Wednesday, August 14, 2013

Next Date 22 August 2013


 BREAKING NEWS 

Aaj HC me strike ke karan koi sunvai nahi ho saki. 

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UPTET 72825 Teacher Recruitment Case in Allahabad Highcourt : Chances for Next Date Increased



आज भी न्यायिक कार्य से रहेंगे दूर

फिर गरमाया बेंच का मुद्दा
वकीलों ने नहीं किया काम, घंटों तक चक्काजाम

इलाहाबाद। हाईकोर्ट की खंडपीठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बनाने का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। हाईकोर्ट के वकीलों ने इसका विरोध करने के लिए बाहें चढ़ा ली हैं। मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए विभाजन के विरोध में लंबी लड़ाई का ऐलान किया गया। बार के सदस्य इस प्रस्ताव पर एक मत थे कि संसद से सड़क तक संघर्ष होगा। घोषणा की गई कि एक प्रतिनिधिमंडल भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय विधि मंत्री से मिलकर इस पर वार्ता करेगा। अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के सामने जीटी रोड पर घंटों चक्काजाम भी किया। वकीलों ने बुधवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच बनाने को लेकर हाल ही में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की ओर से आए कुछ बयानों के बाद इस मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया है। बेंच बनाने का विरोध कर रहे हाईकोर्ट के वकीलों ने मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए गेट नंबर तीन पर सभा की। सभा में बार के अध्यक्ष कंदर्प नारायण मिश्र ने घोषणा की कि एक प्रतिनिधिमंडल इस सिलसिले में कपिल सिब्बल और मुख्य न्यायाधीश से वार्ता करने दिल्ली जाएगा। पूर्व अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ने कहा कि बेंच बनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार तथा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सहमति आवश्यक है। ओपी सिंह ने कहा कि इंटरनेट के युग में दूरी कोई वजह नहीं है। वादकारी घर में बैठकर अपने मुकदमों की स्थिति जान सकते हैं। पूर्वमंत्री अनिल तिवारी ने वकीलों में जोश भरते हुए लंबी लड़ाई का आह्वान किया। वकीलों का कहना था कि यदि बेंच बनाने की वजह दूरी है तो सुप्रीमकोर्ट की बेंच भी हर राज्य में बननी चाहिए। सभा का संचालन बार के मंत्री प्रभाशंकर मिश्र ने किया


News Sabhaar : अमर उजाला (14.8.13)



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Recruitment of Teachers in U.P.

Recruitment of Teachers in U.P.

Tuesday, August 13, 2013

यूपी सरकार ने कहा- बच्चो को पढ़ाने के लिए पैसा नहीं है, हाई कोर्ट ने लगा दी फटकार


high courtइलाहाबाद : हालात कुछ ऐसे ही है| मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि और शुल्क प्रतिपूर्ति देने के लिए उसके पास पैसा नहीं है| इस पर हाई कोर्ट ने फटकार लगा दी| हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार की फीस प्रतिपूर्ति के नियमों को विभेदकारी माना है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों और आरक्षित वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति में भेदभाव किया। राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगले एक माह के भीतर फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान कर दिया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि वह चालू सत्र सहित भविष्य में छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति पारिवारिक आय के आधार पर दे, न कि जिलेवार प्रति व्यक्ति आय के आधार पर।
कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि सरकार बिना फीस लिए प्रवेश दिए गए एससी, एसटी छात्रों की पिछले सत्र की बकाया फीस कालेजों को एक माह के भीतर प्रतिपूर्ति कर दे। यदि सरकार ऐसा नहीं कर पाती तो वह विद्यालयों को चालू सत्र में बिना फीस लिए छात्रों को प्रवेश लेने के लिए विवश न करे। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कृत कार्यवाही के ब्योरे के साथ 2 सितम्बर को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
  
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने राहुल सिंह सहित सैकड़ों छात्रों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है कि सरकार ने स्वयं ही गरीबों की फीस प्रतिपूर्ति किए जाने की अधिकतम आय सीमा 54612 रुपए वार्षिक तय की और जब कोर्ट ने राज्य सरकार को इस वार्षिक आय सीमा में आने वाले छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति का आदेश दिया तो सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की तथा इसकी जानकारी कोर्ट से छिपाई। हालांकि सरकार को अपील पर अंतरिम राहत नहीं मिली है। राज्य सरकार ने वार्षिक आय निर्धारित कर बताया कि इसके नीचे की आय वाले छात्रों को फीस प्रतिपूर्ति दी जाएगी किंतु जब फीस वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई तो जिलेवार गरीबी को आधार बनाया। इससे एक ही परिवार के दो बच्चे यदि दो जिले के कॉलेजों में गए तो एक की फीस वापसी हुई और दूसरे की नहीं हुई। शासनादेश में पारिवारिक आय को माध्यम बनाया गया है। कोर्ट ने सरकार की इस नीति को विभेदकारी माना और कहा कि निर्धारित आय सीमा में आने वाले प्रत्येक छात्र को फीस प्रतिपूर्ति की जाय। मुख्य सचिव ने हलफनामा देकर बताया कि जिलेवार संस्थानों को फीस प्रतिपूर्ति दी गई है और अब इस मद में सरकार के पास धन नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब पूरे प्रदेश में एक नीति बनाई गई है तो जिले की गरीबी के आधार पर क्यों फीस प्रतिपूर्ति की गई।
 
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शिक्षा परिषद ने भेजी यूजर आईडी-पासवर्ड


फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कक्षा नौ व 11 में ऑनलाइन पंजीकरण के लिए स्कूलों की यूजर आईडी व पासवर्ड जिविनि कार्यालय को मुहैया करा दी है। पासवर्ड व यूजर आईडी उन्हीं स्कूलों को दी जा रही है। जिन विद्यालयों ने स्काउट गाइड व गेम शुल्क जमा कर दिया है। साथ ही सभी स्कूलों से स्काउट शुल्क व खेल शुल्क जमा करने का आहवान किया गया है।
  
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बार कक्षा नौ और 11 में ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है। पंजीकरण के लिए सभी विद्यालयों को यूजर आईडी व पासवर्ड बोर्ड की ओर से बनाए गए हैं। इसी यूजर आईडी पर ही ऑनलाइन पंजीकरण होंगे। लिहाजा जिले भर के सभी विद्यालयों को जिविनि कार्यालय की ओर से निर्देशित किया गया है। कि वह अपना स्काउट गाइड और खेल शुल्क जमा करके यूजर आईडी व पासवर्ड लें। ताकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया विलंब न हो। पंजीकरण की अंतिम तिथि एक अक्टूबर निर्धारित की गई है। संबंधित स्कूलों के प्रधानाचार्य जिम्मेदारी के साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। ताकि पंजीकरण प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जा सके।


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UPTET 2011 : टीईटी 2011 : 14 अगस्त की सुनवाई पर टिकी निगाहें


  • लंबित 72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में ‘आर्डर’ सेक्शन की सूची में पहुंची सुनवाई

  बड़ौत : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी 2011) की मेरिट पर आधारित परिषदीय विद्यालयों में लंबित सहायक अध्यापक के रिक्त 72,825 पदों की भर्ती पर सुनवाई अंतिम चरण में है। आगामी 14 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट में डबल बेंच में होनी वाली सुनवाई पर हजारों अभ्यर्थियों की नजरें टिकी हैं। 1रविवार को पंचमुखी मंदिर में आयोजित प्रेसवार्ता में टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। पूर्व में सुनवाई कर रही डबल बेंच से मामला दूसरी बेंच को स्थानांतरित होने के बाद इस प्रकरण पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। कोर्ट की सूची में ऑर्डर सेक्शन में लगे इस केस की सुनवाई गत छह अगस्त को नहीं हो पाई थी और आगामी तिथि 14 अगस्त दे दी गई थी

कहा कि हाल ही में पीसीएस भर्ती पूर्व विज्ञप्ति के आधार पर ही किए जाने से संबंधित आए कोर्ट के निर्णय के बाद हमारा पक्ष ओर मजबूत हुआ है और मेरिट पर आधारित टीईटी भर्ती के बहाल होने का पुख्ता आधार बना है। गौरतलब है कि बसपा सरकार ने शिक्षक भर्ती के चयन का आधार टीईटी की मेरिट को बनाया था, जबकि सपा सरकार ने इसमें परिवर्तन करते हुए इसे शैक्षिक आधार पर करने की नई विज्ञप्ति जारी की थी। इसके विरोध में अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए थे

मोर्च की आगामी बैठक 18 को

टीईटी संघर्ष मोर्च के जिला उपाध्यक्ष राम मेहर सिंह ने बताया कि मोर्च की बैठक 18 अगस्त को पंचमुखी मंदिर में आयोजित की जाएगी। इसमें10 सितंबर को लखनऊ में होने वाली प्रदेशव्यापी धरने पर विमर्श किया जाए


News Sabhaar : जागरण (12.8.13)


UPTET 2013 का परिणाम घोषित

 up tetलखनऊ : बीती 27 व 28 जून को संपन्न हुई उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2013 का परिणाम सोमवार को घोषित कर दिया गया। सामान्य के मुकाबले भाषा शिक्षकों के लिए आयोजित परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों का प्रतिशत कहीं ज्यादा है।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव के मुताबिक प्राथमिक स्तर के लिए आयोजित टीईटी में कुल 94,358 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिनमें से 19.99 प्रतिशत यानी 18,862 सफल हुए हैं। प्राथमिक स्तर के भाषा शिक्षकों के लिए आयोजित टीईटी में शामिल हुए कुल 15,994 अभ्यर्थियों में से 56.39 प्रतिशत यानी 9020 सफल हुए हैं। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी में शामिल 5,18,581 अभ्यर्थियों में से महज 6.26 प्रतिशत यानी 32,443 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। उच्च प्राथमिक स्तर के भाषा शिक्षकों के लिए आयोजित टीईटी में शामिल 93,633 अभ्यर्थियों में से 45.32 प्रतिशत यानी 42,430 सफल हुए हैं। परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को अपराह्न 12 बजे से वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।


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