्यर्थियों
की ओर से अधिवक्ता ने तब इस मामले को अर्जेसी के तहत अदालत से सुनने का अनुरोध किया।
अंतत: अदालत ने महज एक हफ्ते बाद की ही तिथि निर्धारित कर दी। दूसरी ओर सरकार भी अब
इन भर्तियों को जल्द शुरू करने के लिए फिक्रमंद नजर आ रही है। इसलिए अदालत में सुनवाई
जल्द ही पूरी हो जाने के आसार हैं। इसके बाद नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हो सकती
है।
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