Monday, September 23, 2013

टीईटी अभ्यर्थी हताश



अनिश्चित डगर पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती

आशंका कि कहीं बीटीसी-2001 जैसा हाल हो जाए इस परीक्षा का

हरिशंकर मिश्र, इलाहाबाद

मुकदमे पर मुकदमे और तारीख पर तारीख। अब से दो साल पहले राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा के सहारे प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी की आस संजोए लगभग पौने दो लाख अभ्यर्थियों को अब भविष्य की राह अनिश्चित सी नजर आने लगी है। इसी हताशा ने युवकों को सड़क पर उतरने के लिए बाध्य कर दिया है, हालांकि वे जानते हैं कि मामला अदालत में है।

टीईटी को लेकर शुरू से ही उम्मीदें जगने और फिर अधर में लटकने का खेल होता रहा है। नवंबर 2011 में बसपा सरकार में यह परीक्षा हुई थी और उसके बाद राज्य सरकार ने भर्ती की नियमावली में फेरबदल करके ऐसे विवाद को जन्म दिया जो लंबी अदालती लड़ाई का कारण बना। परीक्षा का परिणाम आने के साथ तो विवादों की झड़ी ही लग गई। कहीं परीक्षा में अनियमितता का मामला उठा तो कहीं पैसे लेकर पास कराने का। तत्कालीन शिक्षा निदेशक संजय मोहन को इन्हीं आरोपों में जेल तक जाना पड़ गया। इसके बाद सपा सरकार आई और नए सिरे से विज्ञापन निकाला गया जिसमें जिला वार आवेदन होने से अधिकांश अभ्यर्थियों को बीस से पचीस हजार रुपये तक का खर्च उठाना पड़ गया। हालांकि इसके बाद भी नियुक्तियां नहीं हो सकीं। विवादों का साया और गहराता ही गया और टीईटी अभ्यर्थी अनिश्चितता के ही आलम में फंसे रहे। यहां तक कि अदालत में टीईटी के औचित्य तक को चुनौती दी गई। हालांकि कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में टीईटी को अनिवार्य करार दिया। टीईटी अभ्यर्थियों में एक विकास पांडेय कहते हैं कि अभी तक यह तय नहीं है कि नियुक्तियों की स्थिति क्या होगी। स्थितियां कुछ भी हों, विवाद कुछ भी हो, उससे प्रभावित तो अभ्यर्थी ही हुए हैं।

इसी कारण विरोध-प्रदर्शन की आग सूबे के कई जिलों में फैलती जा रही है। गौरतलब है कि टीईटी अभ्यर्थी लखनऊ समेत आजमगढ़, सुल्तानपुर, देवरिया, रायबरेली आदि कई जनपदों में प्रदर्शन कर चुके हैं जिनमें कई स्थानों पर उन्हें लाठियां भी खानी पड़ी हैं। इलाहाबाद में तो लगातार अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चल रहा है। 1बीटीसी-2001 का भी ऐसा ही हुआ था हाल : बीटीसी-2001 की परीक्षा में भी अभ्यर्थियों को कमोबेश ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था। भाजपा शासन में हुई इस परीक्षा का परिणाम विवादों में फंस गया था। विजलेंस जांच हुई थी, निदेशक पर आरोप लगे थे और परिणाम रद होने के बाद अदालत के हस्तक्षेप पर दोबारा घोषित हुई था। लेकिन इस पूरे विवाद में अभ्यर्थियों के आठ साल लग गए थे। अब अभ्यर्थियों को आशंका है कि कहीं उन्हें दोबारा ऐसी ही स्थितियों से दो-चार होना पड़े।

हाईकोर्ट की शरण लेंगे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

इलाहाबाद : प्रशासनिक उपेक्षा से आहत टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। अभ्यर्थी सोमवार को सामूहिक रूप से हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं से मुलाकात करके नियुक्ति के लंबित मामले का अतिशीघ्र निस्तारण कराने की गुजारिश करेंगे। वहीं शिक्षा निदेशालय पर अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन रविवार को छठें दिन भी जारी रहा। अभ्यर्थियों के समर्थन में शिक्षक संगठन भी खुलकर सामने आने लगे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी ने कहा कि सरकार जानबूझकर नियुक्ति के मामले को लटकाए है, वह अभ्यर्थियों का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। शर्मा गुट के वरिष्ठ नेता शैलेश पांडेय ने बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया लटकने से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं, हजारों युवाओं के सपने टूट रहे हैं, जिससे उन्हें मानसिक आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि अभ्यर्थियों के समर्थन में सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा। अनशन का नेतृत्व कर रहे मनोज मौर्य ने कहा कि प्रशासनिक उपेक्षा से अभ्यर्थी आहत हैं, बावजूद इसके हमारा संघर्ष जारी रहेगा। अनशन में रणविजय सिंह, कुंवर सिंह यादव, आशीष कुशवाहा, सत्य प्रकाश सिंह, राजेंद्र गुप्त, सुनील, सुभाष सरोज, विजय शामिल रहे।


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Upper Primary Teacher Recruitment UP : Increase in Age Limit from 35 to 40 Years is Dismissed in Allahabad Highcourt UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates /


However one more writ of Shalini Gangwar regarding increase in age limit is pending in court for disposal.


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News Sabhaar : Hindustan Paper (22.9.13)

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60 Thousand Shiksha Mitra will get Pay of Rs 25000/- after samayojan / regularization in Primary Teacher Job

 News Sabhaar : Hindustan Epaper (22.9.13)
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As per news BUDGET PROVISION already made for this Samayojan.


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शिक्षा मित्रों को जनवरी से मिलेगा नया वेतन





शिक्षक बनते ही पाएंगे 25 हजार
लखनऊ (ब्यूरो) पहले चरण में प्रशिक्षण पा रहे शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनने पर 24,970 रुपये वेतन मिलेगा। ऐसे 60 हजार शिक्षकों के वेतन निर्धारण का प्रस्ताव बना लिया गया है। इसी के अनुसार अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किया गया है। इन शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण दिसंबर में पूरा होगा और जनवरी में शिक्षक के तौर पर इनका समायोजन किया जाएगा।
प्रदेश में एक लाख 24 हजार शिक्षा मित्रों को दो चरणों में नियमित शिक्षक बनाया जाना है। पहले चरण में जनवरी-2014 में 60 हजार शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण पूरा होने पर वे नियमित हो जाएंगे। उसके एक साल बाद जनवरी- 2015 में 64 हजार शिक्षा मित्र नियमित होंगे। इनके अनुमानित वेतन और उस पर आने वाले खर्च का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशालय में वित्त नियंत्रक ने यह प्रस्ताव निदेशक को भेज दिया है।
प्रस्तावित वेतनमान के मुताबिक 9300 रुपये पेबैंड, 4200 रुपये ग्रेड पे, 10800 रुपये महंगाई भत्ता और 670 रुपये किराया भत्ता दिया जाएगा। शुरू में कुल वेतन 24,970 रुपये होगा। इस पर आने वाले खर्च के लिए सरकार ने जनवरी- फरवरी-2014 में दो अरब 99 करोड़ 64 लाख के अनुपूरक बजट का प्रावधान किया है। दूसरे चरण के 64 हजार शिक्षा मित्रों के वेतन पर चार अरब 79 करोड़ 42 लाख 40 हजार रुपये के खर्च का अनुमान जनवरी- फरवरी-2015 के लिए किया गया है।
उप्र शिक्षा मित्र-शिक्षक कल्याण समिति ने इस पर खुशी का इजहार किया है। समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा, महामंत्री शिवशंकर राजभर और उपाध्यक्ष रश्मिकांत ने सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया है।
 

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Saturday, September 21, 2013

यूपी का हर चौथा सजायाफ्ता पोस्ट ग्रेजुएट


अंकुर तिवारी
लखनऊ। यूपी के अपराधी सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। देश की जेलों में बंद हर चौथा पोस्टग्रेजुएट सजायाफ्ता यूपी से है। यही नहीं सबसे ज्यादा स्नातक अपराधी भी यूपी की जेलों में सजा काट रहे हैं। यह नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की जेलों पर आई 2012 की रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश की जेलों में 1551 पोस्टग्रेजुएट सजायाफ्ता कैदी हैं। इनमें सबसे ज्यादा 398 कैदी यूपी की जेलों में बंद हैं।
यूपी के बाद सबसे ज्यादा पोस्टग्रेजुएट कैदी (156) मध्य प्रदेश की जेलों में हैं। अंडरट्रायल बंदियों (जिनके मुकदमों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है) में भी सबसे ज्यादा 776 पोस्ट ग्रेजुएट बंदी यूपी की जेलों में हैं। स्नातक सजायाफ्ता अपराधियाें की ज्यादा संख्या (1218) भी यूपी की जेलों में है। वहीं, यूपी में अंडरट्रायल स्नातक बंदियों की संख्या 2824 है। देशभर की जेलों में बंद डिग्री और डिप्लोमा धारी अंडरट्रायल 2045 बंदियों में सबसे ज्यादा 304 यूपी की जेलों में हैं।


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प्ले स्कूल और नर्सरी पर निगरानी रखेगी सरकार


अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। प्ले स्कूल, नर्सरी में मासूम बच्चों को पढ़ाने के तौर तरीकों पर निगरानी रखने और उसे बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा नीति (ईसीसीई) को मंजूरी दे दी है। सरकार के निर्णय के मुताबिक ईसीसीई परिषद के जरिए इस नीति को देश के प्रत्येक जिले में लागू किया जाएगा। जिससे छह साल से कम आयु वाले करीब 16 करोड़ बच्चों के लाभान्वित होने की संभावना है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिषद नई नीति के कार्यान्वयन पर अपनी निगरानी रखेगी। इस नीति को लागू करने के लिए राष्ट्रीय ईसीसीई परिषद का गठन अधिसूचना जारी होने के तीन माह के अंदर किया जाएगा। जबकि उनके पाठ्यक्रम का ढांचा तीन से छह माह में तैयार होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत इस नीति को पायलट स्तर पर शुरू किया जा चुका है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने के बाद ईसीसीई को देश भर में लागू करने की योजना बनाई गई है।
मंत्रालय का कहना है कि छह साल तक के बच्चों के विकास, देखभाल और शिक्षा पाठ्यक्रम की गुणवत्ता मानक विकसित करना जरूरी है। इसलिए जल्द ही राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को यह मानक सौंपा जाएगा। ताकि प्ले स्कूल, नर्सरी और क्रेच में इसका कार्यान्वयन हो सके। माना जा रहा है कि नई नीति के आने से क्रेच और नर्सरी में पढ़ाने वाले शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता भी तय की जाएगी।
राष्ट्रीय बाल्यावस्था देेखभाल व शिक्षा नीति को मिली कैबिनेट की मंजूरी
बच्चों के पढ़ाने के तौर-तरीकों पर निगरानी रखने के लिए तैयार हुई नीति

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केंद्रीय कर्मियों को मिला तोहफा, दस फीसदी डीए बढ़ा


नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने महंगाई भत्ते में दस फीसदी की बढ़ोतरी कर त्योहार की सौगात दे दी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने महंगाई भत्ते (डीए) में दस फीसदी की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले को अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2013 से लागू मानी जाएगी।


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अध्यापकों की भर्ती में फंसा क्वालिटी प्वाॅइंट का पेच,


आयुसीमा में छूट के लिए हाईकोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में क्वालिटी प्वाइंट अंक का पेच फंस गया है। अभ्यर्थियों ने भर्ती के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को चुनौती दी है। इसे विभेदकारी बताते हुए रद करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। आलोक कुमार यादव द्वारा दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति वीके शुक्ला सुनवाई कर रहे हैं। प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में 29328 सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। भर्ती नियमावली के अनुसार बीएड में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 12 अंक, द्वितीय श्रेणी को 6 और तृतीय श्रेणी वालों को 3 अंक दिए जाएंगे।
याचियों को इस व्यवस्था से ऐतराज है। उदाहरण के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी के लिए
75 प्रतिशत अंक अनिवार्य है वहीं आगरा विश्वविद्यालय में 60 प्रतिशत अंक। श्रेणी देने में अंकों का अंतर होने के कारण मेरिट प्रभावित होगी। आयुसीमा में छूट के लिए हाईकोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट देने के मामले में
प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट दी जानी चाहिए थी। मगर बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा जारी विज्ञापन मेें आयुसीमा में छूट नहीं दी गई है। ऐसा नहीं करने से हजारों योग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए। शालिनी गंगवार और अन्य ने इस मामले में
याचिका दाखिल की है जिस पर न्यायमूर्ति वीके शुक्ला ने प्रदेश सरकार और परिषद् से जवाब तलब किया है।