Tuesday, September 10, 2013

टीईटी संघर्ष मोर्चा का प्रदेर्शन आज




घोसी (मऊ): टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह ने 10 सितंबर को विधानसभा के सामने आंदोलन में जिले के सदस्य अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार रहें। प्रदेश सरकार का अड़ियल रवैया कायम रहा तो आमरण अनशन भी होगा। सोमवार को प्रदर्शन के लिए लखनऊ रवाना हो गए।
स्थानीय नगर के मझवारा मोड़ स्थित शिवमंदिर पर श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीयत सही न होने के कारण 30 नवंबर 11 को प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति न हो सकी। अब मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने दोबारा नया विज्ञापन प्रकाशित किया है।
ऐसे में टीईटी संघर्ष मोर्चा आर-पार की लड़ाई को तैयार है। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में इसका प्रभाव दिखने की चेतावनी दी। मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विज्येंद्र यादव ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है तो उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर पुराने विज्ञापन के अनुसार नियुक्ति करे। अध्यक्षता सर्वदानंद एवं संचालन रामविजय यादव ने की। मुहम्मद अहमद, सुनील उपाध्याय, गुलाब चौहान, अमीष कुशवाहा, बृजभान यादव, सदानंद सिंह, मंजेश राजभर, नूतन कुमार, शैलेंद्र सिंह एवं सतीश गुप्ता आदि रहे।
 


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मूलनिवास प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा तो नहीं

मूलनिवास प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा तो नहीं
Updated on: Mon, 09 Sep 2013 08:37 PM (IST)

संबंधित आवेदकों का ब्योरा नेट पर नहीं

फीरोजाबाद(टूंडल ): गलती करे कोई और भरे कोई। तहसील में कुछ ऐसा ही हो रहा है। तहसील में निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले आवेदकों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाथ में प्रमाण पत्र किसी का जबकि इंटरनेट पर किसी और का दिखाई दे रहा है। ऐसी ही त्रुटियों को सुधारने के लिए आवेदक तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। तहसील से बनाए गए कुलदीप कुमार पुत्र गोकुल प्रसाद निवासी चुल्हावली के नाम से निवास प्रमाण पत्र तो उसी का था, फोटो भी चस्पा था, लेकिन जब इंटरनेट पर चेक किया तो उस पर दूसरे का निकला। वह अपना प्रमाण पत्र लेकर तहसील कर्मचारियों के चक्कर लगा रहा है। वहीं संजीव कुमार पुत्र दिगंबर सिंह निवासी चुल्हावली के हाथ में जो निवास प्रमाण था उसमें सबकुछ ठीक था, लेकिन इंटरनेट पर किसी और का नाम प्रदर्शित हो रहा है। इंटरनेट पर हुई खामी को सही कराए जाने के लिए ऐसे ही आवेदक अपने निवास प्रमाण पत्रों को लेकर सोमवार को तहसील के चक्कर लगा रहे थे।

कर्मचारियों की करनी भुगत रहे आवेदक

तहसील स्तर से होने वाली त्रुटि का खामियाजा कभी-कभी आवेदकों को भुगतना पड़ता है। जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर संबधित आवेदक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, लेकिन वास्तविक में गलती तहसील स्तर से होती है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

यदि प्रमाण पत्र का डाटा इंटरनेट पर नहीं तो उक्त प्रमाण पत्र फर्जी है। हम अपने स्तर से जांच कराएंगे। यदि कोई फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर रहा है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में कुछ प्रमाण पत्रों में सीरियल नम्बर की गड़बड़ हो गई थी, जिन्हें ठीक कराया गया है।

-अतुल कुमार,

एसडीएम टूंडला।
 


आरक्षण मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा


Updated on: Mon, 09 Sep 2013 09:03 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रतियोगी परीक्षाओं में त्रिस्तरीय आरक्षण की व्यवस्था वापस लेने के खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई अब 11 नवंबर को होगी। इससे पहले इस मामले में सोमवार को एक और याचिका दाखिल की गई। इसके साथ ही विरोधियों ने अंतर्हस्तक्षेपी य अर्जी भी दाखिल की। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा देने का निर्देश दिया है।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजेश कुमार तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खंडपीठ कर रही है। त्रिस्तरीय आरक्षण वापस लेने के खिलाफ पहले दो याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। सोमवार को एक और याचिका दायर की गई। अदालत ने तीनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख निर्धारित की। सुनवाई के दिन अदालत ने प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से पूर्व में याचिका दाखिल कर चुके सुधीर सिंह के अधिवक्ता को भी जवाबी हलफनामा लगाने को कहा है। अदालत में सुनवाई के लिए विरोधी और समर्थक छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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फैसला होता रहेगा, साक्षात्कार की तारीख तो घोषित हो
आरक्षण मामले की सुनवाई टलने के बाद प्रतियोगी छात्रों ने एक बैठक कर पीसीएस-2011 के लिए साक्षात्कार की तारीख घोषित करने की मांग की। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनीश पांडेय ने कहा कि अदालत ने तारीख घोषित किए जाने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। इसलिए आयोग को इसकी तारीख घोषित करनी चाहिए।
 


मुअल्लिमों को नजरंदाज कर रही प्रदेश सरकार




अमर उजाला ब्यूरो
संभल। मुअल्लिम--उर्द एसोसिएशन की बैठक में हकीम कमरुज्जमां ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक से सभी सरकारें मुअल्लिमों को लगातार नजरंदाज करती रही हैं। अब सांगठनिक रूप से मजबूती बनाकर संघर्ष किया जाएगा।
शहर के मैट्रो हास्पिटल में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहाकि 11 अगस्त-1997 को उर्दू मुअल्लिमों से आवेदन मांगे गए थे। बाद में एक विज्ञान के जरिये सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। न्यायालय ने इस मामले में 11 अगस्त-1997 को अपील में गए मुअल्लिमों को नियुक्ति का आदेश दिया। लेकिन सरकार ने इसे पिछली नियुक्तियों को लेकर जारी आदेश बताकर अवहेलना कर दी। तब से मुअल्लिम डिग्रीधारक लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इसमें इफ्तेखार, नगीना, शाजिया, ताहिर, मुहम्मद सुहेल, मुहम्मद अथर, औरंगजेब आदि शामिल थे। अध्यक्षता शमीम अहमद ने की, संचालन मुहम्मद असद ने किया।
 

 
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45 लाख युवाओं को रोजगार देने की मुहिम


लखनऊ ब्यूरो:  प्रदेश की कौशल विकास नीति को मंजूरी मिल गई है। इस नीति का मुख्य मकसद प्रदेश के 45 लाख युवाओं को दक्ष बनाकर रोजगार देना है। इसके लिए औद्योगिक घरानों से करार किया जाएगा। यह जानकारी अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक रंजन ने दी है। उन्होंने बताया कि कृषि के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा।
प्रदेश सरकार ने इस उद्देश्य के लिए कौशल विकास नीति बनाई है, जिसे अनुमोदित कर दिया गया है। इसका अनुमोदन औद्योगिक घरानों की उपस्थिति में किया गया। एलएंडटी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजन मल्होत्रा, शाखा प्रबंधक संजू जॉन, मारुति के महाप्रबंधक एमके गुप्ता और एकेडेमिक्स की निदेशक अंजनी सिंह से विचार-विमर्श के बाद इसे अनुमोदित किया गया है। आलोक रंजन ने बताया कि यह एक आदर्श स्थिति है जब प्रदेश के नवयुवकों के भविष्य निर्माण में सरकार के साथ औद्योगिकक्षेत्र के बड़े रोजगारदाताओं को भी शामिल किया गया है। इस नीति में सभी पूंजी निवेशकों के साथ एमओयू किया जाएगा। इसकी विशेषता यह होगी कि युवकों में कौशल विकास के लिए सरकार के प्रयासों में औद्योगिक घराने भागीदार बनेंगे। इसके पाठ्यक्रम में क्या-क्या रखा जाए, इस बाबत औद्योगिक घरानों का मार्गदर्शन लिया जाएगा।
प्रदेश की कौशल विकास नीति को मंजूरी


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