Tuesday, October 1, 2013

शिक्षकों की भर्ती में यूपी फिसड्डी



-आरटीई पर जारी ताजा आंकड़े में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में फिसड्डी साबित हुआ है। आरटीई कानून 2009 में बनने के बाद तीन साल तक जरूरी व्यवस्था की लिए मिली मोहलत के बावजूद यूपी में शिक्षकों की भर्ती के मामले में कुछ खास नहीं किया गया। अप्रैल, 2013 में इस एक्ट के प्रभावी हो जाने के बाद पहली बार जारी हुए आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 306680 पद रिक्त हैं। इस मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार समिति (केब) की 10 अक्तूबर को होने वाली बैठक में देश में आरटीई कानून में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा होगी। बैठक से पहले आरटीई में देश के विभिन्न राज्यों की प्रगति संबंधी रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों में ढांचा के निर्माण का काम तो अधिकांश राज्यों ने पूरा कर लिया है किंतु शिक्षकों की भर्ती, उनके प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम में बदलाव जैसे अहम कदम उठाने में कई राज्य बहुत पीछे हैं। देश में इस समय कुल 1187761 शिक्षकों के पद रिक्त हैं इनमें से चालीस फीसदी रिक्तियां अकेले यूपी और बिहार में हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश में इस समय कार्यरत शिक्षकों में से 20 फीसदी शिक्षक (8.6 लाख) अप्रशिक्षित हैं। इनमें 1.43 लाख शिक्षक यूपी से से हैं। प्रदेश अप्रशिक्षित शिक्षकों के मामले में पश्चिम बंगाल और बिहार के बाद तीसरे स्थान पर है। आरटीई कानून के तहत राज्यों को बच्चों की उम्र के अनुसार पाठ्यक्रमों में बदलाव के लिए मानक तय किए गए थे। हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत चार राज्यों में अभी तक पाठ्यक्रम के बदलाव का काम अधर में है। नये कानून के तहत प्राइमरी स्कूलों में साल भर में कम से कम 200 दिन और माध्यमिक स्कूलों में 220 दिन की पढ़ाई होना जरूरी है। इन मानकों को पूरा करने वाला गोवा देश का एकमात्र राज्य है।
आठवीं कक्षा तक लागू नो डिटेंशन पॉलिसी (फेल नहीं करने का नियम) की समीक्षा के लिए जून, 2012 में गठित केब की उप समिति अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं ले सकी। उप समिति की अध्यक्ष हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के बार-बार दावों के बावजूद रिपोर्ट नहीं जमा करने के कारण इस मामले में आगे भी असमंजस बरकरार रहेगा। केब की बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी।
 


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प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि...




झांसी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में तैनात शिक्षा मित्रों को अगले वर्ष पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा दिया जाएगा। इन शिक्षा मि...त्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए परिषदीय स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के रिक्त पदों पर भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। वह सोमवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय स्थित गांधी सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
श्री चौधरी ने बताया कि उच्च प्राथमिक स्कूलों को पूर्णत: कंप्यूटरीकृत कराया जाएगा। शासन स्तर पर रूपरेखा तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि कान्वेंट की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए जल्द ही अंग्रेजी शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इतना ही नहीं विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को भी अंग्रेजी बोलने के लिए मास्टर ट्रेनर के जरिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ऐसा होने पर कान्वेंट की राह पकड़ने वाले छात्र एक बार फिर सरकारी स्कूलों की ओर रुख करेंगे। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संस्कृत संगीत शिक्षकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगी है, जल्द ही इन विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में खाली पडे़ शिक्षकों के पद को भरने के मुद्दे पर उनकी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बैठक हो चुकी है। जल्द ही मुख्यमंत्री इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए दो महीने पहले लगभग 41 हजार अनुदेशकों की भर्ती की जा चुकी है। रिक्त बच गए पदों पर भी अनुदेशकों की बहाली की जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शासन स्तर से सभी बेसिक शिक्षाधिकारी खंड शिक्षाधिकारियों को प्रत्येक माह दस- दस स्कूलों के औचक निरीक्षण का लक्ष्य दिया गया है। शासन स्तर पर प्रत्येक जिले से आने वाली रिपोर्ट पर निगाह रखी जा रही है।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, जल्द भरे जाएंगे परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पद

उच्च प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत संगीत शिक्षक होंगे तैनात

कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा ग्रहण करेंगे छात्र


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Monday, September 30, 2013

बीटीसी सत्र इस बार भी होगा लेट

 एक अक्तूबर से शुरू होना था सत्र, लेकिन कार्यक्रम में थीं कई खामियां
निजी क्षेत्र के 260 कॉलेज भी संबद्धता की लाइन में
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। राज्य सरकार की मंशा थी कि इस साल से बीटीसी सत्र नियमित कर दिया जाएगा। इसके लिए संबद्धता देने और दाखिले के बाद एक अक्तूबर से सत्र शुरू करने का कार्यक्रम जारी किया गया था लेकिन कुछ खामियों के चलते सत्र इस बार भी देर से शुरू हो पाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने संशोधित आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि जहां 4 अक्तूबर तक बढ़ा दी है, वहीं अभी 260 निजी कॉलेज संबद्धता की लाइन में हैं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक के साथ बीटीसी है। प्रदेश में अभी तक बीटीसी सत्र नियमित नहीं हो पाया। इसलिए शासन स्तर से यह तय किया गया था कि निजी कॉलेजों को संबद्धता देने की प्रक्रिया 15 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी और 30 सितंबर तक छात्रों को प्रवेश दे दिया जाएगा। इसके बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) व निजी कॉलेजों में बीटीसी की पढ़ाई एक अक्तूबर से शुरू करा दी जाएगी।
इसके लिए शासनादेश जारी करते हुए आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई लेकिन छह हजार से अधिक आवेदकों ने गलत आवेदन भर दिए। इसके चलते एससीईआरटी ने त्रुटिपूर्ण आवेदनों को ठीक करते हुए डायटों में 21 सितंबर तक जमा करने का मौका दिया। फिर भी चार हजार से अधिक आवेदकों ने संशोधित फार्म जमा नहीं किए। अब चार अक्तूबर तक का समय दिया गया है। इसके अलावा करीब 260 निजी कॉलेज ऐसे हैं जिन्हें संबद्धता दिया जाना अभी बाकी है। राज्य समिति की बैठक अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में होगी। इससे बीटीसी सत्र एक बार फिर लेट होना तय है। प्रदेश में मौजूदा समय डायट में बीटीसी की 10,400 और 458 निजी कॉलेजों में 22,900 सीटें हैं। 260 निजी कॉलेजों को संबद्धता मिलने पर 13,000 सीटें और बढ़ जाएंगी।


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वेरिफिकेशन के बाद तय होगा पीएचडी एंट्रेंस




अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी के ऐसे 25 कोर्सेज में प्रवेश परीक्षा के पहले अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा। ये वे कोर्सेज हैं जिसमें सीटों की संख्या के मुकाबले आवेदन ज्यादा नहीं आए हैं। यह फैसला लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे ने किया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जिन कोर्सेज में फॉर्म की संख्या और सीटों में बहुत अंतर नहीं है, उनमें से कई में वेरिफिकेशन के बाद प्रवेश परीक्षा की नौबत नहीं आएगी। अगर वेरिफिकेशन के बाद सीटों की संख्या के बराबर या उससे कम आवेदन करने वाले हैं तो उन्हें मेरिट पर एडमिशन दे दिया जाएगा। वेरिफिकेशन का काम 30 सितंबर से चार अक्तूबर तक होगा।
449 सीटों के मुकाबले 695 जेआरएफ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। ऐसे में वेरिफिकेशन में यह तय हो जाएगा कि कितने अभ्यर्थी दाखिला लेने के इच्छुक हैं। अगर अभ्यर्थी दाखिला नहीं लेते हैं और सीटें खाली रह जाती हैं तो इसे दूसरे चरण में नेट, एमफिल पीजी पास अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। वेरिफिकेशन के बाद अभ्यर्थियों को तीन दिन में एडमिशन लेना होगा। इसके अलावा 21 ऐसे कोर्स हैं जिसमें सीटों के मुकाबले आवेदन करने वालों की संख्या कम हैं, वहां अभ्यर्थी को मेरिट के आधार पर प्रवेश मिल जाएगा।
 


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News : मिस फिलीपींस चुनी गईं मिस वर्ल्ड-2013

General Knowledge Important Question
130 सुंदरियों को पीछे छोड़ मेगान यंग बनीं नई मिस वर्ल्‍ड-2013, अंतिम 10 में भी नहीं पहुंच पाई मिस इंडिया नवनीत

Megan Lynne Young (born 27 February 1990) 
Megan Young was crowned as Miss World 2013 in Bali, Indonesia, making her the first Filipina to win the title of Miss World since its creation in 1951. She bested 126 contestants all over the world. During the preliminaries, she also won the "Top Model" competition, placed fourth in the "Multimedia Challenge" and fifth in the "Beach Beauty" contest
फिलीपींस की सुंदरी मेगन यंग को शनिवार को मिस वर्ल्ड-2013 चुन लिया गया। सौंदर्य प्रतियोगिता में फ्रांस की सुंदरी मैरीन लॉरफेलिन दूसरे स्थान पर और घाना की सुंदरी कैरांजर ना ओकेली शूटर तीसरे स्थान पर रहीं। फिलीपींस ही 23 वर्षीय यंग ने मिस इंडिया नवनीत कौर ढिल्लन सहित दुनिया की कुल 126 सुंदरियों को पछाड़ते हुए मिस वर्ल्ड का ताज हासिल किया। भारतीय सुंदरी नवनीत मिस वर्ल्ड सौंदर्य प्रतियोगिता में शीर्ष 20 तक पहुंचने में कामयाब हो सकीं।
2012 की मिस वर्ल्ड यू वेन्ज़िया ने आकर उन्हें मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया। प्रतियोगिता की फर्स्ट रनर अप रहीं मिस फ्रांस मरीन लोर्फेलीन और सेकंड रनर अप रहीं मिस घाना कैरेनज़ार ना ओकायले शूटर

मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के 63वें संस्करण में विजेता का चयन करने दुनिया की कई जानी-मानी हस्तियों को निर्णायक बनाया गया था। इनमें ब्रिटिश टेलीविजन के कार्यकारी निर्माता एवं निर्देशक केन वारविक, मिस वर्ल्ड संगठन की अध्यक्ष जूलिया मोर्ले, भारतीय मीडिया समूह बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विनीत जैन आदि शामिल थे।
मिस वर्ल्ड-2013 यंग का जन्म अमेरिकी में हुआ, तथा 10 वर्ष की आयु में वह फिलीपींस चली आईं। इस समय वह डिजिटल फिल्म निर्माण का अध्ययन कर रही हैं, तथा कई फिल्मों एवं टीवी शो में काम कर चुकी हैं।

मिस वर्ल्ड-2013 मेगन यंग से सम्बंधित तथ्य 
मिस वर्ल्ड-2013 मेगन यंग (Megan Young) का जन्म अमेरिकी में हुआ, तथा 10 वर्ष की आयु में वह फिलीपींस चली आईं। इस समय वह डिजिटल फिल्म निर्माण का अध्ययन कर रही हैं, तथा कई फिल्मों एवं टीवी शो में काम कर चुकी हैं. मेगन यंग ने कहा कि उनके जीवन में उनकी मां का सर्वाधिक प्रभाव है. वह दुनिया को बताना चाहती हैं कि फिलीपींस वासी मेहनती होते हैं, तथा कितनी ही विपत्ति हो, वे दूसरों की सहायता करने को तत्पर रहते हैं.


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