Saturday, September 21, 2013

अध्यापकों की भर्ती में फंसा क्वालिटी प्वाॅइंट का पेच,


आयुसीमा में छूट के लिए हाईकोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में क्वालिटी प्वाइंट अंक का पेच फंस गया है। अभ्यर्थियों ने भर्ती के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को चुनौती दी है। इसे विभेदकारी बताते हुए रद करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। आलोक कुमार यादव द्वारा दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति वीके शुक्ला सुनवाई कर रहे हैं। प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में 29328 सहायक अध्यापकों की भर्ती होनी है। भर्ती नियमावली के अनुसार बीएड में प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 12 अंक, द्वितीय श्रेणी को 6 और तृतीय श्रेणी वालों को 3 अंक दिए जाएंगे।
याचियों को इस व्यवस्था से ऐतराज है। उदाहरण के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी के लिए
75 प्रतिशत अंक अनिवार्य है वहीं आगरा विश्वविद्यालय में 60 प्रतिशत अंक। श्रेणी देने में अंकों का अंतर होने के कारण मेरिट प्रभावित होगी। आयुसीमा में छूट के लिए हाईकोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट देने के मामले में
प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट दी जानी चाहिए थी। मगर बेसिक शिक्षा परिषद् द्वारा जारी विज्ञापन मेें आयुसीमा में छूट नहीं दी गई है। ऐसा नहीं करने से हजारों योग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए। शालिनी गंगवार और अन्य ने इस मामले में
याचिका दाखिल की है जिस पर न्यायमूर्ति वीके शुक्ला ने प्रदेश सरकार और परिषद् से जवाब तलब किया है।
 


शिक्षकों के पद न भरने पर केन्द्र ने दिखायी सख्ती

 
-राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में अब होगी छंटनी, मूल विभाग भे जे जाएंगे जिला समन्वयक केन्द्र की फटकार के बाद हरकत में आये अफसर, तीन अक्टूबर को समीक्षा बैठक

लखनऊ (एसएनबी) प्रदेश के नये स्कूलों में शिक्षकों के खाली पद भरने पर केन्द्र ने सख्त रुख अपनाया है। दिल्ली में मानव संसाधन मंत्रालय के बेसिक शिक्षा विभाग की पीएबी की बैठक में केन्द्र के कड़े रुख के बाद शासन हरकत में आया। इसी कड़ी में कालेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मुख्यमंत्री से अनुमोदन लेकर आगे प्रक्रिया बढ़ायी जाएगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत दो-दो जिला समन्वयकों की भर्ती में छंटनी का भी निर्देश दिया गया है। गृह जनपदों में तैनात जिला समन्वयकों को भी उनके मूल विभागों में भेजा जाएगा। केन्द्र में फटकार के बाद हरकत में आये अफसरों ने 3 अक्टूबर को समीक्षा बैठक बुलायी है। पद रिक्त होने से अटका केन्द्रांश विगत वर्षो में केन्द्र सरकार से नये स्वीकृत विद्यालयों में रिक्त पद भरे नहीं गये हैं, इसके चलते राज्य सरकार रिकरिंग ग्राण्ट का उपयोग नहीं कर पा रही है। इस कारण सिर्फ केन्द्रांश के रूप में प्राप्त होने वाली धनराशि ही मिल रही है, बल्कि आगे की योजनाओं को भी इसी आधार पर केन्द्र सरकार से स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अब कार्मिक विभाग से छूट लेकर मुख्यमंत्री के अनुमोदन से पदों को भरे जाने की कार्यवाही उच्च प्राथमिकता पर करने की हिदायत दी गयी है। समन्वयकों की होगी छंटनी आरएमएसए के तहत जिलों में आवश्यकता से अधिक पद सृजित कर उन पदों को भर दिया गया। कार्यवाही के रूप में पदों को भरे जाने के कारण मात्र निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिसके कारण आरएमएसए को रिकरिंग ग्राण्ट का बजट नहीं मिल रहा है एवं एमएनईआर मद में निर्धारित मानक से 2012-13 में तीन गुना अधिक व्यय हुआ है। इसके चलते चयनित पदों पर छंटनी के लिए कार्यवाही की जाएगी। जिलों में दो-दो समन्वयकों की जगह एक पद होगा, गृह जिले में तैनात जिला समन्वयक को उसके मूल विभाग में वापस कर दिया जाएगा। एएओ/एकाउण्टेन्ट दोनों पदों की उपयोगिता भी तय होगी और जितने भी एएओ अपने गृह जनपद में तैनात है, उनका स्थानान्तरण अथवा उनके मूल विभाग में भेजे जाने का प्रस्ताव मांगा गया है। मार्च 2014 तक पूरा करना होगा भवन निर्माण कन्या छात्रावास योजनान्तर्गत स्वीकृत 141 छात्रावासों को लेकर भी तत्काल कार्रवाई करने का कहा गया है। प्रदेश के सभी 141 छात्रावासों में कार्यदायी संस्था को धनराशि जारी कर मार्च 2014 तक भवन निर्माण का कार्य पूरा कराना होगा, इसके हर 15 दिन पर समीक्षा होगी। कन्या छात्रावास चलाये जाने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की तरह सर्वशिक्षा अभियान से विकसित नीति के अनुरूप नीति बनाकर 15 दिन के अन्दर इसे अनुमोदित कराने को कहा गया है। इसके तहत कई कायरें से संबंधित समस्त योजनाओं में जिन जनपदों में राज्य परियोजना कार्यालय से धनराशि अवमुक्त कर दिये जाने के बाद संबंधित एजेन्सी को धनराशि जारी करने में 15 दिनों से ज्यादा समय लेने वाले सभी जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। इसके साथ शिथिल पर्यवेक्षण के लिए उनके विरूद्ध कार्यवाही करने की चेतावनी दी जाएगी। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की ओर से कराये जा रहे कायरें का वित्तीय एवं भौतिक आडिट जनपदों में तैनात एएओ से कराने का निर्देश दिया गया है। जिसमें 15 अक्टूबर तक वित्तीय/जिलेवार, योजनावार पूर्ण कराकर, वस्तुस्थिति प्रस्तुत करनी होगी। वोकेशनल एजूकेशन में नया अनुमोदन नहीं केन्द्र पोषित आईईडीएसएस एवं वोकेशनल एजूकेशन की प्रगति शून्य होने के कारण केन्द्र सरकार ने इस योजनान्तर्गत 2013-14 की कार्य योजना में कोई भी नया अनुमोदन नहीं दिया है, विगत वर्षों में इस योजना की प्रगति शून्य होने की कार्यवाही की समीक्षा कर सम्बन्धित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव मांगा है, विगत वर्षों की स्वीकृत कार्य योजना को कार्यरूप प्रदान किये जाने हेतु समयबद्ध संचालन की कार्य योजना तैयार कर 15 दिन में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। दस दिनों की मिली मोहलत मॉडल स्कूल योजना के तहत कार्यवाही के लिए 10 दिनों की मोहलत दी गयी है। दस दिनों में निर्माण कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, मॉडल स्कूल में स्टाफ की नियुक्ति एवं तैनाती किये जाने का समयबद्ध क्रियान्वयन का प्रस्ताव देना होगा। स्कूलों के सेटलाइट मैपिंग की कार्य योजना के लिए यूपी डेस्को से मिले प्रस्ताव पर कार्यवाही कर अगले वर्ष मार्च के पहले पूर्ण कराये जाने का प्रस्ताव मांगा गया है। इन सभी मामलों को लेकर तीन अक्टूबर को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय में समीक्षा बैठक बुलायी गयी है।


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टीईटी उत्तीर्ण छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प

टीईटी उत्तीर्ण छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प
नियुक्ति की मांग पर बनाई मानव शृंखला, आज कैंडल मार्च निकालने की तैयारी

इलाहाबाद (ब्यूरो)। सहायक अध्यापक 72825 पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी पास छात्रों ने बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के बाहर मानव शृंखला बनाई। छात्र शिक्षा निदेशालय अनशन स्थल से जुलूस की शक्ल में हाईकोर्ट पहुंचे। इस दौरान छात्रों की वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों और पुलिस से झड़प भी हुई। छात्रों की मांग है कि हाईकोर्ट टीईटी पर जल्द से जल्द अपना निर्णय दे, जिससे हजारों छात्रों को नियुक्ति मिल सके। आंदोलन के अगले चरण में टीईटी उत्तीर्ण शुक्रवार को कैंडल जुलूस निकालेंगे।
हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन करने के बाद छात्र वापस जुलूस के शक्ल में अनशन स्थल पहुंचे और वहां पर सभा की। प्रशिक्षु शिक्षक आवेदक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष मनोज मौर्य ने कहा कि लाखों की तादाद में छात्र आवेदन करने के बाद भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक उन्हें नौकरी नसीब नहीं हुई। छात्राें का कहना है कि 31 मार्च 2014 के बाद प्राथमिक विद्यालयों में बीएड छात्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति नहीं दी जानी है। मार्च 2014 में बहुत ज्यादा दिन बाकी नहीं है। ऐसे में अगर अब भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। भाजपा युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष नरसिंह ने छात्रों को आश्वासन दिया कि वो उनकी मांग शासन तक पहुंचाएंगे। प्रदर्शन के दौरान संजय पांडेय, विजय द्विवेदी, सुभाष यादव, अखिलेश यादव, कुलदीप सिंह, दुर्गेश पांडेय, रणविजय आदि रहे।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के सामने प्रदर्शन करते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी और उन्हें हटाती पुलिस

News Sabhaar : Amar Ujala (20.9.13)


Friday, September 20, 2013

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, महंगाई भत्ता 10 फीसद बढ़ा



Updated on: Fri, 20 Sep 2013
नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी। सरकार ने दिवाली से पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा दे दिया। सरकार की ओर से महंगाई भत्ते (डीए) में 10 फीसद का इजाफा किया गया है। अब डीए को बढ़ाकर 80 फीसद से 90 फीसद कर दिया गया है। इस खबर से करीब 50 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
इससे पहले भी बढ़ा था महंगाई भत्ता
महंगाई की मार झेल रहे कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी खबर है। इतना ही नहीं इससे करीब 30 लाख पेंशनधारियों को भी लाभ होगा। गौरतलब है कि कुछ पहले से ही महंगाई भत्ते को बढ़ाने पर चर्चा चल रही थी। महंगाई दर में लगातार इजाफे से आम लोग त्रस्त होते जा रहे थे। 30 अगस्त को जारी खुदरा महंगाई दरों के आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक श्रमिकों के लिए यह दर 11.63 फीसद हो गई थी। जुलाई में जारी इसके अनुमानित प्रावधान 11.06 फीसद से यह कहीं ज्यादा थी।
पढ़ें : प्याज, सब्जियों की कीमतों से भड़की महंगाई
महंगाई भत्ते में दहाई अंक की बढ़ोतरी तीन साल बाद हुई है। इससे पहले सितंबर, 2010 में सरकार ने महंगाई भत्ते में दस फीसदी की बढ़ोतरी की थी। यह दर भी जुलाई, 2010 से लागू की गई थी। अप्रैल 2013 में महंगाई भत्ता मूल वेतन के 72 फीसद से बढ़ा कर 80 फीसद कर दिया गया था।
पढ़ें : भारत की मंदी दुनिया के लिए मुसीबत
सरकार महंगाई भत्ते में इजाफे के हिसाब के लिए पिछले 12 महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिकों से जुड़े आंकड़ों) का इस्तेमाल करती है। यही वजह कि महंगाई भत्ते के आकलन के लिए जुलाई 2012 से लेकर जून 2013 तक के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।


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यूपी: प्राथमिक स्कूलों में जल्द आएंगे ढाई लाख पैराटीचर


प्राइमरी में जल्द आएंगे ढाई लाख पैराटीचर
अमर उजाला
इलाहाबाद। योजना को लागू करने में कोई बड़ी अड़चन न आई तो प्राथमिक स्कूलों के ताले खुल जाएंगे और एकल शिक्षक वाले स्कूलों का संकट भी दूर हो जाएगा। लंबे समय से प्राइमरी स्कूलों में नौकरी की बाट जोह रहे बीएड डिग्रीधारकों के लिए नया रास्ता खुल रहा है। बीटीसी की रिक्तियों को लेकर एनसीटीई से विवाद के बाद सर्व शिक्षा अभियान और एनसीएफ की टीम ने प्राइमरी स्कूलों में बेहतर शिक्षा के लिए नई योजना तैयार की है। तय किया गया है कि केरल और गुजरात की तर्ज पर प्रदेश में पहली बार प्राइमरी स्कूलों में पैराटीचर रखे जाएंगे। उसी प्रारूप पर पैराटीचर्स को १o हजार रुपये दिए जाएंगे।पैराटीचर ्स की भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को वरीयता दी जाएगी। साथ ही पांच साल या अधिक समय से शिक्षा मित्र के रूप में पढ़ाने वालों को भी मौका मिलेगा। पैराटीचर्स की नियुक्ति और उनके मानदेय को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सहमति दे दी है। एनसीटीई उत्तरी क्षेत्र के एक पूर्व सदस्य डॉ.एमके आहूजा को इस योजना का प्रभारी बनाया गया है। आहूजा पिछले दो दिन इलाहाबाद में थे और निदेशालय के कई अधिकारियों से मिल उन्होंने शिक्षकों-स्कूलो ं के बारे में ब्योरा जुटाया।नई योजना में उन विद्यालयों को भी शामिल किया जा रहा है जो शिक्षा का अधिकार के तहत नए खुल रहे हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने आहूजा के साथ मिल जो रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए तैयार की है, उसके मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में पुराने मानक से 2 लाख ८८ हजार शिक्षकों की जरूरत है जबकि शिक्षा का अधिकार कानून में दर्ज मानक का पालन करने पर दो लाख ९२ हजार शिक्षकों की भर्ती करनी होगी। इसके अलावा पहले चरण में जो नए विद्यालय खोले जाने हैं, उनमें लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों को रखना होगा।शिक्षा मित्रों को स्थाई करने पर सवा लाख पद भर जाएंगे। उसके बाद भी तीन लाख से अधिक पदों पर शिक्षकों की जरूरत होगी। बीएड धारकों के बारे में अब तक सरकार कोई फैसला नहीं कर सकी है और बीटीसी डिग्री धारक तैयार होने में कम से कम डेढ़ साल और लगेंगे। ऐसे में पैराटीचर्स को बेहतर विकल्प माना जा रहा है। डॉ. आहूजा के मुताबिक अप्रैल से शुरू सत्र में इसके लिए बजट का बड़ा हिस्सा रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ जैसे बड़ों शहरों में ही ७० फीसदी पद रिक्त हैं और बेहतर शिक्षा के लिए हर स्तर पर दबाव भी बढ़ रहा है, इसलिए योजना जल्द से जल्द लागू हो सकती है।