Thursday, October 10, 2013

बचत::शिक्षामित् रों के निजी खाते में भेजा मानदेय



रामपुर। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों का मानदेय उनके निजी खाते में भेजना शुारू कर दिया है। बुधवार को पहली बार मानदेय उनके खाते में भेजा गया। अब तक शिक्षामित्रों का मानदेय शिक्षा समिति के खाते में भेजा जाता था। प्रधान और शिक्षक उन्हें भुगतान करते थे, लेकिन अब सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। शिक्षामित्रों का प्रतिनिधि मंडल जिलाध्यक्ष सैयद जावेद मियां के नेतृत्व में बीएसए एसके तिवारी से मिला। उन्होंने ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा कि परिषदीय शिक्षामित्रों का मानदेय उनके खाते में भेजा गया है। जल्द ही एसएसए के शिक्षामित्रों का मानदेय भी निजी खाते में भेजने की व्यवस्था कराई जाए। इस दौरान स्वराज सिंह, होरीलाल, अरविंद गोस्वामी, विशेष चंद, नबी बख्श, शन्नू खां, दाऊद हसन, हरीश कुमार आदि शामिल रहे।
 


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अब ओएमआर शीट की होगी फुल इमेज स्कैनिंग

अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बड़ी पहल की है। बोर्ड की ओर से परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को ओएमआर की एक कॉपी दी जाएगी। इस कॉपी के जरिए परीक्षार्थी परीक्षा के बाद अपने उत्तर का मिलान कर सकेंगे। ओएमआर में टेंपरिंग करके अपने चहेतों का चयन कराने की कोशिश भी अब सफल नहीं होगी। बोर्ड अब परीक्षा के बाद छात्रों के हाथों भरी गई ओएमआर की फुल इमेज स्कैन करके उसकी दो साफ्ट कॉपी तैयार करेगा। इसके बाद ओएमआर को जांच के लिए भेजा जाएगा। परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों को ओएमआर की तीन कार्बन कॉपी देने के निर्णय को अव्यवहारिक मानते हुए चयन बोर्ड ने अब एक ही कार्बन कॉपी देने का निर्णय किया है।
ओएमआर में नहीं हो सकेगी हेराफेरी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के बाद अभ्यर्थियों की ओर से उत्तर पत्रक (ओएमआर) में हेरफेर का आरोप लगाया जाता रहा है। इस बात को संज्ञान में लेते हुए चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन शर्मा ने परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों की ओर से भरी गई ओएमआर को स्कैन करवाकर उसकी दो साफ्ट कॉपी बोर्ड के कंप्यूटर में सुरक्षित रखी जाएगी। साथ ही एक प्रिंट निकालकर उसे फाइल में रखा जाएगा और मूल प्रति मूल्यांकन के लिए भेजी जाएगी। चयन बोर्ड में मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अध्यक्ष ने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद परीक्षार्थियों के अंदर विश्वास कायम किया जा सकेगा।
अब तीन नहीं ओएमआर की एक कार्बन कॉपी मिलेगी
उन्होंने बताया कि परीक्षा के बाद अब ओएमआर के साथ एक ही कार्बन कॉपी होगी। यह परीक्षार्थी को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा के ठीक बाद चयन बोर्ड सभी प्रश्नों के सही हल जारी कर देगा। इससे परीक्षार्थी अपने उत्तर का मिलान करने के बाद सही और गलत उत्तर के बारे में अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे। आपत्ति के निस्तारण के बाद परीक्षार्थी अपने उत्तर का मिलान करके अपना स्व मूल्यांकन कर सकेंगे।
चयन बोर्ड में बदल गए बाबुओं के पटल
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में विभिन्न पटलों पर काम करने वाले बाबुओं की अदला-बदली की गई है। चयन बोर्ड आने वाले अभ्यर्थियों की शिकायत के बाद अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन शर्मा ने लंबे अर्से से एक ही जगह जमे बाबुओं की अदला-बदली की है। यहां के बाबुओं और अधिकारियों की मिली भगत से बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से शिक्षकों की तैनाती का मामला भी सामने चुका है।
अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने इस बदलाव को सामान्य प्रक्रिया बताया।
 


सूबे में आरटीई का पहरुआ नदारद

  • साढ़े तीन साल बाद भी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग गठित नहीं,
  • रेपा का भी पता नहीं
                                                     (समाचार साभार-:-दैनिक जागरण )



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Wednesday, October 9, 2013

मानव के अंदर बैठे पांच राक्षसों को मारना ही पूजा का मुख्य उद्देश्य


deviFARRUKHABAD : नवरात्र के पांचवें दिन माता स्कन्द की पूजा का एक विशेष महत्व है, इनको ममता की देवी भी कहा जाता है। महाकाल मंदिर स्थित 108 प्रतिमाएं बड़ी अदभुत एवं अलौकिक हैं। मंदिर में पूजा अर्चन के बाद प्रवचन में कहा गया कि मानव के अंदर बैठे पांच राक्षसों को मारना ही पूजा का मुख्य उद्देश्य है।
महाकाल मंदिर में अर्चना दीक्षित व मुनि अलौकिक महाराज के संयुक्त पूजन में मां भगवती को वेदमंत्रों से पूजा गया तथा उनको विभिन्न प्रकार के मेवा फल मिष्ठान, पूड़ी सब्जी आदि पकवानों का भोग धीरज सिंह कुशवाह व कृष्णादेवी, कमलेश, ज्योति, ममता, धीरेन्द्र आदि लोगों ने लगाया। इस विशेष पूजन में सैकड़ों भक्तों को अपने प्रवचन में कहा कि मानव के अंदर बैठे हुए पांच रक्षस काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार का नाश उसी प्रकार करना चाहिए जिस प्रकार देवियों ने पांच राक्षसों का वध किया था।
मंदिर में पूजा के बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान अवधेश बाजपेयी, लल्ला, संजय, विमला, रेनू, शान्ती, सरोज, निर्मला बाजपेयी आदि मौजूद रहे।
 
महाकाल मंदिर के बारे में बताया गया कि मंदिर में 108 प्रतिमायें विभिन्न स्वरूपों की विराजमान हैं। इनमें प्राचीन समय की स्थापित माता फूलमती की प्रतिमा भी विराजमान है। मां महामाई फूलमती जोकि सम्पूर्ण विश्व एवं देश के विभिन्न भागों में अनेक नामों से जानी जाती है। उनमें पाकिस्तान में हिंगला देवी, तिब्बत में दक्षायणी देवी, नेपाल में गुहेश्वरी देवी, बंग्लादेश में ढकेश्वरी देवी, यशोरेश्वरी देवी, श्रीलंका में इन्द्राक्षी देवी तथा कश्मीर में चीची देवी, लद्दाख में सुन्दरी देवी, गुजरात में अम्बारी देवी आदि के नामों से जानी जाती है।



ये भर्ती फॉर्मूला बन सकता है VDO भर्ती में गले की फांस

 लखनऊ: पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर भर्ती के लिए 50 नंबर शैक्षिक योग्यता व वेटेज के आधार पर जबकि 50 नंबर साक्षात्कार के लिए तय किया है। इसके अंतर्गत इंटरमीडिएट में उत्तीर्ण श्रेणी के आधार पर अधिकतम 20 अंक दिए जाएंगे जबकि स्नातक होने पर अधिकतम 10 नंबर और जुड़ेंगे।
JOBS Soochna by JNIछटनीशुदा कर्मचारी होने पर वर्ष के अनुसार अधिकतम 15 नंबर मिलेगा तो खिलाड़ी के लिए उसके स्तर को देखते हुए अधिकतम 5 नंबर का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 50 नंबर के साक्षात्कार के नंबर तीन मानक पर मिलेंगे।
पंचायतीराज विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि किसी भी 100 नंबर की चयन प्रणाली में यदि 50 नंबर का साक्षात्कार रख दिया जाता है तो उसे चुनौती दी जा सकती है।
  
वजह, यह नैसर्गिंक व्यवस्था के विरुद्ध है और पूर्व में लेखपालों की भर्ती में ऐसी ही व्यवस्था की वजह से प्रक्रिया बदल चुकी है। इसमें शैक्षिक योग्यता में अधिकतम नंबर पाने वाला इंटरव्यू में नाम मात्र का नंबर पाकर चयन प्रक्रिया से बाहर हो सकता है।
इसके अलावा इंटरमीडिएट की शैक्षिक अर्हता रखने के बाद स्नातक का वेटेज दूसरा बड़ा पेंच साबित हो सकता है। सवाल यह उठ रहा है कि जब शैक्षिक अर्हता इंटरमीडिएट तय है तो फिर उससे उच्च योग्यता को वेटेज के लिए कैसे रखा जा सकता है।
हालांकि, नियमावली व शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए अधिकारी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में जुटे हैं। 19 अक्तूबर तक ग्राम पंचायत अधिकारी के पदों पर आवेदन किया जा सकता है।

 

‘नेतागीरी’ से नहीं ‘नेट‌गीरी’ से मिलेगा वीआईपी नंबर

 लखनऊ: आरटीओ साहब ‘मंत्री’ बोल रहा हूं। आपके पास मेरे खास मित्र आ रहे हैं, इनको वीआईपी वाहन नंबर चाहिए। इस नंबर को तत्काल बुक कर लो जब आए तो दे दीजिएगा। संभागीय परिवहन दफ्तर में रौब दिखाने वाली ये ‘नेतागीरी’ खत्म होनी वाली है। जल्दी ही वीआईपी नंबर के लिए जो पहले पंजीयन कराएगा वही इसे पाएगा। यह नई व्यवस्था परिवहन विभाग में प्रभावी होने वाली है।
VIP Numberइससे प्रदेश भर के संभागीय परिवहन दफ्तरों (आरटीओ) में वीआईपी वाहन नंबर के आवंटन में होने वाली घूसखोरी और संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) की मनमानी भी खत्म होगी। इस नई व्यवस्था के तहत नंबर की प्रत्येक सीरीज के कुल 246 वीआईपी नंबरों को पाने के लिए वाहन मालिकों को विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीयन कराना पड़ेगा।
वाहन मालिक का यह पंजीयन तब माना जाएगा जब उसके नाम के बैंक खाते से वीआईपी नंबर के शुल्क की धनराशि ऑनलाइन परिवहन विभाग के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। परिवहन विभाग इस योजना को एनआईसी के सहयोग से अंतिम रूप देने में जुटा है। इसके लिए एनआईसी के द्वारा साफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसका परीक्षण चल रहा है।
  यह साफ्टवेयर जिस दिन से कार्य करना शुरू कर देगा उसी दिन से वीआईपी नंबरों का ऑनलाइन पंजीयन अनिवार्य कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि यह नई व्यवस्था डेढ़ महीने में लागू हो जाएगी।

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वेतनमान 17140 हेतु विकल्प के आधार पर संघ के समक्ष प्रस्ताव

मुहिम 17140 : आइये समझें और समझाए !

∎ Facebook पर ही सक्रिय कई मित्रों के हवाले से और कतिपय अन्य स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वेतनमान 17140 पर अपनी राय और तर्क मांगे गए हैं, हालांकि भले ही इस पर आधिकारिक होने या ना होने का संदेह किया जाए, फिर भी यह एक नयी शुरुआत है ! प्राइमरी का मास्टर भले ही स-शरीर ना पहुँच पा रहा हो, फिर भी ऐसे किसी भी गंभीर/अगंभीर प्रयास का समर्थन करता है जिसमे किसी भी सदस्य से रायशुमारी या या उसका पक्ष लेकर नीति निर्धारण किया जाए .....और ऐसे प्रयोजन में फेसबुक का महत्व बढ़ जाता है!

इस प्रस्ताव में जहां सबसे पहले विकल्प के आधार पर दिसंबर 2008 के पहले प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकों को वेतनमान  17140  और उसके बाद फरवरी 2009  और उसके बाद तक प्रोन्नति प्राप्त  शिक्षक समाहित होंगे वहीं सीधी भर्ती के कारण 2011, 2012, और  2013  में प्रोन्नति प्राप्त शिक्षक भी वेतनमान 17140 के दायरे में समाहित हो सकेंगे!


01-01-2006 के पूर्व नियुक्त तथा 01-01-2006 के बाद एवं 08-12-2008 के मध्य पदोन्नति प्राप्त प्राथमिक शिक्षकों के वेतन निर्धारण में त्रुटि के सम्बन्ध में

उक्त श्रेणी के बेसिक शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण के संबंध में निर्गत शासनादेशों, विभिन्न विभागीय निर्देशों तथा स्पष्टीकरण आदि का सम्यक, अध्ययन करने के उपरान्त ज्ञात हुआ है कि ऐसे शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण गलत एवं शासनादेशों के विपरीत है। इस संबंध मे प्राप्त तथ्यों का विवरण निम्न है-

1. उक्त श्रेणी 01-01-2006 के पूर्व विभिन्न तिथियो में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में प्रा0वि0 स0अ0 पद पर 4500-125-7000 के वेतनमान में नियुक्त हुए।

2. इन शिक्षकों ने 08-12-2008 के पूर्व विभिन्न तिथियों में प्र0अ0 प्राइमरी/स0अ0 उच्च प्रा0वि0 के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर उच्चतर वेतनमान 5500-175-9000 के वेतनमान में वेतन प्राप्त किया।

3. दिसम्बर 2008 को छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन पुनरीक्षण आदेश जारी किये गए इस समय ये शिक्षक 5500-175-9000 के वेतनमान में वेतन प्राप्त कर रहे थे।

4. शासनादेश संख्या-वे0आ0-2-1313/दस-54(एम)/2008, दिनांकः 8 दिसम्बर, 2008 के प्रस्तर-22 के अनुसार वेतन समिति द्वारा संस्तुत पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन बैण्ड तथा ग्रेड वेतन एवं पुनरीक्षित वेतनमान का शासनादेश सं0 1315/08-12-2008 द्वारा हम शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतन संरचना की स्वीकृति दी गयी। जिसके तहत स.अ.प्रा.वि के अपुनरीक्षित वेतनमान 4500-125-7000 के लिए वेतनबैण्ड 1 रू0 5200-20200 एवं ग्रेड वेतन 2800 तथा प्र.अ. प्रा.वि / स.अ. उ.प्रा.वि के अपुनरीक्षित वेतनमान 5500-175-9000 के सादृष्य वेतनबैंड 2 रू0 9300-34800 एवं ग्रेड वेतन 4200 स्वीकृत किया गया।
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5. पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन निर्धारण हेतु निर्गत शासनादेश संख्या वे0आ0-2-1318/ दस-59(एम)/2008, दिनांक-8 दिसम्बर, 2008 के प्रस्तर 1 के अनुसार इन शिक्षकों की नियुक्ति 1.1.2006 के पूर्व एवं पदोन्नति 1.1.2006 के बाद तथा 8 दिसम्बर, 2012 के मध्य होने के कारण उच्च वेतन मान 5500-175-9000 प्राप्त होने की तिथि /पदोन्नति की तिथि से वेतन पुनरीक्षण के विकल्प का लाभ प्राप्त है। चूंकि यदि इन शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण 01.01.2006 को धारित निम्न पद के वेतनमान 4500-125-7000 से किया जाये तो यह गलत होगा क्योंकि ऐसे शिक्षक वेतन पुनरीक्षण आदेश जारी होने की तिथि 08.12.2008 के पूर्व ही उच्च पद का वेतनमान 5500-175-9000 में वेतन प्राप्त कर चुके थे। इसलिए ऐसे शिक्षकों को वेतन आयोग ने विकल्प दिया कि वे फिक्सेसन 01.01.2006 से न कराकर उच्च पद/वेतनमान में आने की तिथि/पदोन्नति की तिथि से करा सकते है। विकल्प का यह लाभ स्पष्टीकरण 2 के अनुसार 01-01-2006 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को ही देय है अर्थात वेतन पुनरीक्षण करते समय इन शिक्षकों को अपना विकल्प प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना चाहिए। लेकिन अधिकारियों ने विकल्प प्राप्त करने के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही न करते हुए मनमानी तरीके से 01.01.2006 को धारित नीचे के पद स0अ0प्रा0वि0 के वेतनमान 4500-125-7000 का पुनरीक्षण कर दिया। जो कि सरासर अन्याय एवं वेतन आयोग के आदेशों का खुला उल्लंघन है। यदि शासनादेशों में वेतन पुनरीक्षण के समय प्राप्त हो रहे वेतनमान 5500-175-9000 के तहत पुनरीक्षण के लिए विकल्प की व्यवस्था है तो उसका लाभ शिक्षकों को दिया जाना चाहिए।

6. पुनरीक्षित वेतन संरचना में सुव्यवस्थित/सही वेतन निर्धारण को सुनिष्चित करने के लिए शासनादेश सं0 1327/11-12-2008 के तहत वेतन निर्धारण तालिका सं0-1, वेतन निर्धारण प्रारूप सं0-2 एवं सहमति पत्र, सं0-3 जारी किया गया है। इसके संलग्नक-2 से स्पष्ट है कि कभी भी वेतन निर्धारण होने की दशा में इन शिक्षकों से विकल्प लिया जायेगा। जो कि कभी नही लिया गया। इन शिक्षकों का वेतन उच्चीकरण एवं फिटमेन्ट चार्ट जारी किये जाने के बाद से 01-01-2006 से किया गया एरियर भुगतान असंगत हो गया क्योंकि फिटमेन्ट चार्ट के अनुसार इनका वेतन निर्धारण पुनरीक्षण पूर्व प्राप्त हो रहे वेतनमान 5500-175-9000 के आधार पर किया जाना था अर्थात पुनरीक्षित वेतनमान में प्रवेश उच्च वेतनमान 5500-175-9000 प्राप्त करने की तिथि/विकल्प की तिथि से होगा, ऐसा करने पर यदि एरियर अधिक एवं असंगत प्रतीत होता है तो सहमति पत्र से स्पष्ट है कि वेतन निर्धारण में त्रुटि अथवा असंगति के कारण अवषेश भुगतान अधिक प्रतीत होने पर इसका समायोजन किया जा सकता है। परन्तु एरियर समायोजन करने के स्थान पर अधिकारियों द्वारा इस असंगत एरियर को आधार बनाकर फिटमेन्ट चार्ट में 01-01-2006 को धारित निम्न पद के वेतनमान 4500-125-7000 को पुनरीक्षित कर अन्याय किया जा रहा है।

7. शिक्षा अनुभाग के शासनादेश सं0-684/24-02-2009 द्वारा हम शिक्षकों के वेतन संरचना में परिवर्तन करते हुए उच्चीकृत वेतनमान एवं उनके सादृष्य वेतन वैण्ड एवं ग्रेड वेतन की स्वीकृति दी गयी जिसके तहत स.अ.प्रा.वि के अपुनरीक्षित वेतनमान 4500-125-7000 के लिए वेतन बैण्ड 2, 9300-34800 एवं ग्रेड वेतन 4200 तथा प्र.अ.प्रा.वि/स.अ.उ.प्रा.वि के अपुनरीक्षित वेतनमान 5500-175-9000 के सादृष्य वेतनबैंड 2, 9300-34800 एवं ग्रेड वेतन 4600 स्वीकृत किया गया।

8. वित्त विभाग के शासनादेश वे0आ0-2-1272/दस-59(एम)/2009 दिनांक-7 सितम्बर, 2009 द्वारा 1.1.2006 से पूर्व नियुक्त बेषिक शिक्षकों को प्राप्त हो रहे अपुनरीक्षित वेतनमान के सादृष्य उच्चीकृत वेतन संरचना में वेतन निर्धारण हेतु फिटमेंट तालिकायें निर्गत की गयी। इस तालिका के अनुसार पुनरीक्षण पूर्व प्र0अ0प्रा0वि0/स0अ0 उच्च प्रा0वि0 के वेतनमान 5500-175-9000 का पुनरीक्षण ग्रेड वेतन 4600 एवं मूल वेतन 17140 निर्धारित किया गया है, चूंकि ऐसे शिक्षक पुनरीक्षण के पूर्व उक्त पद के वेतनमान 5500-175-9000 में वेतन प्राप्त कर रहे थे, तथा 01-01-2006 को निम्न पद स0अ0प्रा0वि0 के वेतनमान 4500-125-7000 में वेतन प्राप्त कर रहे थे इसलिए इन शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण 01-01-2006 से न करके विकल्प की तिथि/ पदोन्नति की तिथि से कार्यरत पद प्र0अ0 प्रा0वि0/ स0अ0 उ0प्रा0वि0 के वेतन मान 5500-175-9000 से किया जाना उचित है। जबकि अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से 01-01-2006 को धारित निम्न पद स0अ0 प्रा0वि0 के वेतनमान 4500-125-7000 का पुनरीक्षण फिटमेन्ट तालिका के अनुसार कर दिया गया है जो कि गलत है।

9. वित्त विभाग के शासनादेश सं0-वे0आ0-2-287 / दस-59(एम)/08 दिनांक 16-03-2010 एवं वे0आ0-2-288/दस-59(एम)/08 दिनांक 16-03-2010 एवं वे0आ0-2-577/दस-59(एम)/08 टी0सी0दिनांक 29-06-2010 के अनुसार विभिन्न संवर्गो के वेतन संरचना में परिवर्तन / उच्चीकरण होने की स्थिति में वेतन निर्धारण करते समय पुनः विकल्प का अवसर दिया गया है लेकिन इन शिक्षकों का उच्चीकृत संरचना के अनुसार फिटमेन्ट तालिका में निर्धारण करते समय न तो पुनरीक्षण पूर्व प्राप्त हो रहे वेतनमान 5500-175-9000 का ध्यान रखा गया और न ही विकल्प प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया एवं मनमाने तरीके से 01-01-2006 को धारित निम्न पद के वेतनमान 4500-125-7000 का पुनरीक्षण कर दिया गया।

10. नये वेतन संरचना में वेतन निर्धारित हो जाने के बाद पदोन्नति/चयन वेतनमान प्राप्त होने की स्थिति में वेतन निर्धारण के लिए शिक्षा निदेशक बेसिक उ0प्र0 के पत्र संख्या- डी0ई0/वि0नि0प0/8017/2009-10, दिनांक 25 मार्च, 2010 के क्रम में जारी संयुक्त सचिव उ0प्र0 शासन के आदेश-3201/79-5-2010-5/2010 दिनांक - 02.11.2010 तथा वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद उ0प्र0 के पत्र बे0शि0प0/ले0सं0 /8758-8898/2011-12, दिनांक- 11 अक्टूबर, 2011 एवं 25 नवम्बर, 2011 द्वारा विभिन्न जिज्ञासा व्यक्त करते हुए आदेश एवं परामर्श मांगे गये। इन पत्राचारों में यही कहा गया है कि 01-01-2006 को वेतन पुनरीक्षण या सीधे भर्ती के कारण स0अ0प्रा0वि0 के उच्चीकृत वेतन संरचना में ग्रेड वेतन 4200 मे मूल वेतन 13500 निर्धारण हो जाने के बाद प्र0अ0प्रा0वि0/स0अ0उ0प्रा0वि0 के पद पर पदोन्नति/चयन वेतनमान के कारण ग्रेड 4600 में वेतन निर्धारण होने की दशा में फिटमेन्ट चार्ट में उक्त पद/ग्रेड के लिए निर्धारित न्यूनतम 12540+4600=17140 दिया जायेगा या शासनादेश सं0-1318/08-12-2008 के प्रस्तर-11 के अनुसार वेतन निर्धारण होगा।

11. उक्त परामर्श के क्रम में शिक्षा अनुभाग-5 के आदेश सं0-4028/79-5-2011-5/2010 दिनांकः 23-12-2011 एवं पुनः स्मरण पत्र सं0-3097/दिनांक 4-10-2012 जारी किया गया। इन आदेशों से स्पष्ट है कि दिनांक 01-01-2006 से स्वीकृत पुनरीक्षित वेतन संरचना में एक बार ग्रेड वेतन 4200 में वेतन निर्धारण हो जाने के बाद ग्रेड वेतन 4600 में पदोन्नति की स्थिति में पदोन्नति पद के ग्रेड वेतन 4600 में सीधे भर्ती के बराबर न्यूनतम 17140 नही दिया जा सकता है। ऐसी स्थिति में वेतन निर्धारण प्रस्तर-11 द्वारा किया जायेगा।

12. शासनादेश संख्या 1318/8 दिसम्बर, 2008 के प्रस्तर 11 के अनुसार पुनरीक्षित वेतन संरचना में एक ग्रेड से दुसरे ग्रेड में पदोन्नति की स्थिति में वेतन बैण्ड में वेतन तथा वर्तमान ग्रेड वेतन की योग की 3 प्रतिषत धनराशि को अगले 10 में पूर्णांकित करते हुए एक वेतन वृद्धि के रूप में आगणित किया जायेगा, लेकिन इन शिक्षकों का वेतन निर्धारण करते समय प्रस्तर 11 का प्रयोग नहीं किया जायेगा, क्योंकि ये शिक्षक पुनरीक्षण आदेश निर्गत होने की तिथि 8 दिसम्बर, 2008 के पूर्व ही स0अ0प्रा0वि0 के वेतनमान 4500-125-7000 से पदोन्नत होकर प्र0अ0प्रा0वि0/ स0अ0 उच्च प्रा0वि0 के वेतनमान 5500-175-9000 को प्राप्त कर चुके थे एवं विकल्प के लाभ के कारण इन शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण सीधे ग्रेड वेतन 4600 में हो रहा है। इस स्थिति में एक ग्रेड वेतन 4200 से दूसरे ग्रेड वेतन 4600 में पदोन्नति नही हो रही है। अतः इन शिक्षकों के वेतन निर्धारण में प्रस्तर 11 का प्रयोग करना शासनादेशों के अनुसार सही नहीं है एवं घोर अन्याय है।

13. शिक्षा अनुभाग-5 के आदेश-23.12.2011 तथा स्वयं के पत्र दिनांक 04 मई, 2012 एवं फिटमेन्ट चार्ट तथा बेसिक शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण के सम्बन्ध में स्थिति को स्पष्ट करते हुए वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिशद, उ0प्र0 ने अपने पत्र संख्या ले0सं0/2012-13-5215- 84/ दिनांक-03 जुलाई, 2012 में स्पष्ट किया है कि 01.01.2006 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों का वेतन पुराने वेतनमान में विकल्प की तिथि को देय वेतन के आधार पर फिटमेन्ट तालिका के अनुसार निर्धारित किया जाना है।

14. फिटमेन्ट तालिका के प्रयोग को पुनः स्पष्ट करते हुए वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिशद, उ0प्र0 के पत्र ले0सं0/वेतन/5678-5817/2012-13, 5/5 दिनांक-27-07.2012 में कहा गया है कि दिनांक-01.01.2006 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों का पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन निर्धारण उनके पुनरीक्षण पूर्व प्राप्त पुराने वेतनमान के मूलवेतन के सादृष्य शासनादेश संख्या-वे0आ0- 2-1272/दस-50(एम)/ 2009, दिनांक-07.09.2009 के साथ संलग्न फिटमेंन्ट तालिका के अनुसार किया जायेगा।

15. . वित्त (वेतन आयोग) अनुभाग-2 से सूचना के अधिकार नियम 2005 के अन्तर्गत दिनांक 07 मई 2010 को मांगे गये सूचना के क्रम में बताया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण 07-09-2009 को निर्गत फिटमेन्ट तालिका में दिए गये व्यवस्था के अनुसार ही होगा।

16. शासनादेश सं0 1313/8-12-2008, 1318/8-12-2008, 1327/11-12-2008, 03-07-2012 एवं 27-07-2013 से स्पष्ट है कि विकल्प के लाभ के कारण इन शिक्षकों को भी वही लाभ प्राप्त होंगे जोकि 01.01.2006 को 5500-175-9000 के वेतनमान में कार्यरत प्र0अ0प्रा0वि0/स0अ0 उच्च प्रा0वि को विभाग द्वारा दिया जा रहा है।

17. उक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि इन शिक्षकों के 01-01-2006 से पहले नियुक्ति तथा वेतन आयोग के पुनरीक्षण आदेश जारी होने की तिथि (08-12-2008) के पूर्व पदोन्नति के पद वेतनमान 5500-175-9000 में वेतन प्राप्त करने के कारण 01-01-2006 को धारित निम्न पद स.अ.प्रा.वि. के वेतनमान 4500-125-7000 से वेतन पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा। बल्कि विकल्प का लाभ देते हुए उच्चतर वेतनमान 5500-175-9000 को प्राप्त करने की तिथि से फिटमेन्ट चार्ट के द्वारा सीधे ग्रेड 4600 में ही करते हुए उच्चीकृत मूल वेतन 12540+4600=17140 दिया जायेगा। फिटमेंट चार्ट में उच्चीकृत वेतन का यह लाभ एक बार ही देय होगा। इस प्रकार प्रथम बार उच्चीकृत वेतन निर्धारण हो जाने के बाद एक ग्रेड वेतन से दूसरे ग्रेड वेतन में पदोन्नति होने की स्थिति में प्रस्तर-11 द्वारा वेतन निर्धारण किया जाएगा।

18. इन शिक्षकों के संदर्भ में 17140 शुद्ध रूप में ग्रेड वेतन 4200 से 4600 में उच्चीकरण का मामला है। वेतन उच्चीकरण की ऐसी स्थिति में शासनादेश सं0- 841/24-12-2009 में वेतन निर्धारण प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख है। 24-02-2009 को पुनरीक्षण पूर्व 5500-175-2009 के पदधारकों का ग्रेड वेतन 4200 से 4600 उच्चीकृत किये जाने के बाद इन शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण इसी शासनादेश से आच्छादित है। वित्त विभाग ने वेतन उच्चीकरण को सरल बनाने के लिए ही 07-09-2009 को फिटमेंट चार्ट जारी किया था लेकिन अधिकारियों ने बहुत ही चालाकी से इसे माननीय उच्च न्यायालय में ग्रेड वेतन 2800 से ग्रेड वेतन 4200 में उच्चीकरण दिनांक 01-01-2006 को ही दिखाते हुए मामले को लम्बा कर दिया है।

19. मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट याचिका सं0- (75907/2011) में शिक्षा निदेशक बेसिक, सचिव बेसिक शिक्षा उ0प्र0, वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा के तरफ से वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा कानपुर देहात द्वारा वित्त नियंत्रक के आदेश 3 जुलाई एवं 27 जुलाई 2012 के संदर्भ में दाखिल किये गये शपथ-पत्र दिनांक 13-09-2012 के प्रस्तर-8, 9, 10, 11 एवं 12 में कहा गया है कि 01-01-2006 के पूर्व नियुक्त बेसिक शिक्षकों का पुनरीक्षित वेतन संरचना में प्रथम बार वेतन निर्धारण फिटमेन्ट चार्ट द्वारा ही किया जायेगा। इस शपथ पत्र के बिन्दु-07 उपबिन्दु-01 से स्पष्ट है कि अधिकारियों द्वारा शासनादेश सं0-1318/08-12-2008 के प्रस्तर-01 में प्राप्त विकल्प के लाभ को मा0 उच्च न्यायालय से तथ्य गोपन कर छिपाते हुए विकल्प के लाभ से इन शिक्षकों को वंचित कर दिया गया।

20. विकल्प के इस लाभ के लिए दाखिल रिट याचिकाओं में वित्त एवं लेखाधिकारियों द्वारा भ्रम पूर्ण जवाब देते हुए वेतन आयोग आदेशों से 08-12-2008 की सीमा रेखा के लाभ को छिपाने का प्रयास करते हुए बार-बार माननीय उच्च न्यायालय को 01-01-2006 की समय रेखा से ही वेतन पुनरीक्षण किये जाने की बात की जा रही है। माननीय उच्च न्यायालय में बार-बार यही बताया जा रहा है कि फिटमेंट चार्ट का लाभ 01-01-2006/विकल्प की तिथि को ही ग्रेड वेतन 4200 में ही दिया जा चुका है। जब कि यह सरासर गलत क्योंकि ये शिक्षक पुनरीक्षण पूर्व प्र.अ.प्रा.वि./स.अ.उ.प्रा.वि के वेतनमान 5500-175-9000 में वेतन प्राप्त कर चुके थे। इसका ग्रेड वेतन 4600 है। अधिकारियों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि इन शिक्षकों ने 08.12.08 से 90 दिन के अन्दर (8.03.2009) यह लिखकर नही दिया था कि हमारे वेतन का पुनरीक्षण 01.01.06 से न करते हुए विकल्प की तिथि/पदोन्नति की तिथि को प्राप्त वेतनमान 5500-175-9000 का किया जाये। इसलिए ऐसे शिक्षकों का वेतन पुनरीक्षण 01.01.2006 से कर दिया गया जबकि सच्चाई यह कि इन अधिकारियों द्वारा विकल्प मांगने के सम्बन्ध में इन शिक्षकों को कोई सूचना नही दी गयी।

21. यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य है कि हम शिक्षकों का वेतन केवल एक शासनादेश 08.12.2008 के द्वारा न करके विभिन्न शासनादेशों द्वारा किया गया है। 08.12.2008 से 90 दिनों (08.03.2009) तक विकल्प देने की बात तब आती जब हमारा वेतन शासनादेश संख्या 1315/08.12.2008 में निर्धारित ग्रेड पे 2800 एवं 4200 के आधार पर पुनरीक्षित होता। लेकिन 90 दिन समाप्त होने 24.02.2009 को पुनः वेतन आयोग द्वारा बेसिक शिक्षकों का वेतन उच्चीकृत/संशोधित करते हुए ग्रेड पे 2800 से 4200 एवं 4600 से कर दिया गया। इसी उच्चीकृत वेतन संरचना में वेतन निर्धारण के लिए वेतन आयोग ने शासनादेश सं0-1272/07-09-2009 के द्वारा फिटमेन्ट जारी कर पुनरीक्षण पूर्व प्राप्त हो रहे वेतनमान के आधार वेतनमान पुनरीक्षण की व्यवस्था कर 08-12-2008 तक 5500-175-9000 के वेतनमान में कार्यरत शिक्षकों को पुनरीक्षण पूर्व प्राप्त वेतनमान के आधार पर स्वतः ही विकल्प का लाभ देते हुए सीधे ग्रेड वेतन 4600 में मूल वेतन 17140 का निर्धारण कर दिया था।

22. शासनादेश सं0-287 एवं 288/16-03-2010 तथा 577/29-06-2010 के अनुसार छठे वेतन आयोग में जब भी वेतन संरचना/ग्रेड पे में परिवर्तन होगा, नया विकल्प लिया जायेगा जिससे कि 08.-12-2008 में दिए गये विकल्प से नुकसान न हो।

अतः स्पष्ट है कि सक्षम शासनादेशों के बावजूद उक्त श्रेणी के शिक्षकों को विकल्प के लाभ से जान-बुझकर वंचित करते हुए 17140 के मुद्दें को अधिकारियों ने बड़ी ही चालाकी से ग्रेड वेतन 4200 से ग्रेड वेतन 4600 में उच्चीकरण के स्थान पर वेतन पुनरीक्षण के समय प्राप्त हो रहे वेतनमान 5500-175-9000 को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए 01-01-2006 को धारित निम्न पद के वेतनमान 4500-125-7000 का पुनरीक्षण करते हुए इसे ग्रेड 4200 से ग्रेड 4600 में पदोन्नति के केस में बदलकर प्रस्तर-11 का प्रयोग कर इन श्रेणी के शिक्षकों को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाकर वेतन आयोग द्वारा दिये गये उच्चीकृत वेतन के लाभ से वंचित कर दिया है।


 ∎ अध्यापको को विकल्प के आधार पर वेतन 17140 दिये जाने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र : तर्क और आखिर क्यों मिलना चाहिए




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सचिव से मिलने की कोशिश पर टीईटी अभ्यर्थियों पर बरसी लाठियां

 लखनऊ। शिक्षकों की रुकी भर्ती प्रक्रिया को शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को पुलिस का कोपभाजन बनना पड़ा। इलाहाबाद शिक्षा निदेशालय पर अनशनरत इन अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा सचिव से मुलाकात करके अपनी बात रखने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठियां भांजकर उन्हें दौड़ा लिया। कुछ आजाद पार्क के पास एकत्रित हुए तो उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस का डंडा चला। इसमें कुछ अभ्यर्थियों को चोटें भी आईं।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी के मद्देनजर सरकार ने 72825 शिक्षकों की भर्ती निकाली थी, लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा को अर्हता या पात्रता मानने को लेकर उठे विवाद के चलते मामला अदालत में पहुंचा और भर्ती अधर में लटक गई। इसके खिलाफ टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसके तहत प्रशिक्षु शिक्षक आवेदक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षा निदेशालय पर अभ्यर्थियों का कई दिन से क्रमिक अनशन जारी है। मंगलवार को प्रदेशभर से सैकड़ों अभ्यर्थी निदेशालय पर जमा हुए। उन्होंने बेसिक शिक्षा सचिव से मुलाकात करनी चाही तो पुलिस ने पहले रोका जब वे नहीं रुके तो बल प्रयोग कर खदेड़ा। दोपहर में भारी संख्या में आजाद पार्क पर अभ्यर्थियों का जमावड़ा हो गया, उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी। इसमें कुछ चोटिल भी हुए।


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