Saturday, July 27, 2013

UPTET 2013 :टीईटी में मिलेंगे गलत सवालों के पूरे नंबर


UPTET  / टीईटी / TET Teacher Eligibility Test Updates / 

Teacher Recruitment News


-न मेरिट प्रभावित होगी और न परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत

-सोलह सवालों पर आई आपत्तियों को विशेषज्ञों ने सही ठहराया

इलाहाबाद : राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा में पूरी तरह गलत सवालों की वजह से मेरिट नहीं प्रभावित होगी। जिन सवालों के चारों विकल्प गलत पाए गए हैं, उस पर परीक्षार्थियों को पूरे नंबर दिए जाएंगे। इससे परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण प्रतिशत पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा

परीक्षा नियामक कार्यालय ने टीईटी को लेकर आई आपत्तियों के निस्तारण के बाद यह फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार परीक्षा के चारों वर्गो के प्रश्नपत्रों और उनके विकल्पों के बारे में एक हजार से अधिक आपत्तियां आई थीं। कई दिनों तक चले इनके परीक्षण के बाद इनमें सोलह सवालों पर आपत्तियों को सही पाया गया है। आठ सवाल प्राथमिक स्तर की परीक्षा के हैं और आठ सवाल उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के। इनमें सभी सवाल पूरी तरह गलत नहीं हैं। कुछ के विकल्पों में अंतर मिले हैं। अर्थात नियामक कार्यालय की उत्तरमाला में जो विकल्प सही दर्शाया गया है, परीक्षार्थियों ने अपने तर्क से किसी दूसरे विकल्प को सही बताया है। परीक्षा से जुड़े लोगों के अनुसार विशेषज्ञों ने ऐसे प्रश्नों के परीक्षण के बाद पाया है कि दोनों ही उत्तर सही हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में दोनों विकल्पों को सही मानकर उन्हें टिक करने वालों को पूरे अंक दिए जाएंगे। परीक्षा नियामक कार्यालय की सचिव नीना श्रीवास्तव की देखरेख में विशेषज्ञों की राय के बाद यह निर्णय लिए गए हैं।

परीक्षा नियामक कार्यालय फिलहाल इस बात से संतुष्ट है कि इस बार आपत्तिजनक प्रश्नों का परीक्षण पहले ही कराकर उन्हें चिह्नित कर लिया गया है। इससे पहले 2011 की टीईटी में कई प्रश्न सवालों के घेरे में आ गए थे और परीक्षार्थियों को अदालत तक जाना पड़ा था। तब इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने किया था और तमाम आलोचनाओं को झेलने के बाद रिजल्ट को कई बार संशोधित करना पड़ा था। उक्त परीक्षा में लगभग तीन लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे जबकि इस बार इनकी संख्या लगभग साढ़े सात लाख है। परीक्षा गत 27-28 जून को प्रदेश के सभी जनपदों में संपन्न कराई गई थी

इतनी बड़ी संख्या के बाद भी परीक्षा नियामक कार्यालय की कोशिश जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने की है। रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं नवल किशोर शर्मा के अनुसार इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। चूंकि पूरी परीक्षा कंप्यूटराइज्ड प्रक्रिया से कराई गई है, इसलिए रिजल्ट भी वेबसाइट पर ही घोषित किया जाएगा
News Source / Sabhaar : Jagran (26.7.2013)
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Ye Sab CTET Exam Mein Kyun Nahin Hota.
Why all this not happens in CTET Exam

Kyun UPTET Sudhhata Se Pariksha Nahin Kara Pataa
Why UPTET exam not conducted with purity/correctness.



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UPTET : Debate on Recruitment of 72825 Teachers



आज कल जिस प्रकार 72825  शिक्षकों की भर्ती में अभ्यार्थीयों द्वारा बहस चल रही है -
उसमें निम्न बातें  सामने आ रही हैं -


एक पक्ष  का मानना है कि सरकार पुराना विज्ञापन वापस ले चुकी थी तो उसमें बीच में भर्ती नियम बदले जाने की बात का कोई तर्क नहीं है और स्टे हटने के बाद भर्ती नए विज्ञापन के तहत होगी ।

मैंने भी कई बार देखा सुना है कि कई बार सरकार  अपने द्वारा निकले गए विज्ञापन को निरस्त कर देती है या पदों के सापेक्ष पूर्ण भर्तियाँ नहीं करती (कह देती है की योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले ।

लेकिन जब किसी भर्ती के काफी सारे चरण पूरे हो चुके होते हैं या भर्ती  अंतिम दोर में होती है ,
 तब भर्ती के नियम बीच में बदलना आसन भी नहीं रहता और न्यायलय भी अभ्यर्थी के संवेधानिक अधिकारों कि रक्षा करता है ।

इस भर्ती में देखा जाये तो यू पी टी ई टी परीक्षा संपन्न हो चुकी थी , उसके बाद न्यायलय ने भी टी ई टी मेरिट से भर्ती को नियम विरुद्द नहीं बताया था ।
अभ्यर्थी सरकार द्वारा निकले गए विज्ञापन को भर चुके थे और टी ई टी परीक्षा  में अच्छे अंक प्राप्त करने वाला भर्ती का पात्र हो चुका  था । और महज काउंसलिंग की खानापूर्ती द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जाना शेष रह गया था

हालाँकि काफी समय भर्ती के नियम परिवर्तित कर दिया गए , जिसका कारण टी ई टी परीक्षा में अनियमितता को बताया गया था , और उसके बाद पुराने विज्ञापन को सरकार द्वारा वापस ले लिया गया व
नया विज्ञापन नए नियमों के तहत निकाला गया ।


मामला उठता है  की क्या बदले  हुए नियमों का असर पुराने विज्ञापन पर पड़ेगा इस पर अभ्यार्थीयों में  विभिन्न मत हैं -
1. पुराना विज्ञापन निरस्त हो गया है अब इसकी बहाली संभव नहीं
2. अगर धांधली वाली बात में दम नहीं तो  सरकार द्वारा नियम बदल कर भर्ती कैसे संभव हे
3 नियम बदले जाने से कई अभ्यार्थीयों के चयन पर विपरीत प्रभाव पडेगा , उसकी भरपाई कैसे संभव है
उम्र सीमा लाँघ ( पुराने आवेदन में पात्र , मगर उम्र सीमा के कारण नए विज्ञापन में अपात्र )
चुके अभ्यार्थीयों को हाई कोर्ट राहत दे चुकी है , तो कुछ अभ्यार्थीयों का मानना है कि अगर नया विज्ञापन पूर्ण रूप से नया है , तो पुराने विज्ञापन के आवेदन कर्ताओं को नए विज्ञापन में क्यूँ अवसर दिया गया

और जिन अभ्यार्थीयों ने पुराने विज्ञापन में आवेदन किया था उनको नए विज्ञापन में आवेदन न करने के बाद भी एस सी आर टी ई लखनऊ में पुराने आवेदन की जानकारी के साथ अवसर क्यूँ दिया

न्याय मूर्ती हर्कोली जी ने सरकारी जांच पर काफी सारे प्रश्न उठाये थे और बेड पार्ट को गुड पार्ट से अलग न करने पर भी प्रश्न उठाये थे ।

अभ्यर्थी भर्ती में हो रही देरी से अवसाद ग्रस्त हैं और चाहते हैं कि न्यायलय का जो भी फेसला हो वो जल्द से जल्द आ जाये |


ब्लॉग पड़ने वाले अभ्यर्थीयों की जो भी राय हो वह उचित तर्कों द्वारा कमेन्ट के माध्यम से दे सकते हैं ,
धन्यवाद


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Friday, July 26, 2013

यूपीपीएससी के अध्यक्ष को सीएम ने किया तलब

 लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा लागू आरक्षण के नए नियम को लेकर मचे बवाल के मद्देनजर गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव और सचिव अनिल कुमार यादव को लखनऊ तलब किया। मुख्यमंत्री ने डॉ. यादव से आरक्षण के नए नियम को लेकर खड़े हुए विवाद और आयोग की तरफ से न्यायालय के समक्ष रखे गए पक्ष के बारे में बातचीत की। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सचिव अनिल कुमार यादव को हटाकर उनकी जगह अजय कुमार सिंह की नियुक्ति कर दी गई। शासन के सूत्रों के अनुसार यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सचिव ने आज मुख्यमंत्री से मिलकर आरक्षण के नए नियमों को लेकर हुए बखेड़े पर सफाई पेश की। गौरतलब है कि आरक्षण के नए नियम को लेकर इलाहाबाद में खासा बवाल हुआ था और इसके खिलाफ याचिका दायर होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को पीसीएस के इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। पूरे मामले में आयोग और उसके अफसरों के रवैये से मुख्यमंत्री खुश नहीं हैं इसलिए उन्होंने अध्यक्ष व सचिव को तलब किया था। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने आयोग द्वारा पूरे प्रकरण को सही तरीके से न संभाल पाने पर खासी नाराजगी जताई। देर शाम आयोग के सचिव पद से अनिल कुमार यादव को हटाकर वेटिंग में चल रहे आईएएस अजय कुमार सिंह को सचिव पद पर नियुक्त कर दिया गया।

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टीईटी का रिजल्ट अगस्त के पहले हफ्ते में

करीब सात लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे परीक्षा में

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : बहुप्रतीक्षित राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम अगस्त के पहले हफ्ते में आएगा। इस बावत परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने कवायद तेज कर दी है। कार्यालय ने इसके लिए पहले 31 जुलाई का समय तय किया था लेकिन आपत्तियों के निरीक्षण में अधिक समय लग जाने के चलते इस तारीख के आगे बढ़ने की संभावना है। 1जून के आखिरी सप्ताह में संपन्न टीईटी की परीक्षा करीब सात लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। लेकिन परीक्षा में पूछे गए सवालों पर आए करीब एक हजार आपत्तियों का निरीक्षण और परीक्षण करने में प्राधिकारी कार्यालय को काफी वक्त लग गया। लिहाजा पूर्व घोषित कार्यक्रम में थोड़ा परिवर्तन हो सकता है और परीक्षा परिणामों के घोषित करने की तारीख को करीब एक सप्ताह तक आगे खिसकाया जा सकता है। कार्यालय सूत्रों के अनुसार परिणाम हर कीमत में दस अगस्त से पहले आ ही जाएगा।

 
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अगस्त में भरी जाएंगी बीएड की सीटें

 काउंसिलिंग में शामिल न हो पाने वाले अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका
लखनऊ : संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड-2013 की रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए अगस्त के पहले सप्ताह में दोबारा प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव एसके शुक्ल ने बताया कि प्रक्रिया से संबंधित पूरा विवरण जल्द ही समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा। 1इस प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के लिए ऐसे सभी अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जाएगा जो पात्र होने के बाद भी पूर्व में किन्हीं कारणों से काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो सके थे। इनके अलावा ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने अभी तक अपनी सीट कंफर्म नहीं कराई है और ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें अभी तक काउंसिलिंग में बुलाया नहीं गया था उन्हें भी इस प्रक्रिया में मौका मिल सकेगा। सीट कंफर्म कराने के इच्छुक अभ्यर्थियों को सीट कंफर्म कराने का भी अवसर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए प्रक्रिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश के विभिन्न अंचलों में अधिकाधिक केंद्र बनाकर सम्पन्न कराने की व्यवस्था की जा रही है।

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UP BTC यूपी: तैयार रहें, बीटीसी में होनेवाले हैं दो बड़े बदलाव!


सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो अगले सत्र में बीटीसी प्रशिक्षु नया पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। कोर्स के साथ बीटीसी का नाम भी बदलेगा। नए कोर्स का मकसद प्राइमरी के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की पढ़ाई के अनुरूप तैयार करना है। 

राज्य शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि टीईटी की अनिवार्यता के बाद बीटीसी के स्वरूप में बदलाव जरूरी हो गया है।
विशेषज्ञों की बैठक में पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव भी बन गया है, जिसे सुझावों के रूप में एससीईआरटी को भेज भी दिया गया है। जल्द ही इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

बीटीसी को लेकर बहस उसी समय से शुरू हो गई थी, जब टीईटी को अनिवार्य किया गया था। विशेषज्ञों की राय रही कि जब टीईटी शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता हो गई तो बीटीसी के नाम से प्रशिक्षुओं को डिग्री देना उचित नहीं है

अब तक बीटीसी को शिक्षक के लिए अनिवार्य योग्यता माना जाता था। राज्य शिक्षा संस्थान के जानकारों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक जो प्रशिक्षु टीईटी पास नहीं कर पाएंगे, उन्हें टीचर सर्टिफिकेट देना जायज नहीं है इसलिए इसके नाम में बदलाव की जरूरत है।

नाम के साथ ही पाठ्यक्रम में भी बड़े बदलाव का प्रारूप तैयार किया गया। बदलाव के तहत अब हर सेमेस्टर में इंटर्नशिप होगी। पहले केवल चौथे सेमेस्टर में होती थी। नई प्रक्रिया से प्रशिक्षु हर सेमेस्टर में सैद्धांतिक के साथ व्यवहारिक शिक्षा भी हासिल कर सकेंगे।

पाठ्यक्रम में अब तक शिक्षा का अधिकार-2009 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005 से कोई भी बिंदु शामिल नहीं किया गया था। बदलाव के क्रम में इसे शामिल किया जाएगा। छोटे जिलों के डायट में चल रही मनमानी पर रोक लग सके, इसके लिए भी कई नए प्रस्ताव रखे गए हैं।

राज्य शिक्षा संस्थान निदेशक फैजुर्रहमान ने बताया कि एससीईआरटी से अनुमोदन मिलने के बाद पाठ्यक्रम में बदलाव शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद बीटीसी की किताबें भी तैयार की जाएंगी। अब तक बीटीसी के लिए किताबों का निर्माण भी नहीं किया गया है
News Sabhaar : Amar Ujala (25.7.2013)
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As TET is Mandatory to Become Teacher, BTC not a job gurantee program and accordingly some changes going to happen in BTC course and its name.




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UP BTC यूपी: बीटीसी में आवेदन के बारे में जानिए सब कुछ




उत्तर प्रदेश में बेसिक टीचर सर्टिफिकेट (बीटीसी) कोर्स के लिए इसी माह से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बीटीसी के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन सभी जिलों में किए जा सकेंगे।

इसके लिए 50 फीसदी अंकों में स्नातक पास 18 से 30 वर्ष वाले पात्र होंगे।

अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग को 5 वर्ष व नि:शक्तों को आयु सीमा में 15 वर्ष की छूट होगी। आरक्षित वर्ग, नि:शक्त व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को स्नातक में 5 फीसदी अंक में छूट होगी।

गलती पर दुबारा बिना शुल्क जमा किए आवेदन का मौका मिलेगा, लेकिन नि:शक्त श्रेणी लिखने पर यह मौका नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश का निवासी ही आवेदन के लिए पात्र होगा। इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया है।

बीटीसी का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के प्राप्तांकों के प्रतिशत को जोड़कर मेरिट बनाई जाएगी। बीएससी, बीएससी एजी, बीएससी गृह विज्ञान, बीटेक व बीसीए को स्नातक विज्ञान वर्ग और बीए, बीकाम, बीबीए को कला वर्ग में माना गया है।

निजी बीटीसी कॉलेजों के लिए आरक्षण नियमों को ध्यान में रखते हुए दो गुना और विशेष आरक्षण श्रेणी के अभ्यर्थियों की पांच गुना सूची बनाई जाएगी। पात्रों के चयन की सूचना अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करा कर दी जाएगी।

बीटीसी की 50 फीसदी सीटें पुरुष व 50 फीसदी महिलाओं से भरी जाएंगी। 50 प्रतिशत कला और 50 प्रतिशत विज्ञान वर्ग के लिए हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए 150 तथा अन्य वर्ग के लिए 300 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। नि:शक्तों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्राचार्य काउंसलिंग में पात्र और अपात्र पाए गए अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर लोड करेगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी मेरिट में आने वालों से सरकारी और निजी संस्थाओं का विकल्प लेने के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित कराएगा। अधिकतम 10 जिलों के विकल्प की अनुमति होगी।

इसके लिए एक सप्ताह तक पुन: वेबसाइट खोली जाएगी। अल्संख्यक बीटीसी कॉलेज की 50 फीसदी सीटें काउंसलिंग से तथा 50 फीसदी सीटें प्रबंधन स्वयं भर सकेगा। डायटों में बीटीसी की फीस 4600 रुपये होगी और निजी कॉलेजों में पूर्व में निर्धारित फीस ली जाएगी।

बीटीसी में कब क्या
  • - शासनादेश जारी होने के पांच दिन के अंदर विज्ञापन
  • - विज्ञापन के तीन सप्ताह तक ऑनलाइन पंजीकरण
  • - पंजीकरण के दो दिन बाद तक जमा होंगे ई चालान
  • -आवेदन की अंतिम तिथि ई चालान जमा होने के तीन दिन बाद तक
  • - गलती सुधारने का मौका अंतिम तिथि के दो दिन बाद से सात दिन तक
  • - डायट संशोधित आवेदन पत्र तीन दिन बाद तक करेंगे फीड
  • - मेरिट जारी होगी इसके सात दिन के अंदर
  • - काउंसलिंग का विज्ञापन इसके दिन बाद
  • -काउंसलिंग इसके बाद 10 दिनों तक
  • - चयनितों की सूची जारी होगी इसके तीन दिन के अंदर
  • -सीटों के लिए विकल्प भरने का मौका इसके दिन के भीतर
  • - कॉलेजों का आवंटन इसके पांच दिन के अंदर
  • - प्रवेश प्रक्रिया पूरी होगी इसके 10 दिन के भीतर
  • -प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी इसके तीन दिन के अंदर

'बीटीसी ऑनलाइन आवेदन में पूरी सावधानी बरतें। साइबर कैफे के भरोसे कतई न रहें। पंजीकरण करते समय सभी तथ्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। मूल प्रमाण पत्रों से इसका मिलान करने के बाद ही फार्म को क्लिक करें। इसके बाद ही ई-चालन भरें। इससे गड़बड़ी की संभावना न के बराबर होगी।'
सुनील कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा

News Sabhaar : Amar Ujala (23.7.13)




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UP Teacher Recruitment : तदर्थ शिक्षकों का चयन रद्द

UP Teacher Recruitment : तदर्थ शिक्षकों का चयन रद्द

UP Aided School Recruitment of LT Grade, Asst. Teacher, Adhoc Teacher Recruitment During 2011 and after 2011 is cancelled by Allahabad high court.

Advertisement was not published in at least two popular news papers and therefore not as per Law.

As per court order , New Fresh advertisement need to be publish with sufficient popularity.


लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रबंध समिति वाले माध्यमिक स्कूल-कॉलेजों में वर्ष 2011 और उसके बाद चयनित तदर्थ प्रवक्ताओं, सहायक शिक्षकों व एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इन खाली पदों को भरने के लिए नया विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह चौहान ने यह फैसला राकेश कुमार सिंह समेत करीब 200 शिक्षकों की याचिकाओं पर सुनाया। सुनवाई के दौरान पता चला कि इन पदों के लिए जो विज्ञापन दिया गया वह नियमानुसार पूरे प्रदेश में प्रचलित पर्याप्त प्रसार वाले दो अखबारों में नहीं प्रकाशित करवाया गया। अदालत ने कहा, कानूनी प्रावधान के तहत इसे विज्ञापन नहीं कहा जा सकता है और इसके तहत किया गया चयन जायज नहीं है



News Source / Sabhhar : Amar Ujala (25.7.13)


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