Wednesday, October 30, 2013

यूपी में खुलेंगे 226 नए राजकीय हाईस्कूल



लखनऊ (ब्यूरो) प्रदेश में इस साल 226 नए राजकीय हाईस्कूल खुलेंगे। केंद्र ने इन स्कूलों को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत ये राजकीय हाईस्कूल 18 अल्पसंख्यक बहुत जिलों में खोले जाएंगे। इससे पहले केंद्र ने 1396 प्रस्ताव राज्य सरकार ने भेजा था, जिसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया था। उसके बाद अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के लिए नए 700 स्कूलों का प्रस्ताव भेजा गया था, इनमें से 226 को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही इन स्कूलों के लिए 1130 सहायक अध्यापक और हर स्कूल के लिए एक प्रधानाध्यापक, एक क्लर्क, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती की मंजूरी दे दी है।
प्रदेश में अब तक 1021 नए राजकीय हाईस्कूल खुल चुके हैं। पिछले साल किसी स्कूल को मंजूरी नहीं मिली थी। इस साल भी पुराने स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति होने के कारण केंद्र ने यूपी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उसके बाद प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में स्कूल खोलने की गुजारिश की थी। इस पर केंद्र ने नए सिरे से प्रस्ताव मांगे थे। राज्य सरकार ने फिर 700 नए स्कूलों का प्रस्ताव भेजा था। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत केंद्र ने नए स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है।
 


See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

उर्दू अनुवादकों की भर्ती का अभियान

 लखनऊ : चुनाव को लेकर तेज हुई सियासी सरगर्मी के बीच सपा सरकार ने उर्दू अनुवादकों की भर्ती का अभियान चलाकर मुसलमानों को रिझाने की कवायद तेज कर दी है। दरअसल, सरकार चाहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले सभी महकमों में उर्दू अनुवादकों के खाली पदों को चिह्न्ति कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने शासन, मंडल और जिला स्तर से लेकर ब्लॉक तक के पदों को भरने के साथ-साथ उर्दू अनुवादकों के सेवा संबंधित तमाम विसंगतियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं।1शिक्षणोत्तर कर्मचारियों ने घेरा विधानभवन1लखनऊ : वेतन विसंगति सहित कई मांगों के पूरा होने पर माध्यमिक शिक्षणोत्तर कर्मचारियों ने मंगलवार को विरोध जताया। ओसीआर से जुलूस के रूप में चले शिक्षकों को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन वे नहीं माने। विधानभवन के सामने पहुंचे शिक्षणोत्तर कर्मचारियों ने सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की। जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।


लखनऊ : चुनाव को लेकर तेज हुई सियासी सरगर्मी के बीच सपा सरकार ने उर्दू अनुवादकों की भर्ती का अभियान चलाकर मुसलमानों को रिझाने की कवायद तेज कर दी है। दरअसल, सरकार चाहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले सभी महकमों में उर्दू अनुवादकों के खाली पदों को चिह्न्ति कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने शासन, मंडल और जिला स्तर से लेकर ब्लॉक तक के पदों को भरने के साथ-साथ उर्दू अनुवादकों के सेवा संबंधित तमाम विसंगतियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं।1शिक्षणोत्तर कर्मचारियों ने घेरा विधानभवन1लखनऊ : वेतन विसंगति सहित कई मांगों के पूरा होने पर माध्यमिक शिक्षणोत्तर कर्मचारियों ने मंगलवार को विरोध जताया। ओसीआर से जुलूस के रूप में चले शिक्षकों को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन वे नहीं माने। विधानभवन के सामने पहुंचे शिक्षणोत्तर कर्मचारियों ने सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की। जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया।


See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml

अब मानदेय पर रिटायर्ड शिक्षक

 तैनाती के लिए 65 साल होगी उम्र सीमा16शिक्षकों की कमी से निपटने का नया नुस्खा

यह मिलेगा मानदेय

अनुदानित कालेजों का मामला

राजीव दीक्षित1लखनऊ : अशासकीय सहायताप्राप्त (अनुदानित) कॉलेजों में अध्यापकों की कमी को दूर करने और उनमें मानदेय पर तैनात प्रवक्ताओं की मुकदमेबाजी से निजात पाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने नई तरकीब ढूंढी है। अनुदानित कॉलेजों में अध्यापकों की कमी दूर करने के लिए विभाग अब राजकीय और अनुदानित महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानदेय पर तैनात करेगा। शर्त यह है कि मानदेय पर रखे जाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों की उम्र 65 वर्ष से अधिक न हो। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी है। 1अनुदानित कॉलेजों में शिक्षकों के 11272 सृजित पदों में से 3514 खाली हैं। इन कॉलेजों के शिक्षकों का चयन उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग करता है। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सात अप्रैल 1998 को जारी शासनादेश के तहत अनुदानित कॉलेजों में रिक्त पदों पर मानदेय प्रवक्ताओं की नियुक्ति की गई। यह भी व्यवस्था थी कि आयोग से नियमित शिक्षकों का चयन होते ही मानदेय प्रवक्ताओं को हटाकर इन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी। हुआ इसके उलट। कुछ वर्षो तक पढ़ाने के बाद मानदेय शिक्षक जहां खुद को नियमित शिक्षक बनाने के लिए मुकदमेबाजी करने लगे। नियमित शिक्षकों के चयन में इसलिए भी रुकावट आ रही है कि क्योंकि अभी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग विधिवत गठित नहीं है। लिहाजा उच्च शिक्षा विभाग ने मानदेय प्रवक्ताओं की व्यवस्था को समाप्त कर उनके स्थान पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को तैनाती देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन सेवानिवृत्त शिक्षकों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन स्तर के हिसाब से मानदेय मिलेगा जबकि उनकी पेंशन यथावत रहेगी। रिटायर्ड शिक्षक नियमित करने के लिए दबाव भी नहीं बनायेंगे। तैनात किये जाने वाले शिक्षकों का चयन जिले के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी जिसके सदस्य संयोजक क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी होंगे। 1सेवानिवृत्ति के समय सहायक प्रोफेसर का वेतन पाने वाले शिक्षकों को 400 रुपये प्रति लेक्चर और अधिकतम 20000 रुपये मिलेंगे। वहीं एसोसिएट प्रोफेसर का वेतनमान पाने वाले को 500 रुपये प्रति लेक्चर और अधिकतम 22000 रुपये और प्रोफेसर के वेतनमान पर 600 रुपये प्रति लेक्चर व अधिकतम 25000 रुपये मानदेय मिलेगा।
 

See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml