Sunday, August 4, 2013

TET PAS ABHYARTHIYO NE SAUPA GYAPAN

साक्षरता मिशन में अब कक्षा 10 तक पढ़ाई

नई दिल्ली: साक्षरता मिशन अब केवल निरक्षरों को साक्षर बनाने का माध्यम भर नहीं रहेगा। अब इस योजना के माध्यम से साक्षर लोगों को 10वीं कक्षा के बराबर की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए साक्षरता मिशन के तहत पढ़ने वालों के लिए लेवल 5 तथा लेवल 10 की परीक्षा भी आयोजित होगी। मानव संसाधन मंत्रालय इसी साल से इस योजना को लागू करने जा रहा है।
देश में पढ़ाई लिखाई से वंचित रह जाने वाले लाखों लोगों को अक्षर ज्ञान कराने के मकसद से भारत सरकार सालों से साक्षरता मिशन अभियान चला रही है। पिछले तीन साल से इस मिशन के तहत शिक्षा पाने वाले लोगों की परीक्षा भी ली जाने लगी है। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन अथॉरिटी नवसाक्षर लोगों की परीक्षा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से साल में दो बार मार्च एवं अगस्त में आयोजित करता रहा है। यह परीक्षा लेवल वन कही जाती है। पहली लेवल की परीक्षा पास करने वाले व्यक्ति की पढ़ाई लिखाई का स्तर सामान्य स्कूलों में कक्षा तीन के छात्र के बराबर माना जाता है। मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब इस योजना के तहत पहली लेवल की परीक्षा पास करने वालों को लेवल पांच तथा लेवल दस की शिक्षा प्रदान करके एनआईओएस के माध्यम से उनकी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। लेवल पांच का स्तर आठवीं कक्षा के बराबर तथा लेवल दस की परीक्षा दसवीं कक्षा के समान होगी। इस तरह साक्षरता मिशन के तहत चलने वाले केंद्र अशिक्षित लोगों को साक्षर ही नहीं, बल्कि शिक्षित होने का भी अवसर प्रदान करेंगे।
• अभी सिर्फ पहली लेवल तक ही मिलती है शिक्षा
• केंद्र सरकार का फैसला इस साल से होगा लागू
वर्तमान समय में देश में कुल 272 जिलों में साक्षरता मिशन की योजना चलाई जा रही है। मार्च 2013 में हुई लेवल वन की परीक्षा में विभिन्न राज्यों से 53.62 लाख लोग शामिल हुए थे। इनमें से 73.49 प्रतिशत परीक्षा पास करने में सफल रहे। उत्तर प्रदेश में सफलता का प्रतिशत 83 फीसदी से भी ज्यादा रहा, जबकि उत्तराखंड में 68.9 फीसदी लोग ही इस परीक्षा में सफल हो सके। वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस मिशन के तहत सिर्फ 51 फीसदी लोग ही सफलता हासिल कर पाए हैं।


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बच्चो को मुफ्त कान्वेंट में पढ़ाए, फार्म डाउनलोड करें

RTE: एक लाख तक की आय प्रमाण पत्र बनबाये, बच्चो को मुफ्त कान्वेंट में पढ़ाए, फार्म डाउनलोड करें

RTEफर्रुखाबाद: केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चो को स्कूल संचालको को कुल सीट में 25% प्रवेश देना अनिवार्य है| ये नियम सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई और स्टेट बोर्ड सभी प्रकार के स्कूलों में लागू है| गरीब से तात्पर्य जिनकी आय 35000 का इससे कम रुपये सालाना है| और कमजोर वर्ग में एक लाख की वार्षिक आय सीमा के लोग आते है| एक बार प्रवेश करा पाए तो कक्षा 8 तक खर्च होने वाला लाखो रुपये का खर्च सरकार करेगी और आपकी जेब में बचत ही बचत| इस स्कीम में मुफ्त शिक्षा, मुज्फ्त किताबे, मुफ्त ड्रेस सब आता है| स्कूल वाला किसी प्रकार के शुल्क की मांग नहीं कर सकता|
इस अधिनियम के तहत बच्चे के निवास के एक किलोमीटर के दायरे में यदि कोई सरकारी स्कूल नहीं है तो वो अपने प्रवेश के लिए प्राइवेट स्कूल का नाम दे सकता है| जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी है कि उस बच्चे का प्रवेश कराये| इसी के साथ प्री प्राइमरी यानि कि यदि आप अपने बच्चे का प्रवेश प्ले ग्रुप, नर्सरी, या के जी में करना चाहते है तो अपने पास पड़ोस या किसी भी मनचाहे कान्वेंट में करा सकते है, इसके लिए 1 किलोमीटर के दायरे में सरकारी स्कूल की बाध्यता आड़े नहीं आएगी| क्योंकि उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों में अभी प्री प्राइमरी कक्षाएं संचालित नहीं होती है| और ये अधिनियम प्री प्राइमरी पर भी लागू होता है| लिहाजा बेहतर यही है कि यदि इस योजना का लाभ लेना है तो बच्चे को शुरू से ही कान्वेंट में प्रवेश करा दिया जाए|
इस योजना में प्रवेश के लिए बच्चे की कम से कम उम्र तीन साल होना आवश्यक है| और अभिवावक या माता/पिता की अधिकतम आय एक लाख रुपये| अधिनियम के मुताबिक प्रवेश प्रक्रिया सत्र शुरू होने से ६ माह तक चलेगी| कोई भी स्कूल प्रवेश देने से मना करता है तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है| और यदि बिना मान्यता के चल रहा है तो स्कूल पर ताला पड़ सकता है|
प्रवेश के लिए आवेदन बेसिक शिक्षा परिषद् विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी को दिया जायेगा तो आवेदन को बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए अपनी रिपोर्ट के साथ अग्रसारित करेगा| इसके बाद की जिम्मेदारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की है| जिला शिक्षा समिति का सचिव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होता है और अध्यक्ष जिला अधिकारी| तो प्रवेश की किसी भी समस्या के लिए जिलाधिकारी से भी मिला जा सकता है| स्कूलों पर उनका सीधा नियंत्रण होता है| इसके लिए कोई यह कहकर नहीं बच सकता कि सीबीएससी या आईसीएससी के स्कूल उनके कण्ट्रोल से बाहर है| क्योंकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में जिला शिक्षा अधिकारी शब्द का इस्तेमाल किया गया है| उत्तर प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी का कार्य जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (कक्षा 1 से 8) और जिला विद्यालय निरीक्षक (6 से 12) के पास होता है| अगर इन दोनों में से कोई अधिकारी बच्चे को कान्वेंट स्कूल में प्रवेश दिलाने में आनाकानी करता है तो जाहिर है कि वो अपने दायित्वों से भाग रहा है|
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश फॉर्म यहाँ से मुफ्त डाउनलोड कर सकते है|
RIGHT TO EDUCATION ADMISSION FORMright to education admission form


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UPTET : संघर्ष के लिए लामबंद हों प्रशिक्षु शिक्षक



बिल्थरारोड (बलिया) : अपने हक के लिए हमें एकजुटता के साथ संघर्ष करना होगा। न्यायालय का बहाना बनाकर यूपी सरकार ने किसी तरह का सहयोग न करने की अपनी मंशा अब साफ कर दी है। ऐसे में इंसाफ संघर्ष से ही लिया जा सकता है। उक्त बातें टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षु शिक्षकों ने गुरुवार की देर शाम हनुमानगढ़ी मंदिर के समीप संघर्ष समिति की बैठक में कहीं। बैठक में 4 अगस्त को प्रस्तावित लखनऊ विधानसभा के समक्ष विशाल धरना एवं प्रदर्शन को सफल बनाने पर भी चर्चा की गई। बैठक में राजेश जायसवाल, कमलेश, संजय गुप्ता, मनोज वर्मा, शिव बचन राम, अरविंद यादव, अशोक राम, सत्य प्रकाश सिंह, सत्येंद्र विश्वकर्मा व मनीष बरनवाल आदि उपस्थित थे


News Sabhaar : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/ballia-10616124.html (2.8.13)


मेरे सभी मित्रों -- तमाम निराशाओं के बीच एक बहुत ही बढ़िया खबर टी0वी0 पर फ्लेश हो रही है ,,,,,,आपको याद होगा कि 3 - 4 दिन पहले संजय मोहन की पत्नी ने 65 - 70 पन्नों का प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपा था जिसमें उन्होने उनको टेट की परीक्षा शुचितापूर्ण होने तथा अपने पति संजय मोहन को साजिशन फसाने का आरोप लगाया था । अखिलेश सरकार ने उनकी पत्नी की सारी दलीलों को मानते हुये संजय मोहन को आज समाजवादी पार्टी में शामिल कर लिया गया है जिसका साफ और सीधा अर्थ निकलता है कि जो अखिलेश सरकार ने आज तक टेट में धाँधली की आड़ में अपना घिनौना खेल खेला था ,,,,आज स्वयं उसपर सहमति दे दी है कि टेट परीक्षा में धाँधली नहीं हुयी थी । कोर्ट में भी इनकी सारी प्रतिक्रियाएँ केवल टेट में धाँधली तक ही सीमित हैं । अब यह कोर्ट में कहेंगे क्या ??????????संजय मोहन को समाजवादी पार्टी में लेने का तात्पर्य है कि उनपर सारे आरोप निराधार हैं और अगर उनपर सारे आरोप निराधार है तो अब कोई कारण नहीं बनता कि टेट से नियुक्ति न हो । आशा करता हूँ कि बहुत जल्द ही हमको कुछ अच्छा सुनने में आने वाला है । हो सकता है कोर्ट के कुछ कहने से पहले ही सरकार इस मुद्दे पर फैसला ले ले ,,,,अगर नहीं भी लेती है तो कोर्ट का आदेश आने बाद इनके पास उसके पालन के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है । दोनों की परिस्थितियों में विजय हमारी ही होनी है ।


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UP Police Recruitment : पुलिस भर्ती बोर्ड नहीं बदल सकता नियम

दरोगा भर्ती परीक्षा के मामले में हाईकोर्ट का निर्णय


इलाहाबाद। खेल के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते हैं। इस नैसर्गिक सिद्धांत पर हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा दरोगा भर्ती परीक्षा में चयन के नियमों के लिए किए गए बदलाव को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह साफ किया है कि एक बार चयन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई तो उसके बाद नियमों में बदलाव का अधिकार चयनकर्ताओं को नहीं रहता है। ऐसे में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा नियम बदलना असंवैधानिक है। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि जो अभ्यर्थी चयनित हो चुके हैं वह इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे


दरोगा भर्ती के दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने औसत पचास प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं उन सभी को सफल मानते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए।

कोर्ट ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया है कि वह सभी याचियों को एक-एक हजार रुपये हर्जाने के तौर पर अदा करे। याचियों की ओर से अधिवक्ता विजय गौतम ने पक्ष रखा। नागरिक पुलिस और प्लाटून कमांडेंट पीएसी में उपनिरीक्षक की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में विज्ञापन जारी किया गया। 

शारीरिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को प्रारंभिक लिखित परीक्षा पास करनी थी। जिसमें दो सौ अंक के तीन प्रश्नपत्र निर्धारित थे। लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों के लिए तीनों प्रश्नपत्रों में औसत पचास प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य था। बाद में भर्ती बोर्ड ने नियमों में बदलाव करते हुए प्रत्येक प्रश्नपत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक और कुल योग का 50 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य कर दिया।

नियम परिवर्तन के परिणाम स्वरूप ऐसे तमाम अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में असफल हो गए जिन्होंने औसत तो पचास प्रतिशत प्राप्त किया था मगर किसी प्रश्नपत्र में 40 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त हुए। निर्णय को हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी गई परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बीच में नहीं बदला जा सकता है




News Sabhaar : Amar Ujala (4.8.13)

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मनचाहा तबादले वाले शिक्षकों में ज्यादातर के माता-पिता बीमार!

UP Basic School Primary Upper Primary Teacher Transfer News :
  • ज्यादातर की सिफारिशों में एक जैसी बीमारी का जिक्र
  • दूरी के साथ-साथ एचआरए भी है एक बड़ी वजह

UP Teacher Transfer News

जिले के माल ब्लाक में कोई भी शिक्षक अपनी तैनाती नहीं चाहता। उसके पीछे एक कारण दूरी है तो दूसरा कारण मकान किराया भत्ता (एचआरए) है। यहां 141 प्राथमिक विालय और 49 उच्च प्राथमिक विालय हैं इनमें कई तो एकल संचालित हैं। फिर भी शिक्षक यहां नहीं जाना चाहते। विभागीय जानकारों के मुताबिक माल में तैनात शिक्षकों को मकान किराया भत्ता (तकरीबन दो हजार रुपए महीना) नहीं दिया जाता है। जिसकी वजह से माल में तैनाती के लिए एक भी शिक्षक आगे नहीं आते।

लखनऊ। सर मेरी मां पिछले दस वर्षो से गंभीर रूप से मधुमेय रोग से ग्रस्त हैं। पिता भी गंभीर हृदय रोगी हैं। उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। इसलिए घरेलू परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फलां विालय में स्थानांतरित करने की कृपा करें। इन दिनों अंतरजनपदीय स्थानांतरण होकर राजधानी आए शिक्षकों में ज्यादातर की यही कहानी है। सभी शिक्षकों को सरोजिनीनगर, चिनहट व नगर क्षेत्र के प्राइम लोकेशन वाली पोस्टिंग की चाहत है। इसलिए वे अपने साथ पहले ही दो-तीन विालयों के नाम लेकर आ रहे हैं।

बीते माह जुलाई में अंतरजनदीय स्थानांतरण के जरिए 744 शिक्षक लखनऊ आए थे। उनकी काउंसिलिंग चल रही है। अब शुक्रवार को हुए 3395 शिक्षकों के तबादले में तकरीबन 150 शिक्षक और राजधानी आ गए। विभागीय जानकारों के अनुसार जनपद के काकोरी, चिनहट, सरोजिनीनगर व नगर क्षेत्र के विालयों में तैनाती के लिए तमाम सिफारिशें आ रही हैं। लेकिन जिले का माल ब्लाक ऐसा है जहां शायद ही कोई शिक्षक जाना चाहता हो। अगर उनकी तैनाती का आदेश जारी भी हो गया तो जुगाड़ लगाकर आदेश में संशोधन भी किया जा रहा है। इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानंद ने बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नॉटरीचेबल था।ज्यादातर की सिफारिशों में एक जैसी बीमारी का जिक्र



News Sabhaar : Daily News Network / डेली न्यूज नेटवर्क (4.8.12)

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4 अगस्त से जारी होंगे TGT-PGT प्रवेश पत्र

JOBS TGT PGTआगामी 25 अगस्त से शुरू होने वाली टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक)-पीजीटी (प्रवक्ता) 2011 परीक्षा को लेकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने तैयारी तेज कर दी है। परीक्षा में पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी शिरकत करेंगे। चयन बोर्ड इनके प्रवेश पत्र सोमवार से निर्गत करेगा।
  
बहुप्रतीक्षित टीजीटी-पीजीटी 2011 परीक्षा के अंतर्गत टीजीटी के 14 विषयों की परीक्षाएं 25 अगस्त (हिंदी,अंग्रेजी विज्ञान,जीव विज्ञान,गृह विज्ञान, कामर्स व फिजिकल एजुकेशन) और एक सिंतबर (उर्दू,सामाजिक विज्ञान, संगीत,कृषि,संस्कृत,कला व गणित) को जबकि पीजीटी के 21 विषयों की परीक्षाएं आठ सिंतबर को होंगी। तीन लाख 46 हजार अभ्यर्थी टीजीटी व एक लाख 83 हजार अभ्यर्थी पीजीटी की परीक्षा में शामिल होंगे। बोर्ड के सचिव वंशगोपाल मौर्या के मुताबिक परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र सोमवार से रजिस्टर्ड डाक से भेजने का काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रवेश पत्रों को बोर्ड की वेबसाइड पर अपलोड किए जाने पर तेजी से काम चल रहा है। एक सप्ताह में यह पूरा कर लिया जाएगा ताकि जिन अभ्यर्थियों को डाक से भेजे गए प्रवेश पत्र यदि नहीं समय पर नहीं मिले तो वे इसे आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर सके। सचिव के मुताबिक टीजीटी पीजीटी की परीक्षा में यह व्यवस्था पहली बार की जा रही है। बोर्ड के चेयरमैन प्रो देवकी नंदन के मुताबिक परीक्षाओं को सकुशल संपन्न कराने को व्यापक बंदोबस्त किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यह परीक्षा पिछले साल जुलाई में होनी थी लेकिन उसी दौरान बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष को हटाए जाने से इसे टाल दिया गया था


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अन्तर्जनपदीय स्थानांतरित परिषदीय शिक्षकों को 12 अगस्त तक ग्रहण करना होगा कार्यभार


FARRUKHABAD : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षकों की अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण की द्वितीय सूची भी जारी कर दी गयी है। अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु किये गये आनलाइन आवेदनों के क्रम में कुल 3395 शिक्षकों के स्थानांतरण प्रदेश स्तर पर किये गये हैं। स्थानांतरित शिक्षकों को दिशा निर्देश जारी करते हुए 12 अगस्त तक कार्यभारण ग्रहण करने के आदेश दिये गये हैं।
इसके अलावा शिक्षकों से कहा गया है कि वह द्वितीय अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण की सूची बेबसाइट से डाउनलोड कर लें। सूची में सम्मलित अध्यापक/अध्यापिकाओं को प्रत्येक दशा में 7 अगस्त तक अंतिम वेतन भुगतान पर्ची के साथ कार्यमुक्त करते हुए स्थानांतरित जनपदों में दिनांक 12 अगस्त 2013 तक कार्यभार ग्रहण कर लें।
शिक्षकों को कार्यमुक्त करने से पूर्व कार्यालयी अभिलेखों तथा शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का भलीभांति अनुशीलन कर समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित हो लें कि सम्बंधित शिक्षक अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए पात्र है। प्रत्येक दशा में जनपद से स्थानांतरित होने वाले शिक्षकों की सेवा पुस्तिका 20 अगस्त से पूर्व सम्बंधित जनपदों को उपलब्ध करा दिया जाये। जिससे अगस्त माह के वेतन भुगतान में भी कोई कठिनाई न हो। इस सम्बंध में सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा संजय सिन्हां द्वारा समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर कार्यवाही अमल में लाने को कहा गया है। किसी भी लापरवाही पर सम्बंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।


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