Monday, July 29, 2013

Answer Key of CTET 2013

Central Teacher Eligibility Test (CTET) examination was conducted on 28th July 2013.The aforesaid examination was conducted by Central Board Of Secondary Education (CBSE).This year more than 3 lac students participated in the examination.The examination of Central Teacher Eligibility Test (CTET) was conducted in two sessions.
After the examination more than 3 lac students want to match their Answers.For this they need Answer Key Of CTET 2013.Candidates can download the Answer Key Of CTET 2013 from the the official website of CTET www.ctet.nic.in after 2-3 days from the date of examination.The top coaching institutes of India also publish the Answer key Of CTET 2013.We will also try our best to provide you the Answer Key of CTET 2013.


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CTET 2013 : गणित व अंग्रेजी ने उलझाया



 अलीगढ़ : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) रविवार को 23 केंद्रों पर सम्पन्न हुई। जिसमें 11700 में से 10236 अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए हर परीक्षा केंद्र पर सीबीएसई की ओर से पर्यवेक्षक तैनात किए गए थे।

रविवार को पहली पाली में छह और दूसरी पाली में 17 केंद्रों पर सीटीईटी में अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा के दौरान सभी विद्यार्थियों के इलेक्ट्रानिक्स सामान बाहर रखवा लिए गए। परीक्षा केंद्रों पर साढे़ नौ बजे के बाद प्रवेश बंद कर दिया गया था।

गणित-अंग्रेजी रहे कठिन

परीक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, मैथ, सामाजिक विज्ञान और शिक्षाशास्त्र के 150 प्रश्न ढाई घंटे में हल करने थे, लेकिन अधिकांश अभ्यर्थी गणित और इंग्लिश के सवालों में अटके नजर आए।

रामघाट रोड हुआ जाम

पहली पाली में कम छात्र होने के कारण जाम की समस्या पैदा नहीं हुई, लेकिन दूसरी पाली की परीक्षा 17 सेंटर पर होनी थी। साढे़ चार बजे जैसे ही पेपर छूटा तो डीएस बाल मंदिर, रघुवीर बाल मंदिर, विजडम पब्लिक स्कूल, थ्री डॉट्स, ओएलएफ, संत फिदेलिस व हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी एक साथ निकले। जिसके चलते दुबे का पड़ाव से लेकर तालानगरी हेरिटेज तक रोड पूरी तरह से जाम हो गया।



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Saturday, July 27, 2013

UPPSC : मुलायम से मिलनेवाले छात्र संघर्ष समिति से निष्कासित




Candidates are waiting for similar matter of reservation running in Chattisgarh Court.

News Sabhaar : Jagran (27.7.13)

इलाहाबाद : आरक्षण की नई नीति के विरोध में चल रहे माहौल के बीच शुक्रवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. जीसी त्रिपाठी ने लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात की। उनके साथ कंदर्प नारायण मिश्र और छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भी था। प्रो. त्रिपाठी ने अध्यक्ष से इस नीति पर खुलकर चर्चा की और इसे गलत बताया। करीब आधा घंटा चली वार्ता के दौरान अध्यक्ष ने प्रो. त्रिपाठी द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार किया और आरक्षण की नई नीति को वापस लेने का आश्वासन दिया। इस दौरान छात्र नेता अविनाश दुबे भी मौजूद रहे

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UPPSC : पी सी एस परीक्षा की नयी आरक्षण नीति वापस

UPPSC : पी सी एस परीक्षा की  नयी आरक्षण नीति वापस 


आज सारे न्यूज़ पेपर सरकार के नयी आरक्षण नीति को वापस लिए जाने से भरे पड़े है -
त्रि स्तरीय आरक्षण पद्दति में आरक्षित वर्ग का प्रतिशत काफी ज्यादा हो रहा था ,
भर्ती के जितने ज्यादा चरण होंगे आरक्षित वर्ग को उतना ही ज्यादा फायदा मिल रहा था , जबकि पदों की संख्या वही थी । 

पी सी एस परीक्षा में तीन चरण थे - प्री , मेन्स और इंटरव्यू , पदों की संख्या निश्चित , आरक्षण सीमा - 50 प्रतिशत 
मान लीजिये प्री में 20 प्रतिशत आरक्षित वर्ग के लोग अधिक अंक पा कर सामान्य श्रेणी में आ जाते हैं ,
तो इस प्रकार प्री में सामान्य  वर्ग का प्रतिनिधित्व 30 प्रतिशत रहा । 

इसके उपरांत  प्री के  आरक्षित वर्ग से 10 प्रतिशत उत्तीर्ण अभ्यर्थी मेन्स में अधिक अंक पा कर सामान्य श्रेणी में जगह बनाने में सफल होते हैं तब सामान्य वर्ग का  प्रतिनिधित्व  परीक्षा के बाद 20 प्रतिशत रह जाता है । 

अब अंतिम चरण - इंटरव्यू में 20 प्रतिशत सामान्य वर्ग से व 80 प्रतिशत अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग से हो गए । 

मान लीजिये इसके बाद अंतिम चरण में आरक्षित वर्ग के 5 प्रतिशत अभ्यर्थी , सामान्य श्रेणी में जगह बनाने में कामयाब होते हैं , तो सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थीयों का पदों के सापेक्ष प्रतिनधित्व - 15 प्रतिशत तक रह जाता है 

नोट - प्रतिशतता के आंकड़े उदाहरनार्थ लिया गए हैं और ये उत्तीर्ण  प्रतिशतता घट बढ सकती है , लेकिन ये निश्चित है कि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थीयों को प्रत्येक चरण में दी जाने वाली आरक्षण व्यवस्था से नुक्सान है । 
दूसरी  बात मुझे अभी इस बात की जानकारी नहीं है - कि आरंभिक चरण में आरक्षित वर्ग अगर सामान्य वर्ग की 5० प्रतिशत सीमा 10-20 प्रतिशत सीट हासिल कर लेता है तो अगले चरणों में सामान्य श्रेणी में ही आयेगा या फिर आरक्षित श्रेणी की सीट में । 

आप लोग भी अपनी राय /जानकारी कमेन्ट के माध्यम से दे  सकते हैं , जानकारी के साथ तर्क या तथ्य  दें तो बात समझने में आसानी रहेगी । 
या अगर मेने कुछ गलत लिखा है तो सही जानकारी दे कर लेख को सुधारने में मदद कर सकते हैं 

आज  न्यूज़ पेपर से लोगों के दृष्टीकोण मेने देखे वे इस प्रकार हैं -
जागरण अख़बार से -

यह कानूनी जीत है। आयोग के अध्यक्ष और एसपी सिटी ने जातीय विभाजन पैदा करने का काम किया है। इन दोनों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अध्यक्ष के कार्यकाल में जारी किए गए सभी परीक्षा परिणामों की सीबीआई जांच होनी चाहिए।1- अभिषेक सिंह सोनू

जब कोई पार्टी का कैडर आयोग जैसे महत्वपूर्ण संस्थान का मुखिया बनता है तो वह पार्टी को खुश करने के लिए ही निर्णय लेता है। मौजूदा आयोग अध्यक्ष यहीं कर रहे थे। इनके पूरे कार्यकाल की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अध्यक्ष पर कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रहेगा। 1- अयोध्या सिंह

एक जाति विशेष को समर्थन करने के लिए ही आरक्षण की दोहरी प्रणाली अपनाकर प्रदेश में पहली बार सिपाही भर्ती में भी प्री और मेंस का चरण अपनाया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष के सभी कामों को सरकार का समर्थन था। मौजूदा निर्णय चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। 1- राजीव राय

1जब किसी संस्था में अयोग्य लोग बैठाए जाएंगे तो इसी तरह की स्थिति पैदा होगी। पार्टी के कैडर को खुश करने के लिए सारे नियम कायदे ताक पर रख दिए गए। लैपटॉप बांटकर नौजवानों को लुभाने की कोशिश में लगी सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ तो निर्णय बदल दिया। 1- विकास तिवारी

युवाओं के हित में सरकार को यह फैसला पहले ले लेना चाहिए था। यह राजनीतिक नफा नुकसान का आंकलन करने के बाद लिया गया निर्णय है। मौजूदा अध्यक्ष को हटा कर इनके आयोग के सदस्य रहने के दौरान से सभी परीक्षा परिणामों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। 1- मनोज कुमार मिश्र

एसपी सिटी और आयोग के अध्यक्ष को हटाए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों पर लगे सभी मुकदमें भी वापस होने चाहिए। संविधान की मूल भावना की हत्या करने वाले इस तरह के अधिकारियों पर मुकदमा कायम होना चाहिए। 1- ज्ञान शुक्ला

इस निर्णय पर हम तभी खुशी मनाएंगे जबतक जेल में बंद सभी प्रतियोगी छात्र रिहाकर उनपर सभी मुकदमे वापस नहीं लिए जाते। एसपी सिटी की बर्खास्तगी होनी चाहिए। वह शहर में अराजकता का माहौल बना रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष ने प्रदेश के युवाओं को बांटने का काम किया है। 1- विवेकानंद

इस फैसले का स्वागत है लेकिन जब तक अध्यक्ष हटाए नहीं जाते लड़ाई अधूरी रहेगी। एक भ्रष्ट व्यक्ति के इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठाए जाने का परिणाम लाखों नौजवानों को भुगतना पड़ रहा है। मौजूदा अध्यक्ष के कार्यकाल में जारी सभी परीक्षा परिणामों की सीबीआई जांच की जानी चाहिए। 1- अरुण सिंह

आयोग की छात्र विरोधी नीति पर प्रतिनिधिमंडल की मुलायम सिंह से मुलाकात का नतीजा बेहतर रहा। आयोग के अध्यक्ष के क्रियाकलाप की जांच के साथ सभी परीक्षा परिणामों की जांच से भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आएगा। नियमों के विरुद्ध किसी भी निर्णय के खिलाफ छात्र एकजुट होकर इसी तरह की प्रतिक्रिया देंगे।1- अभिषेक शुक्ला

सभी छात्रों ने एकजुटता दिखाई है। आरक्षण की पुरानी व्यवस्था से ही सभी को बराबर प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। सरकार द्वारा जाति विशेष के लोगों की नियुक्तियों के खिलाफ यह युवाओं का आक्रोश था। इस आक्रोश से सरकार डरी है। आयोग के निर्णय के जरिए सपा सरकार का चुनावी दांव उल्टा पड़ गया। - दिनेश दुबे




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BTC 2013 : बीटीसी 2013 के लिए प्रदेश स्तरीय मेरिट

इलाहाबाद : बीटीसी 2013 सत्र में प्रवेश के लिए प्रदेश भर की एक ही मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। मेरिट में आने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की काउंसिलिंग गृह जनपद के जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों या जनपद से संबद्ध डायट में की जाएगी। जांच में सही पाए गए अभ्यर्थियों से प्रदेश भर के दस संस्थानों के विकल्प चुनने की छूट दी जाएगी। इसके बाद अभ्यर्थी की वरिष्ठता सूची संस्थानवार जारी की जाएगी। वरिष्ठता सूची प्रदेश भर की कुल बीटीसी सीटों के सापेक्ष जारी की जाएगी। इसमें सामान्य वर्ग की सीटों के दोगुने और अन्य विशेष आरक्षित वर्ग की पांच गुने अभ्यर्थी शामिल होंगे। आवेदन के संदर्भ में डब्ल्युडब्ल्युडब्ल्यु डॉट यूपीबेसिकईडीयूबोर्ड डॉट जीवोवी डॉट इन पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

बीटीसी 2013 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई। 16 अगस्त तक पंजीकरण और ई-चालान के लिए प्रिंट आउट निकाला जा सकेगा। ई-चालान जमा करने की अंतिम तारीख 19 अगस्त है। अभ्यर्थियों को 22 अगस्त तक अपना आवेदन पूरा कर देना है। ऑनलाइन आवेदन पूरा होने के बाद अभ्यर्थियों की जिलेवार वरिष्ठता सूची डायट प्राचार्यो को भेजी जाएगी। जिलेवार सूची में विषय और वर्ग के अनुसार आरक्षित सीटों के सापेक्ष प्राथमिक स्तर पर चुने गए अभ्यर्थियों का आंकड़ा होगा। डायट पर संबंधित जिले से संबंधित अभ्यर्थी की काउंसिलिंग होगी। डायट प्राचार्य की अनुशंसा के बाद अभ्यर्थियों से संस्थानों के विकल्प लेकर अनंतिम चयन सूची जारी होगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को एक निर्देश पत्र जारी किया है।

बीसीए वाले कला वर्ग में

पचास फीसदी स्नातक की अनिवार्यता के साथ कुछ ऐसे पाठ्यक्रम जिन्हें विज्ञान वर्ग के तहत पढ़ाया जाता है को कला वर्ग में माना गया है। इंटरमीडिएट कला वर्ग से पास करने के बाद बीसीए और बीबीए करने वाले को कला वर्ग में माना गया है। इसके अतिरिक्त जिन स्नातक विषयों को लेकर वर्ग का भ्रम है उन मामलों में अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट परीक्षा में चुने गए विषयों के आधार पर वर्ग चुनने को कहा गया है


News Sabhaar : Jagran (26.7.13)
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BCA which is a professional course comes in Art Category for BTC course.
May be it happens due to non inclusion of Science Subjects. 
OR Subject experts/ Concerned department have knowledge of this issue.




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UPTET 2013 :टीईटी में मिलेंगे गलत सवालों के पूरे नंबर


UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / 

Teacher Recruitment News


-न मेरिट प्रभावित होगी और न परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत

-सोलह सवालों पर आई आपत्तियों को विशेषज्ञों ने सही ठहराया

इलाहाबाद : राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा में पूरी तरह गलत सवालों की वजह से मेरिट नहीं प्रभावित होगी। जिन सवालों के चारों विकल्प गलत पाए गए हैं, उस पर परीक्षार्थियों को पूरे नंबर दिए जाएंगे। इससे परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण प्रतिशत पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा

परीक्षा नियामक कार्यालय ने टीईटी को लेकर आई आपत्तियों के निस्तारण के बाद यह फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार परीक्षा के चारों वर्गो के प्रश्नपत्रों और उनके विकल्पों के बारे में एक हजार से अधिक आपत्तियां आई थीं। कई दिनों तक चले इनके परीक्षण के बाद इनमें सोलह सवालों पर आपत्तियों को सही पाया गया है। आठ सवाल प्राथमिक स्तर की परीक्षा के हैं और आठ सवाल उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के। इनमें सभी सवाल पूरी तरह गलत नहीं हैं। कुछ के विकल्पों में अंतर मिले हैं। अर्थात नियामक कार्यालय की उत्तरमाला में जो विकल्प सही दर्शाया गया है, परीक्षार्थियों ने अपने तर्क से किसी दूसरे विकल्प को सही बताया है। परीक्षा से जुड़े लोगों के अनुसार विशेषज्ञों ने ऐसे प्रश्नों के परीक्षण के बाद पाया है कि दोनों ही उत्तर सही हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में दोनों विकल्पों को सही मानकर उन्हें टिक करने वालों को पूरे अंक दिए जाएंगे। परीक्षा नियामक कार्यालय की सचिव नीना श्रीवास्तव की देखरेख में विशेषज्ञों की राय के बाद यह निर्णय लिए गए हैं।

परीक्षा नियामक कार्यालय फिलहाल इस बात से संतुष्ट है कि इस बार आपत्तिजनक प्रश्नों का परीक्षण पहले ही कराकर उन्हें चिह्नित कर लिया गया है। इससे पहले 2011 की टीईटी में कई प्रश्न सवालों के घेरे में आ गए थे और परीक्षार्थियों को अदालत तक जाना पड़ा था। तब इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने किया था और तमाम आलोचनाओं को झेलने के बाद रिजल्ट को कई बार संशोधित करना पड़ा था। उक्त परीक्षा में लगभग तीन लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे जबकि इस बार इनकी संख्या लगभग साढ़े सात लाख है। परीक्षा गत 27-28 जून को प्रदेश के सभी जनपदों में संपन्न कराई गई थी

इतनी बड़ी संख्या के बाद भी परीक्षा नियामक कार्यालय की कोशिश जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने की है। रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं नवल किशोर शर्मा के अनुसार इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। चूंकि पूरी परीक्षा कंप्यूटराइज्ड प्रक्रिया से कराई गई है, इसलिए रिजल्ट भी वेबसाइट पर ही घोषित किया जाएगा
News Source / Sabhaar : Jagran (26.7.2013)
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Ye Sab CTET Exam Mein Kyun Nahin Hota.
Why all this not happens in CTET Exam

Kyun UPTET Sudhhata Se Pariksha Nahin Kara Pataa
Why UPTET exam not conducted with purity/correctness.



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UPTET : Debate on Recruitment of 72825 Teachers



आज कल जिस प्रकार 72825  शिक्षकों की भर्ती में अभ्यार्थीयों द्वारा बहस चल रही है -
उसमें निम्न बातें  सामने आ रही हैं -


एक पक्ष  का मानना है कि सरकार पुराना विज्ञापन वापस ले चुकी थी तो उसमें बीच में भर्ती नियम बदले जाने की बात का कोई तर्क नहीं है और स्टे हटने के बाद भर्ती नए विज्ञापन के तहत होगी ।

मैंने भी कई बार देखा सुना है कि कई बार सरकार  अपने द्वारा निकले गए विज्ञापन को निरस्त कर देती है या पदों के सापेक्ष पूर्ण भर्तियाँ नहीं करती (कह देती है की योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले ।

लेकिन जब किसी भर्ती के काफी सारे चरण पूरे हो चुके होते हैं या भर्ती  अंतिम दोर में होती है ,
 तब भर्ती के नियम बीच में बदलना आसन भी नहीं रहता और न्यायलय भी अभ्यर्थी के संवेधानिक अधिकारों कि रक्षा करता है ।

इस भर्ती में देखा जाये तो यू पी टी ई टी परीक्षा संपन्न हो चुकी थी , उसके बाद न्यायलय ने भी टी ई टी मेरिट से भर्ती को नियम विरुद्द नहीं बताया था ।
अभ्यर्थी सरकार द्वारा निकले गए विज्ञापन को भर चुके थे और टी ई टी परीक्षा  में अच्छे अंक प्राप्त करने वाला भर्ती का पात्र हो चुका  था । और महज काउंसलिंग की खानापूर्ती द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जाना शेष रह गया था

हालाँकि काफी समय भर्ती के नियम परिवर्तित कर दिया गए , जिसका कारण टी ई टी परीक्षा में अनियमितता को बताया गया था , और उसके बाद पुराने विज्ञापन को सरकार द्वारा वापस ले लिया गया व
नया विज्ञापन नए नियमों के तहत निकाला गया ।


मामला उठता है  की क्या बदले  हुए नियमों का असर पुराने विज्ञापन पर पड़ेगा इस पर अभ्यार्थीयों में  विभिन्न मत हैं -
1. पुराना विज्ञापन निरस्त हो गया है अब इसकी बहाली संभव नहीं
2. अगर धांधली वाली बात में दम नहीं तो  सरकार द्वारा नियम बदल कर भर्ती कैसे संभव हे
3 नियम बदले जाने से कई अभ्यार्थीयों के चयन पर विपरीत प्रभाव पडेगा , उसकी भरपाई कैसे संभव है
उम्र सीमा लाँघ ( पुराने आवेदन में पात्र , मगर उम्र सीमा के कारण नए विज्ञापन में अपात्र )
चुके अभ्यार्थीयों को हाई कोर्ट राहत दे चुकी है , तो कुछ अभ्यार्थीयों का मानना है कि अगर नया विज्ञापन पूर्ण रूप से नया है , तो पुराने विज्ञापन के आवेदन कर्ताओं को नए विज्ञापन में क्यूँ अवसर दिया गया

और जिन अभ्यार्थीयों ने पुराने विज्ञापन में आवेदन किया था उनको नए विज्ञापन में आवेदन न करने के बाद भी एस सी आर टी ई लखनऊ में पुराने आवेदन की जानकारी के साथ अवसर क्यूँ दिया

न्याय मूर्ती हर्कोली जी ने सरकारी जांच पर काफी सारे प्रश्न उठाये थे और बेड पार्ट को गुड पार्ट से अलग न करने पर भी प्रश्न उठाये थे ।

अभ्यर्थी भर्ती में हो रही देरी से अवसाद ग्रस्त हैं और चाहते हैं कि न्यायलय का जो भी फेसला हो वो जल्द से जल्द आ जाये |


ब्लॉग पड़ने वाले अभ्यर्थीयों की जो भी राय हो वह उचित तर्कों द्वारा कमेन्ट के माध्यम से दे सकते हैं ,
धन्यवाद


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Friday, July 26, 2013

यूपीपीएससी के अध्यक्ष को सीएम ने किया तलब

 लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा लागू आरक्षण के नए नियम को लेकर मचे बवाल के मद्देनजर गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव और सचिव अनिल कुमार यादव को लखनऊ तलब किया। मुख्यमंत्री ने डॉ. यादव से आरक्षण के नए नियम को लेकर खड़े हुए विवाद और आयोग की तरफ से न्यायालय के समक्ष रखे गए पक्ष के बारे में बातचीत की। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सचिव अनिल कुमार यादव को हटाकर उनकी जगह अजय कुमार सिंह की नियुक्ति कर दी गई। शासन के सूत्रों के अनुसार यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सचिव ने आज मुख्यमंत्री से मिलकर आरक्षण के नए नियमों को लेकर हुए बखेड़े पर सफाई पेश की। गौरतलब है कि आरक्षण के नए नियम को लेकर इलाहाबाद में खासा बवाल हुआ था और इसके खिलाफ याचिका दायर होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को पीसीएस के इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। पूरे मामले में आयोग और उसके अफसरों के रवैये से मुख्यमंत्री खुश नहीं हैं इसलिए उन्होंने अध्यक्ष व सचिव को तलब किया था। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने आयोग द्वारा पूरे प्रकरण को सही तरीके से न संभाल पाने पर खासी नाराजगी जताई। देर शाम आयोग के सचिव पद से अनिल कुमार यादव को हटाकर वेटिंग में चल रहे आईएएस अजय कुमार सिंह को सचिव पद पर नियुक्त कर दिया गया।

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