Saturday, September 28, 2013

30 सितम्बर को होगा पराविधिक स्वयं सेवकों का साक्षात्कार

 FARRUKHABAD : तहसील अमृतपुर में पराविधिक स्वयं सेवकों का चयन करने के लिए तहसीलदार अमृतपुर ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि 30 सितम्बर को 25 पदों पर साक्षात्कार किया जायेगा।
सिविल जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फर्रुखाबाद के निर्देशानुसार तहसीलदार अमृतपुर ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि फर्रुखाबाद में 25 पराविधिक स्वयं सेवकों का चयन किया जाना है। तहसील अमृतपुर के पराविधिक स्वयं सेवकों के पदों पर आवेदन करने वाले समस्त अभ्यर्थियों को सूचित किया गया है कि वह तहसील अमृतपुर के कार्यालय में समय प्रातः 10 बजे 30 सितम्बर 2013 को साक्षात्कार हेतु आमंत्रित किया गया है। अभ्यर्थी अपने समस्त मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र एवं उनकी प्रमाणित छायाप्रतियां व मूल निवास प्रमाणपत्र अथवा वोटर पहचानपत्र के साथ उपस्थित होंवे। जिसके लिए यात्रा भत्ता अथवा अन्य कोई भत्ता देय नहीं होगा।

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Upper Primary Teacher Recruitment UP / Allahabad Highcourt : Writ in Court regarding Educational Qualification for Junior Teacher Recruitment Process UP



Actually I don't know details i.e. what happened in court for below writ petition. But this writ matter is discussed on facebook, 
However I felt , You do not afraid of such cases as NCTE and Govt. will solve this issue.

And the best thing is there is NO STAY on recruitment process and all writs / cases will be disposed soon.

Best Wishes to All Junior Teacher Job Aspirants.


Yeh case facebook par charcha mein hai - Court No. - 1
Case :- WRIT - A No. - 53620 of 20137
Petitioner :- Jitendra Singh And 4 Ors.
Respondent :- State Of U.P.& 2 Ors.
Counsel for Petitioner :- Sadanand Mishra,Seemant Singh
Counsel for Respondent :- C.S.C.,Santosh Kumar
Hon'ble Vikram Nath,J.
Learned counsel for the petitioners is permitted to implead the National
Council for Teachers Education, New Delhi through its Secretary and the
Northern Region National Council for Teachers Education at Jaipur through
its Secretary as respondent nos.4 and 5. He may give due notice to the learned
counsel representing the aforesaid two authorities within 24 hours and inform
him about the date fixed in the matter.
Put up as a fresh case on Tuesday, 1.10.2013.
Order Date :- 27.9.2013

Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2827586

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Some people on facebook give interpretation / hearing details of this case as  -

According to Washeem Ahamad- न्यायमूर्ति विक्रम नाथ के कोर्ट नंबर एक में हमारे साथी सदानंद मिश्रा और उनके मित्र सीमांत सिंह ने कन्नौज के जितेन्द्र सिंह की याचिका संख्या 53620 पर शानदार बहस करते हुए जूनियर की भर्ती के ताबूत में पहली कील ठोंक दी ,,,, अब एकैडमिक वालों को पता चलेगा कि टेट मेरिट वालों से टकराने का क्या अंजाम होता है ,,अभी तो यह मात्र आगाज है,,,,,
याचिका पर बहस करते हुए हमारे वकीलों ने कोर्ट का ध्यान सरकार द्वारा NCTE की गाइड लाइन के उल्लंघन पर दिलाया जिसमें विज्ञान-गणित के शिक्षकों के लिए जूनियर में विज्ञान वर्ग का टेट पास होना अनिवार्य बताया गया है,,,जबकि बी.ए.गणित वालों ने कला वर्ग का टेट पास किया है,,,, जाहिर है वो NCTE द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता जूनियर का विज्ञान वर्ग का टेट पास होना पूरी नहीं करते ,, साथ ही बी.सी.ए.,बी.बी.ए.,बी.एस.सी.होम साइंस, B.U.M.S, B.H.M.S के पाठ्यक्रम को विज्ञान-गणित शिक्षकों की भर्ती के लिए अपर्याप्त बताया गया है ,,,,,
याचिका पर हुई बहस के बाद जज साहब ने पहले तो अपने माथे पर आय पसीना पोछने के बाद मंद स्वर में जो कहा उसे ना बताना ही बेहतर है वरना विज्ञान के एकैडमिक पुराधाओं के पैरों तले जमीन खिसक जायेगी,,,,उसके बाद जज साहब ने याचिकाओं में उठाये सभी बिंदुओं पर सहमति देते हुए हमारे वकीलों को अपनी ओर से एक परामर्श दिया कि NCTE को आप लोगों ने पार्टी क्यों नहीं बनाया ,,,,
कोर्ट ने सरकारी वकील को निर्देश दिया है कि वो अगली सुनवाई में (एक अक्टूबर ) में इस बारे में सरकार से निर्देश प्राप्त करके आये,,,,,

ये तो हुई कानूनी बात,,,, अब आते हैं असली मुद्दे पर,,,,,ऊपरी तौर से तो ऐसा लग रहा है कि इस मुकदमें का मकसद बी.ए गणित वालों समेत बी.सी.ए.,बी.बी.ए.,बी.एस.सी.होम साइंस, B.U.M.S, B.H.M.S को भर्ती से बाहर करवाना है ,,लेकिन इसके परिणाम उम्मीद से कुछ ज्यादा दूरगामी होने की उम्मीद है ,,,,, बी.ए. गणित वालों को बाहर करने पर वो अपील में जायेंगे और तर्क देंगे कि NCTE एवं सरकार द्वारा उन्हें विज्ञान वर्ग का का टेट देने का विकल्प नहीं दिया गया था जबकि वो गणित शिक्षक बनने के लिए गणित से स्नातक की अहर्ता रखते हैं,,,, जाहिर है यह गलती बी.ए मैथ वालों की ना होकर NCTE और सरकार की है ,,,, इसका एक ही न्यायसंगत निदान है,,,, एक और टेट हो जिसमें विज्ञान और कला वर्ग के टेट अलग-अलग समय पर हों जिससे कोई अभ्यर्थी दोनों ही वर्ग के टेट दे सके ,,,,,,मेरी जानकारी के अनुसार इसी केस में एक और समस्या भी आई है,,,, सरकार ने बी.बी.ए. बी.सीए. वालों के वर्ग का निर्धारण करने के लिए इंटर में उनके विषयों को आधार बनाया है,,यदि ऐसा है तो कला वर्ग के वो अभ्यर्थी जिन्होंने विज्ञान से इंटर किया है जूनियर में विज्ञान-गणित के शिक्षक बनने योग्य हो जाते हैं,,,,,,,,

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Actually I don't know details i.e. what happened in court.
However I felt , You do not afraid of such cases as NCTE and Govt. will solve this issue.

And the best thing is there is NO STAY on recruitment process and all writs / cases will be disposed soon.

Best Wishes to All Junior Teacher Job Aspirants.



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शिक्षक भर्ती पर रोक हटाने को हाईकोर्ट की शरण में


  जाब्यू, इलाहाबाद : प्रदेश में 72835 शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक हटाने के लिए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। छात्रों के एक समूह ने उच्च न्यायालय में अर्जी देकर कहा है कि उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट में पहले से ही सुनवाई चल रही है। अभ्यर्थियों में अमित सिंह फतेहपुर, विपुल यादव, कपिल यादव, हरिओम गुप्ता, जितेंद्र, अतुल यादव, अजय ठाकुर, प्रभात मिश्र, सुशील यादव, मनोज पांडेय आदि हैं। अभ्यर्थियों के अनुसार इस भर्ती के न शुरू होने से युवा हताशा में हैं। कई अभ्यर्थी आत्महत्या कर चुके हैं। अदालत से रोक हटाने की गुहार की जाएगी।

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एक प्रति छात्र, दूसरी एजेंसी के पास और तीसरी बोर्ड में रहेगी




  • दो की जगह ओएमआर शीट की तीन कापियां बनवाएगा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड

हरिशंकर मिश्र, इलाहाबाद

प्रदेश में माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंकों का हिसाब-किताब अब माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी रखेगा। इसके लिए अभ्यर्थियों के ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिका) की एक प्रति अब बोर्ड कार्यालय में भी रखी जाएगी। कोई भी विवाद उत्पन्न होने की स्थिति में बोर्ड इस शीट से मिलान कर सकेगा। इस व्यवस्था के बाद न सिर्फ गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा, बल्कि अदालती विवादों में भी कमी आएगी।
अब तक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ओएमआर शीट की एक भी प्रति कार्यालय में नहीं रखता था। परीक्षा के लिए दो ओएमआर शीट तैयार की जाती थी। इनमें एक प्रति छात्र अपने स्थान ले जाते थे जिससे वे वेबसाइट पर जारी उत्तरों से अपने उत्तरों का मिलान करते थे। दूसरी शीट परिणाम तैयार करने वाली एजेंसी को भेज दिया जाता था। बीते सालों में ऐसे कुछ मामले पकड़े गए जिसमें ओएमआर शीट में अंकों में हेरफेर करके अपने चहेतों को नियुक्ति दिलाने का प्रयास किया गया। इसमें बोर्ड के भी कुछ लोग शामिल थे और एजेंसी की मिलीभगत की बात भी सामने आई। अभी हाल ही में टीजीटी-पीजीटी-2 011 की भर्ती की मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद भी बोर्ड को ओएमआरशीट की प्रति न रखने का खामियाजा भुगतना पड़ा और हाईकोर्ट ने इस परीक्षा पर रोक लगा दी। इसके बाद इस पर गंभीरता से विचार शुरू हुआ और पिछले दिनों हुई बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। 1माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव वंश गोपाल मौर्य के अनुसार यदि एक शीट यहां रहेगी तो परीक्षाफल में गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी। जरूरत पड़ने पर बोर्ड में रखी प्रति से अंकों का मिलान किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तीन कापियां तैयार कराई जाएंगी जिसमें एक प्रति छात्र के पास, एक एजेंसी के पास और एक बोर्ड के पास रहेगी।
टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के लिए अनुमति मांगेगा चयन बोर्ड
जाब्यू, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड टीजीटी-पीजीटी-2 011 के अदालत में चल रहे विवाद में जल्द ही हलफनामा लगाएगा। इसके साथ ही परीक्षा संपन्न कराने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति भी मांगी जाएगी। बोर्ड के सचिव वंश गोपाल मौर्य के अनुसार वर्तमान में सदस्यों का कोरम पूरा है। इसलिए बोर्ड निर्णय लेने में सक्षम है। अनुमति मिल जाने पर टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के पांच लाख अभ्यर्थियों के भविष्य की राह खुल सकेगी।

एक प्रति छात्र, दूसरी एजेंसी के पास और तीसरी बोर्ड में रहेगी
 


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टीईटी का कड़ा विरोध करेंगे शिक्षामित्र



लखनऊ। प्रशिक्षण के बाद शिक्षामित्रों के समायोजन में टीईटी का पेंच लगाने का आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन ने कहा है कि कुछ अधिकारी शिक्षामित्रों पर टीईटी थोपना चाहते हैं। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे को लेकर 6 नवम्बर को ऐसोसिएशन के
सभी जिलाध्यक्षों प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है। बैठक में इस मुद्दे पर संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि 25 सितम्बर को हुई अधिकारियों के साथ बैठक में समायोजन को लेकर र्चचा की गयी थी, लेकिन कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो पाया। इसके बाद भी कुछ अधिकारी टीईटी को लेकर बयानबाजी पर आमादा हैं। उन्होंने कहा कि 2010 में जब 1.24 लाख शिक्षामित्रों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने प्रशिक्षण कराने की अनुपति दी थी तो शिक्षक मानकर प्रशिक्षण शुरू कराया गया था। सरकार ने कैबिनेट में जो प्रस्ताव रखा, उसमें भी शिक्षामित्रों को शिक्षक मानकर ही प्रशिक्षण कराने का प्रस्ताव पास हुआ, इसके साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में भी शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर
समायोजित करने में टीईटी कराने का कोई जिक्र नहीं है। विरोधी अधिकारी ही इस तरह का षडयंत्र कर रहे हैं, लेकिन इसे अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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शिक्षणेतर कर्मचारी को राज्य कर्मियों के समान वेतन



जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षा से जुड़े विभागों के शिक्षणेतर कर्मचारियों को अब राज्य कर्मचारियों के समान वेतन मिलेगा। कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को वित्त विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है। इस फैसले से बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा महकमों के अलावा चिकित्सा शिक्षा और कृषि शिक्षा से जुड़े शिक्षण संस्थानों के 27 संवर्गो के तकरीबन एक लाख शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
रिजवी वेतन समिति की सिफारिश के क्रम में जारी शासनादेश के मुताबिक सभी शिक्षण संस्थाओं में समान श्रेणी वाले पदों पर उसी तरह वेतनमान और ग्रेड पे दिया जाएगा जिस तरह राज्य कर्मचारियों को दिया जाता है। शर्त यह होगी कि शिक्षणेतर कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता भी समतुल्य राज्य कर्मचारियों के समान हो। जिन संवर्गों को इससे फायदा मिलेगा उनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, कनिष्ठ वर्ग के प्राविधिक पद, लिपिकीय संवर्ग, आशुलिपिक संवर्ग, लेखा कर्मचारी संवर्ग, लेखा परीक्षा कर्मचारी संवर्ग, सांख्यिकीय संवर्ग, पुस्तकालय कर्मचारी/अधिकारी, अनुरेखक मानचित्रकार संवर्ग, डिप्लोमा इंजीनियर, फोटोग्राफर, कलाकार, तकनीशियन, फार्मासिस्ट, नर्सिंग, फिजियोथेरेपिस्ट, आहार विशेषज्ञ, जन विश्लेषक, समाजशास्त्री, विधि सहायक/विधि अधिकारी, प्रकाशन संवर्ग, टेलीफोन ऑपरेटर, कम्प्यूटर (ईडीपी) संवर्ग, उर्दू अनुवादक और स्टोर कीपर संवर्ग शामिल हैं। वाहन चालकों के बारे में वर्तमान में लागू व्यवस्था या वेतनमानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
 


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4 तक जमा कर सकेंगे संशोधन आवेदन पत्र



  • 4907 अभ्यर्थियों ने नहीं जमा किए हैं संशोधन पत्र 
  • बीटीसी प्रशिक्षण के अभ्यर्थियों को मौका 
लखनऊ। दो बार मौका देने के बावजूद सूबे में चार हजार से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने बीटीसी प्रशिक्षण-2013 में आवेदन के बाद अपना संशोधन पत्र डायट में नहीं जमा किया है। राज्य सरकार ने ऐसे अभ्यर्थियों को एक और मौका देते हुए 4 अक्टूबर तक समय दे दिया है। यदि इस बार भी संशोधित आवेदन पत्र संबंधित डायट में नहीं जमा किया गया तो अभ्यर्थी के मूल आवेदन में दर्ज जानकारियों के आधार पर ही मेरिट बनाई जाएगी। इस बार बीटीसी में {,{},700 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन फार्म भरे हैं। इनमें से बहुत से अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने आवेदन फार्म में कुछ त्रुटि की थी। उन्हें 2 सितंबर तक संशोधन करने के बाद शिकायत संख्या के सापेक्ष संशोधित फार्म का प्रिंटआउट निकालकर उसकी प्रति तथा पूर्व में किए गए आवेदन के प्रिंटआउट की प्रति के साथ उसी कार्य दिवस या अगले दिन गृह जनपद के डायट प्राचार्य कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा करना था। लेकिन प्रदेश भर में {,911 ऐसे अभ्यर्थी थे जिन्होंने आवेदन में संशोधन तो किया लेकिन उसकी प्रति डायट में नहीं जमा की। एससीईआरटी सूत्रों के अनुसार ऐसे अभ्यर्थियों को 21 सितंबर तक डायट में अपने संशोधन आवेदन पत्र जमा करने का मौका दिया गया। लेकिन फिर भी 4907 अभ्यर्थियों ने संशोधन प्रपत्र नहीं जमा किए। अब इन्हें एक और मौका देते हुए 4 अक्टूबर तक समय दिया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश भर में बीटीसी की 33,400 सीटें हैं। इनमें से {3 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थाओं (डायट) एवं एक कालेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन में बीटीसी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 10,450 तथा निजी क्षेत्रों में बीटीसी प्रशिक्षण के लिए 451 संस्थानों में 22,{50 सीटें उपलब्ध हैं।4907 अभ्यर्थियों ने नहीं जमा किए हैं संशोधन पत्र