इलाहाबाद। ग्रुप बी अफसर
बनने की व्यवस्था
में रेलवे बदलाव
करने जा रहा
है। अब रिक्त
पदों की तुलना
में योग्य अभ्यर्थियों
की संख्या ज्यादा
हुई तो प्रारंभिक
और मुख्य जैसी
दो परीक्षाओं से
गुजरना होगा। रेलवे का
प्रस्ताव है कि
लोअर डिपार्टमेंटल क
म्पटीटिव एक्जामिनेशन (एलडीसीई) के जरिए
ग्रुप बी अफसर
बनने के लिए
100 अंकों के बहु
विकल्पीय सवालों के स्क्रीनिंग
टेस्ट गुजरना पड़ेगा।
इसमें रिक्त पदों
से 20 गुना ज्यादा
अभ्यर्थियों की संख्या
होने पर स्क्रीनिंग
टेस्ट कराने और
योग्य अभ्यर्थियों की
संख्या इससे कम
होने पर स्क्रीनिंग
टेस्ट न कराने
के विकल्प सुझाए
गए हैं। इन
बदलावों के लिए
कर्मचारी संगठनों की राय
मांगी गई है।
संगठनों की रायशुमारी
के बाद बोर्ड
अंतिम फैसला करेगा।
ग्रुप सी कर्मचारियों
को ग्रुप बी
अफसर बनने के
लिए विभागीय परीक्षा
देनी होती है।
अन्य पदोन्नति की
तरह वरिष्ठता को
इसमें आधार नहीं
बनाया जाता। रेलवे
में इसका लाभ
उठाकर बड़ी संख्या
में ग्रुप सी
कर्मचारी अफसर बने
हैं। अब रेलवे
अब परीक्षा प्रक्रिया
में बदलाव करने
जा रहा है।
रेलवे बोर्ड के
अफसरों के मुताबिक
मुख्य एलडीसीई के
पहले 100 अंकों के बहु
विकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा
कराई जाएगी। इसके
साथ शर्त यह
है कि यह
परीक्षा तभी होगी,
जबकि रिक्त पदों
की संख्या से
20 गुना ज्यादा योग्य अभ्यर्थियों
की संख्या रहेगी।
यदि रिक्त पदों
की अपेक्षा योग्य
अभ्यर्थियों की संख्या
20 गुना से कम
होगी तो 100 अंकों
का स्क्रीनिंग टेस्ट
नहीं कराया जाएगा।
एससी/एसटी अभ्यर्थियों
के मामले में
रिक्त पदों के
सापेक्ष योग्य अभ्यर्थियों की
संख्या 10 गुना से
कम होगी तो
भी स्क्रीनिंग टेस्ट
नहीं कराया जाएगा।
मुख्य परीक्षा में
श्रेणीवार रिक्त पदों की
तुलना में 10 गुना
अभ्यर्थियों को मौका
दिया जाएगा। रेलवे
अफसरों का कहना
है कि परीक्षा
प्रक्रिया में बदलाव
के पीछे गुणवत्ता
में सुधार लाना
है। आधिकारिक सूत्रों
का दावा है
कि अब गेंद
कर्मचारी संगठनों के पाले
में है।
•अभ्यर्थियों
की संख्या बढ़ी
तो होंगी दो
परीक्षाएं
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