Monday, August 12, 2013

‘सवा करोड़’ में प्रवेशपत्र

लखनऊ। ऑनलाइन व्यवस्था को लेकर की गई कोताही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भारी पड़ा है। प्रवेश पत्रों के ऑनलाइन नहीं होने से बोर्ड को टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक)-पीजीटी (प्रवक्ता) 2011 भर्ती परीक्षा के पांच लाख से अधिक आवेदकों को प्रवेश पत्र डाक से भेजने में सवा करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। बोर्ड सचिव वंशगोपाल मौर्य मानते हैं कि यदि ऑनलाइन व्यवस्था को लेकर पहले से ही एहतियात बरती गई होती तो कम से कम आधी रकम तो अवश्य बच जाती। हालांकि वह यह कहते हैं कि टीजीटी- पीजीटी 2012 परीक्षा में यह नौबत नहीं आने पाएगी, इसके लिए बोर्ड प्रयासरत है।
  
बहुप्रतीक्षित टीजीटी-पीजीटी 2011 परीक्षा के अंतर्गत टीजीटी के 14 विषयों की परीक्षाएं 25 अगस्त (हिंदी,अंग्रेजी विज्ञान,जीव विज्ञान,गृह विज्ञान, कामर्स व फिजिकल एजुकेशन) और एक सिंतबर (उर्दू,सामाजिक विज्ञान, संगीत,कृषि,संस्कृत,कला व गणित) को जबकि पीजीटी के 21 विषयों की परीक्षाएं आठ सिंतबर को होंगी। टीजीटी में तीन लाख 46 हजार पीजीटी परीक्षा में एक लाख 83 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र सोमवार से रजिस्टर्ड डाक से भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। बोर्ड के परीक्षा सेल के मुताबिक ऑनलाइन व्यवस्था के मामले में बोर्ड के ढुलमुल रवैये का नतीजा है कि टीजीटी पीजीटी परीक्षा 2011 में ऑफलाइन आवेदन ही मंगाए गए। अब यदि आवेदन ऑफलाइन मंगाये गए हैं तो प्रवेश पत्रों को भी रजिस्टर्ड डाक से भेजना बोर्ड की मजबूरी बन गया। इसमें एक अभ्यर्थी के प्रवेशपत्र पर 22 रुपये के डाक टिकट के अलावा डेढ़ रुपये डाक संबंधी अन्य खर्च उठाना पड़ा है। इस मद में बोर्ड को करीब सवा करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। सचिव के मुताबिक इसके बाद होने वाली परीक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे ऐसे में प्रवेश पत्र की व्यवस्था भी ऑनलाइन ही होगी।

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UP TGT PGT / UPSESSB / UPMSSCB Recruitment Exam 2013

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T.G.T. Final Examination Date Advertisement No. 2/2011 25 August & 01 September 2013, P.G.T. Final Examination Date Advertisement No. 3/2011 08 September 2013.New - 
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Uttar Pradesh Educationn Services Selection Board - TGT (Trained Graduate Teacher) Exam Scheme :-
Uttar Pradesh Educationn Services Selection Board - PGT (Post Graduate Teacher) Exam Scheme :-
See details here - http://upsessb.org/content/Examination%20Date%20TGT,%20PGT.jpg
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See Your TGT Application Details Here :
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Your TGT Application Rejected Form Details


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Likely Reason  to be rejected PGT applicants.
1. Blank DOB
2. Blank Center
3. No adv subject
4. No bank draft
5. No photo
6. Under age

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List of likely reasons to be rejected TGT applicants.



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Saturday, August 10, 2013

TGT-PGT में एक गलती के कारण कई आवेदक हुए बाहर

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के आवेदन में अभ्यर्थियों की एक गलती उनके कैरियर पर भारी पड़ रही है।
2011 में माध्यमिक विद्यालयों के लिए घोषित टीजीटी-पीजीटी के आवेदन में आवेदकों ने छोटी-छोटी गलती करके अपने को प्रतियोगी परीक्षा की दौड़ से बाहर कर लिया है।
JOBS TGT PGTआवेदन पत्रों की प्रारंभिक जांच में लगभग दो हजार अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त हो गए हैं। जिन परीक्षार्थियों के आवेदन निरस्त हुए हैं, उन्होंने अपने फार्म में जन्म तिथि, विषय, पिता, पति के नाम के साथ कई जानकारी आवेदन पत्र में अधूरी छोड़ दी थी।
  
बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त करने के साथ ही वैध परीक्षार्थियों के आवेदन की जानकारी वेबसाइट पर डाल दी है।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग में पूरी सावधानी बरती गई है। मूल जानकारी के अभाव में ही आवेदन निरस्त किया गया है।


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यूपी: हाईस्कूल में 35 प्रतिशत वाले भी पाएंगे पॉलीटेक्निक में प्रवेश


उत्तर प्रदेश के हाईस्कूल परीक्षा में 35 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र पालीटेक्निक की खाली रह गई सीटों पर प्रवेश ले सकेंगे। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
शिक्षण सत्र 2013-14 के लिए निजी व अनुदानित पालीटेक्निक संस्थाओं में काउंसिलिंग के बाद रिक्त रह गई सीटों पर सीधे प्रवेश को लेकर प्रक्रिया तय कर दी गई है।
up-polytecnicशासनादेश के अनुसार एआईसीटीई द्वारा निर्धारित हाईस्कूल परीक्षा में 35 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थी निजी व अनुदानित पालीटेक्निक संस्थाओं में सीधे प्रवेश ले सकेंगे।
  
प्रक्रिया के अनुसार संस्थाएं रिक्त सीटों की सूचना देते हुए सीधे प्रवेश के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित करेंगी। इसके बाद हाईस्कूल के विज्ञान व गणित के प्राप्तांकों के आधार पर अवरोही क्रम में सूची बनाई जाएगी। इसी क्रम में छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
अभ्यर्थियों की ऐसी तैयार की गई सूची व प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों की सूची संस्था की वेबसाइट पर आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
संस्थाओं को यह सूची प्राविधिक शिक्षा विभाग को भी सौंपनी होगी। छात्रों को आवेदन पत्र प्राप्ति की रसीद भी दी जाएगी।


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यूपी: वीडियो के 2699 पदों पर भर्ती

यूपी: वीडियो के 2699 पदों पर भर्ती, कीजिए ऑनलाइन आवेदन 0 उत्तर प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारियों (वीडियो) के 2699 पदों पर होने वाली भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदकों को एक ही जिले में आवेदन की छूट होगी। यह जानकारी ग्राम्य विकास मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप ने दी। उन्होंने बताया कि विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद तीन माह तक आवेदन का मौका दिया जाएगा। विज्ञापन निकलने के दो माह बाद ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट शुरू होगी। चयन व नियुक्ति प्रक्रिया को स्वच्छ व पारदर्शी रखने के लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन ही लिए जाएंगे। आवेदन के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसे आवेदकों तथा आम लोगों के देखने के लिए वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद ऑनलाइन आपत्ति एक सप्ताह तक ली जाएंगी। जिला स्तर पर गठित समिति साक्षात्कार के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर डाली जाएगी। इस संबंध में आयुक्त ग्राम्य विकास को निर्देश दिए गए हैं।

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दिसम्बर में एक और टीईटी

 कमल तिवारी/एसएनबी शिक्षा मंत्री का अफसरों को जरूरी तैयारी करने का निर्देश खुशखबरी लखनऊ। प्रदेश के बीटीसी व बीएड अभ्यर्थियों के लिए है खुशखबरी।प्राथमिक स्कूलों में भर्ती के लिए दिसम्बर में एक और अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) करायी जाएगी। विभागीय शिक्षा मंत्री ने इस बाबत अफसरों को जरूरी तैयारी के निर्देश दे दिये हैं।दिसम्बर में होने वाली टीईटी केलिए भी शुल्क में कोई बदलाव नहीं होगा। टीईटी का शुल्क सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 300 व एससी-एसटी के लिए 150 रुपये रखा जाएगा। विकलांगों के लिए नि:शुल्क आवेदन की व्यवस्था बहाल होगी। टीईटी के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने कवायद शुरू कर दी है, लेकिन अफसरों को गत दिनों हुई टीईटी के रिजल्ट का इंतजार है। परिषद के आला अफसरों का कहना है कि सैद्धान्तिक सहमति बन गयी है, लेकिन एक टीईटी का रिजल्ट आने के बाद शासन से अगली टीईटी की अनुमति मांगी जाएगी। उल्लेखनीय है कि टीईटी बेहद चुनौती भरा काम हो गया है। टीईटी की पहली परीक्षा कराने का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने लिया।परीक्षा निपट गयी, लेकिन भर्ती के फर्जीवाड़ा में आये तत्कालीननिदेशक को नौकरी के अंतिम दिन जेल में बिताने पड़े। इसके बाद टीईटी परीक्षा की कमान एससीईआरटी ने संभाली। वह एक परीक्षा आयोजित कर चुकी है.

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Upper Primary Teacher Recruitment UP : शासनादेश में उलझा अभ्यर्थियों का सपना

 
- जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति में आयु सीमा निर्धारण के बाद बढ़ीं मुश्किलें

- अब 35 वर्ष से अधिक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी नहीं कर सकते आवेदन

 गोरखपुर : शासन के निर्देशों ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को ही उलझा कर रख दिया है। आलम यह है कि टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद भी अभ्यर्थी शासनादेश और कोर्ट के बीच पिस रहे हैं। उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है। अब नए शासनादेश से सैकड़ों बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के सपने उलझ कर रह गए हैं। 35 वर्ष से अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी चाहकर भी जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के लिए आवेदन नहीं कर सकते। जबकि प्राथमिक विद्यालयों में 40 वर्ष तक की आयु सीमा निर्धारित है।

पिछले माह ही शासन ने जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान वर्ग के अध्यापकों की भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा निर्धारित कर दी। शासन के अनुसार जल्द ही नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी निकाला जाएगा। नए निर्देश के अनुसार 21 से 35 वर्ष तक के बीएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही सहायक अध्यापकों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में 35 वर्ष तक या उसके बाद बीएड व टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। उनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयु सीमा 40 वर्ष है। यही नहीं उत्तर प्रदेश आयोग की सभी नियुक्तियों के अलावा पीसीएस, पीसीएस जे, लोअर सब आर्डिनेटर आदि भर्तियों में सामान्य वर्ग के लिए 40 वर्ष ही आयु सीमा निर्धारित की गई है।

बता दें कि, अभ्यर्थी अवधेश धर द्विवेदी और मनोज कुमार ने 35 वर्ष की उम्र में बीएड पूरा किया। इसके बाद उन्होंने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) भी उत्तीर्ण की। ऐसे में उनकी उम्र 36 हो गई। वे खुश थे कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही उनकी भी तैनाती हो जाएगी। पर, नए शासनादेश ने उनके सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सिर्फ अवधेश और मनोज ही नहीं नए शासनादेश को लेकर सैकड़ों अभ्यर्थी परेशान हैं। अधिकतर अभ्यर्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। अंतिम समय में शिक्षक बनने का विचार आते ही बीएड आदि करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में उनकी आयु अधिकतम सीमा 35 वर्ष तक पहुंच जाती है


News Sabhaar : Jagran (9.8.13)
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UPTET / Shiksha Mitra News : प्राथमिक स्कूलों में अब नहीं रखे जाएंगे शिक्षामित्र

इलाहाबाद (ब्‍यूरो)। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति नहीं करने के सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की मोहर लग गई है। तीन जजों की पूर्णपीठ ने इस विधिक प्रश्न का समाधान करते हुए कहा है कि दो जून 2010 का शासनादेश आने के बाद चयनित शिक्षामित्रों को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं रहा। पूर्णपीठ ने यह भी तय किया कि चयन हो जाने का मतलब नियुक्ति पाने का हकदार होना नहीं है। दो जून के शासनादेश द्वारा प्रदेश सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्रों की तैनाती की योजना वापस ले ली है। कोर्ट ने इसे सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
हाईकोर्ट में सैकड़ों शिक्षामित्र अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर कहा कि वर्ष 2009-10 सत्र के लिए उनका चयन शिक्षामित्र के लिए किया गया। चयनित होने के बाद उनको न तो प्रशिक्षण पर भेजा गया और न ही नियुक्ति दी गई। प्रदेश सरकार ने दो जून 2010 को शासनादेश जारी कर शिक्षामित्रों की योजना ही वापस ले ली है। प्रकरण को एकल न्यायपीठ ने पूर्णपीठ के लिए इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए संदर्भित किया क्या शासनादेश जारी होने के बाद पूर्व में चयनित हो चुके शिक्षामित्रों को नियुक्ति पाने का अधिकार है अथवा नहीं। प्रदेश सरकार का कहना था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभाव में आ जाने के कारण और एनसीटीई द्वारा न्यूनतम अर्हता निर्धारित कर देने के बाद शिक्षामित्र योजना को वापस लेने की आवश्यकता महसूस की गई। न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति प्रकाश कृष्ण और न्यायमूर्ति संजय मिश्र की पूर्णपीठ ने प्रकरण सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षामित्र नियमित कर्मचारी नहीं हैं। वह 11 माह की संविदा पर नियुक्त होते हैं और यदि उनका कार्य संतोषजनक रहा तो अगले सत्र के लिए पुन: 11 माह हेतु उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है। मौजूदा प्रकरण में याचीगण पूर्णरूप से चयनित नहीं हैं और यदि चयनित भी होते तो उससे नियुक्ति पाने का अधिकार उत्पन्न नहीं होता है। पूर्णपीठ ने इस निरीक्षण के बाद प्रकरण वापस एकल न्यायाधीश के पास भेज दिया है



News Sabhaar : अमर उजाला (9.8.13)



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