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Thursday, July 4, 2013
खुला सेना में भर्ती का रास्ता
गोरखपुर : पूर्वाचल के नौजवानों को सेना में भर्ती का ढाई साल बाद फिर मौका मिलने जा रहा है। 17 से 26 अगस्त तक यहां आरपीएसएफ के रजही ग्राउंड पर भर्ती रैली आयोजित होगी। बुधवार को जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने सैन्य अफसरों के साथ रैली की तैयारियों की समीक्षा की। भर्ती निदेशक कर्नल एस.पवन कुमार ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रोजेक्टर के जरिए रैली के विभिन्न बिन्दुओं को सामने रखा। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी जाएगी और विभिन्न स्थानों पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके पहले यहां 2010 और 11 में भर्ती हुई थी। 2011 में 17 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।1कब किस जिले की भर्ती117 अगस्त : संत रविदास नगर118 अगस्त : गोरखपुर की चार तहसील119 अगस्त : गोरखपुर की तीन तहसील120 अगस्त : वाराणसी121 अगस्त : चंदौली122 अगस्त : देवरिया123 अगस्त : मऊ ।1गोरखपुर : पूर्वाचल के नौजवानों को सेना में भर्ती का ढाई साल बाद फिर मौका मिलने जा रहा है। 17 से 26 अगस्त तक यहां आरपीएसएफ के रजही ग्राउंड पर भर्ती रैली आयोजित होगी। बुधवार को जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने सैन्य अफसरों के साथ रैली की तैयारियों की समीक्षा की। भर्ती निदेशक कर्नल एस.पवन कुमार ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रोजेक्टर के जरिए रैली के विभिन्न बिन्दुओं को सामने रखा। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी जाएगी और विभिन्न स्थानों पर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके पहले यहां 2010 और 11 में भर्ती हुई थी। 2011 में 17 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।1कब किस जिले की भर्ती117 अगस्त : संत रविदास नगर118 अगस्त : गोरखपुर की चार तहसील119 अगस्त : गोरखपुर की तीन तहसील120 अगस्त : वाराणसी121 अगस्त : चंदौली122 अगस्त : देवरिया123 अगस्त : मऊ ।1
बेरोजगारों को मिलेगी रोजगार की छतरी
रोजगार छतरी योजना में हर साल नए स्कूलों को दी जाएगी मान्यता16हर साल 1900 स्कूलों को मिलेगी मान्यता, जिलों का लक्ष्य तय
पंकज मिश्र1हरदोई : शिक्षित बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है उन्हें रोजगार की छतरी मिलेगी। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में रोजगार छतरी योजना न केवल उन्हें रोजगार देगी बल्कि नौनिहालों का भविष्य भी संवारेगी। बेसिक शिक्षा विभाग रोजगार का अवसर देने के लिए प्रति वर्ष 1900 विद्यालयों को मान्यता देगा और प्रति विद्यालय में पांच बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी। प्रदेश में शुरू हो रही इस योजना में लखनऊ मंडल में 790 और हरदोई जिले के 180 शैक्षिक बेरोजगारों को प्रति वर्ष रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।1बारहवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2012-17) में रोजगार सृजन के लिए रोजगार छतरी योजना की शुरुआत की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग में शैक्षिक बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए छतरी योजना लागू की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग स्ववित्त पोषित हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के 1500 प्राथमिक व 400 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रति वर्ष मान्यता देगा। इसके लिए विद्यालयों की मान्यता संबंधी 15-5-2011 के शासनादेश में संशोधन कर आठ मई 2013 को जारी नवीन शासनादेश के तहत 19 जून 2013 में बेसिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किया है। नवीन विद्यालयों को मान्यता देने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक के हवाले से उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) शशि किरण त्रिपाठी ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक ) को पत्र जारी कर विद्यालयों की मान्यता का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित कर रोजगार का लक्ष्य भी दिया है। लखनऊ मंडल में 790 का लक्ष्य निर्धारित कर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेंद्र सिंह राणा को आदेश जारी किया गया है। लखनऊ मंडल के लिए निर्धारित 790 में जिलों को आवंटित लक्ष्य में लखनऊ को 115, सीतापुर को 170, लखीमपुर को 105, उन्नाव को 120, रायबरेली को 100 और हरदोई के लिए 180 का लक्ष्य दिया गया है। रोजगार छतरी योजना बेरोजगारों का ही नहीं नौनिहालों का भी भविष्य संवारेगी। प्रति वर्ष संसाधन युक्त विद्यालयों की संख्या बढ़ने से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।
शिक्षक नहीं, बच्चे खुद लगाएंगे हाजिरी
RTE : शिक्षक नहीं, बच्चे खुद लगाएंगे हाजिरी
हाथरस : बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक अब गड़बड़ नहीं कर सकेंगे। अभी तक तमाम शिक्षक बच्चे कम होने पर खुद उनकी हाजिरी लगा देते थे और एमडीएम में गड़बड़ी करते थे। बुधवार को जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में बीएसए को सख्त निर्देश दिए कि अब विद्यालयों में बच्चे खुद अपनी हाजिरी रजिस्टर में अंकित करेंगे।
जिलाधिकारी ने बीएसए देवेन्द्र गुप्ता को निर्देश दिए कि अब प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी लगातार विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। प्रतिमाह खंड शिक्षा अधिकारियों को पन्द्रह से बीस विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा और उसकी रिकार्डिंग करानी होगी ताकि समय पर उसको अधिकारी देख सकें। बच्चों के हाथों से अब खुद उनकी हाजिरी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज कराई जाया करेगी। जिलाधिकारी के निर्देशों के बारे में बीएसए ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को अवगत करा दिया है
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UPTET : निरीक्षण ही नहीं अब पढ़ाएंगे भी बीएसए
उन्नाव : शिक्षकों के बीच से निकले खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी की साहब गिरी नहीं चलेगी। उन्हें भी दो स्कूलों को गोद लेकर उनमें नियमित रूप से पढ़ाना होगा। बीएसए ने यह आदेश थोपा नहीं है, बल्कि वह खुद एक स्कूल में पढ़ाएंगे। बीएसए के इस आदेश ने स्कूलों का पर्वेक्षण व सूचनाओं का आदान प्रदान करने वाले इन कथित अधिकारियों को पसीना आ रहा है। इनमें से अधिकांश ने अभी तक अपने विद्यालयों की सूची नहीं भेजी है।
जिले के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को ठीक रखने के लिए सिर्फ शिक्षक ही जिम्मेदार नहीं होंगे, बल्कि उनकी निगरानी करने वाले खंड शिक्षाधिकारी व एबीआरसी को अपनी क्षमता को विद्यालय में प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए बीएसए ने बीईओ व एबीआरसी के साथ बैठक करते हुए उन्हें इसके निर्देश दिए हैं। बीएसए के नई योजना के तहत सभी खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी एक जूनियर व एक प्राथमिक विद्यालय को गोद लेंगे। इसके बाद मूल कार्य पर्वेक्षण व शैक्षिक अनुसमर्थन के अलावा इन विद्यालयों में नियमित रूप से दो घंटा पढ़ायेंगे।
होगी इन विद्यालयों की परीक्षा
ऐसा नहीं कि एबीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय गोद लेकर औपचारिकता पूरी कर लें। उनके शिक्षण की गुणवत्ता को परखने के लिए समय समय पर परीक्षा भी होगी। इसी परीक्षा के परिणाम से उनकी योग्यता और उनकी कार्य कुशलता को भी परखा जाएगा।
मुसीबत में एबीआरसी
जिले के 16 विकास खंडों में लगभग 70 एबीआरसी है। यह सभी किसी न किसी विषय के विशेषज्ञ होने पर ही बीआरसी की परीक्षा में तैनात हुए हैं।
गुणवत्ता परखने के लिए होने वाली परीक्षा में इन विषयों में छात्रों की योग्यता को परखा जाएगा। इससे ब्लाक में बैठकर साहब गीरी करने वाले एबीआरसी को बीएसए के नए आदेश से मुश्किलों में डाल दिया है।
यही कारण है कि अभी तक अधिकांश ने अपने विद्यालय की सूची जारी बीएसए को नहीं दी है।
किसके पास क्या था काम
खंड शिक्षाधिकारी को ब्लाक क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को दुरस्त करने के लिए विद्यालयों को दुरस्त करने लिए शासन के निर्देश का पालन करने के लिए निरीक्षण करते हैं।
एबीआरसी को शैक्षिक अनुसमर्थन, आर्दश पाठन पाठन को बनाने के अलावा विद्यालयों में पर्वेक्षण कार्य देखते हैं। प्रत्येक ब्लाक में पांच एबीआरसी तैनात हैं।
बीएसए गजौली जूनियर व प्राथमिक स्कूल को लिया गोद
शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में लगे बीएसए ने खुद बिछिया विकास खंड के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों को गोद लिया है। वह इन दोनों विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने जाएंगे। इसी तरह से उन्होंने अन्य सभी से एसएमएस करके उनके विद्यालयों की सूची मांगी है। ताकि वह इसके आगे का प्रोजेक्ट तैयार कर उनकी निगरानी की जा सके।
क्या कहते हैं बीएसए
शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इस प्रकार की योजना तैयार की गई है। इससे हमरे शिक्षकों को मनोबल भी बढ़ेगा और शिक्षा स्तर में सुधार भी होगा। दूसरे विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दी जा सकेगी। जून माह के अंत तक इस योजना को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। मैंने भी गजौली में इसकी शुरुवात कर दी है।
- डा. मुकेश कुमार सिंह, बीएसए
News Sabhaar : Jagran (3.7.13)
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