UPMSSCB, UPSESSB / UP TGT PGT कड़ी निगरानी में होगी टीजीटी-पीजीटी परीक्षा नकल रोकने के लिए आवेदन पत्रों की मिक्सिंग होगी
UPMSSCB, UPSESSB / UP TGT PGT कड़ी निगरानी में होगी टीजीटी-पीजीटी परीक्षा नकल रोकने के लिए आवेदन पत्रों की मिक्सिंग होगी
UP TGT PGT Exam Will Be on 25th August, 1st and 8th September 2013
बोर्ड की ओर से टीजीटी-पीजीटी परीक्षा का आयोजन 25 अगस्त, एक और आठ सितंबर को होगा।
चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए इस बार आवेदन पत्रों की रैंडम तरीके से मिक्सिंग की जा रही है। मिक्सिंग के बाद रोलनंबर और परीक्षा केन्द्रों का आवंटन होगा। इसकी निगरानी वह स्वयं करेंगे। पता चला है कि परीक्षार्थी आवेदन के समय से ही परीक्षा पास करने की जुगत में लग जाते हैं। वह एक साथ आवेदन करने के बाद अनुक्रमांक की आगे-पीछे सेटिंग कर लेते हैं। इस बार आगे-पीछे रोलनंबर की सेटिंग नहीं की जा सकेगी। बताया कि परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को आंसर सीट की कार्बन कॉपी देने के साथ ही परीक्षा वाले ही दिन सभी विषयों के उत्तर जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षार्थी अपने उत्तर का मिलान करने के बाद गलत प्रश्नों की आपत्ति चयन बोर्ड को भेज सकेंगे। चयन बोर्ड परीक्षार्थियों की आपत्ति का निस्तारण करने के बाद ही आंसर सीट का मूल्यांकन करेगा। बताया कि 2009 और 2010 की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के प्रश्नों को लेकर छात्रों की आपत्ति के बाद यह निर्णय लेना पड़ा। परीक्षा वाले दिन ही जारी होगा प्रश्नों का सही उत्तर
Sabhaar : अमर उजाला


जागरण
ब्यूरो, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि
घोषणा पत्रों में मुफ्त लैपटॉप, टीवी, मिक्सर ग्राइंडर, बिजली का पंखा और
सोने की थाली देने जैसी लोक लुभावन घोषणाएं भले जनप्रतिनिधित्व कानून में
भ्रष्टाचार की परिभाषा में न आती हो, लेकिन इनसे लोग प्रभावित होते हैं। ये
चुनाव प्रक्रिया दूषित करती हैं। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है
कि वह घोषणा पत्रों में मुफ्त उपहार की लोक लुभावन घोषणाएं रोकने के लिए
दिशा-निर्देश जारी करे। कोर्ट ने आयोग से कहा कि वह इसे महत्वपूर्ण मानते
हुए जल्द से जल्द अंजाम दे। कोर्ट ने राजनैतिक दलों को नियमित करने के लिए
अलग कानून बनाने की जरूरत पर भी बल दिया। 1न्यायमूर्ति पी. सतशिवम व
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने शुक्रवार को यह फैसला तमिलनाडु विधानसभा
चुनाव में द्रमुक और अन्नाद्रमुक के घोषणा पत्रों में मुफ्त उपहारों की
घोषणा को चुनाव के भ्रष्ट तरीके बताने वाली एस सुब्रमण्यम बालाजी की याचिका
का निपटारा करते हुए सुनाया। पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष
और स्वतंत्र चुनाव कराने और विभिन्न उम्मीदवारों के बीच बराबरी का मौका
स्थापित करने के लिए चुनाव आयोग आदर्श चुनाव संहिता जैसे दिशा-निर्देश जारी
कर सकता है। 1पीठ ने कहा कि उन्हें मालूम है कि चुनाव आयोग सिर्फ चुनाव की
तिथि घोषित होने के बाद ही कोई कार्रवाई कर सकता है और चुनाव घोषणापत्र
चुनाव की तिथि लागू होने से पहले जारी होते हैं। ऐसी स्थिति में इस मामले
को अपवाद माना जाएगा क्योंकि चुनाव घोषणा पत्र सीधे तौर पर चुनाव प्रक्रिया
से जुड़ा होता है। हालांकि, कोर्ट ने याचिका पर सीधे तौर पर कोई आदेश देने
से इन्कार करते हुए कहा कि जब तक ऐसी घोषणाएं योजना का रूप न ले लें,
उन्हें लागू करने के लिए उचित विधेयक और पैसा न जारी हो तब तक कोर्ट उसमें
दखल नहीं दे सकता। कोर्ट सरकार के कामकाज में तभी दखल दे सकता है जबकि वह
काम असंवैधानिक या गैरकानूनी हो। 1 सरकारी बंगलों से अवैध कब्जा हटाए
सरकार-