Thursday, July 4, 2013

बेरोजगारों को मिलेगी रोजगार की छतरी

 रोजगार छतरी योजना में हर साल नए स्कूलों को दी जाएगी मान्यता16हर साल 1900 स्कूलों को मिलेगी मान्यता, जिलों का लक्ष्य तय


पंकज मिश्र1हरदोई : शिक्षित बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है उन्हें रोजगार की छतरी मिलेगी। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में रोजगार छतरी योजना न केवल उन्हें रोजगार देगी बल्कि नौनिहालों का भविष्य भी संवारेगी। बेसिक शिक्षा विभाग रोजगार का अवसर देने के लिए प्रति वर्ष 1900 विद्यालयों को मान्यता देगा और प्रति विद्यालय में पांच बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी। प्रदेश में शुरू हो रही इस योजना में लखनऊ मंडल में 790 और हरदोई जिले के 180 शैक्षिक बेरोजगारों को प्रति वर्ष रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।1बारहवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2012-17) में रोजगार सृजन के लिए रोजगार छतरी योजना की शुरुआत की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग में शैक्षिक बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए छतरी योजना लागू की जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग स्ववित्त पोषित हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के 1500 प्राथमिक व 400 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रति वर्ष मान्यता देगा। इसके लिए विद्यालयों की मान्यता संबंधी 15-5-2011 के शासनादेश में संशोधन कर आठ मई 2013 को जारी नवीन शासनादेश के तहत 19 जून 2013 में बेसिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किया है। नवीन विद्यालयों को मान्यता देने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक के हवाले से उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) शशि किरण त्रिपाठी ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक ) को पत्र जारी कर विद्यालयों की मान्यता का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित कर रोजगार का लक्ष्य भी दिया है। लखनऊ मंडल में 790 का लक्ष्य निर्धारित कर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेंद्र सिंह राणा को आदेश जारी किया गया है। लखनऊ मंडल के लिए निर्धारित 790 में जिलों को आवंटित लक्ष्य में लखनऊ को 115, सीतापुर को 170, लखीमपुर को 105, उन्नाव को 120, रायबरेली को 100 और हरदोई के लिए 180 का लक्ष्य दिया गया है। रोजगार छतरी योजना बेरोजगारों का ही नहीं नौनिहालों का भी भविष्य संवारेगी। प्रति वर्ष संसाधन युक्त विद्यालयों की संख्या बढ़ने से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।

UPTET 2011 : 72825 Teacher Recruitment Case

Jobs in Banks

Download CTET (Central Teacher Eligibility Test ) July 2013 Admit Card


शिक्षक नहीं, बच्चे खुद लगाएंगे हाजिरी

 

RTE : शिक्षक नहीं, बच्चे खुद लगाएंगे हाजिरी

हाथरस : बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक अब गड़बड़ नहीं कर सकेंगे। अभी तक तमाम शिक्षक बच्चे कम होने पर खुद उनकी हाजिरी लगा देते थे और एमडीएम में गड़बड़ी करते थे। बुधवार को जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में बीएसए को सख्त निर्देश दिए कि अब विद्यालयों में बच्चे खुद अपनी हाजिरी रजिस्टर में अंकित करेंगे।

जिलाधिकारी ने बीएसए देवेन्द्र गुप्ता को निर्देश दिए कि अब प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी लगातार विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। प्रतिमाह खंड शिक्षा अधिकारियों को पन्द्रह से बीस विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा और उसकी रिकार्डिंग करानी होगी ताकि समय पर उसको अधिकारी देख सकें। बच्चों के हाथों से अब खुद उनकी हाजिरी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज कराई जाया करेगी। जिलाधिकारी के निर्देशों के बारे में बीएसए ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को अवगत करा दिया है


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UPTET : निरीक्षण ही नहीं अब पढ़ाएंगे भी बीएसए




उन्नाव : शिक्षकों के बीच से निकले खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी की साहब गिरी नहीं चलेगी। उन्हें भी दो स्कूलों को गोद लेकर उनमें नियमित रूप से पढ़ाना होगा। बीएसए ने यह आदेश थोपा नहीं है, बल्कि वह खुद एक स्कूल में पढ़ाएंगे। बीएसए के इस आदेश ने स्कूलों का पर्वेक्षण व सूचनाओं का आदान प्रदान करने वाले इन कथित अधिकारियों को पसीना आ रहा है। इनमें से अधिकांश ने अभी तक अपने विद्यालयों की सूची नहीं भेजी है।

जिले के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को ठीक रखने के लिए सिर्फ शिक्षक ही जिम्मेदार नहीं होंगे, बल्कि उनकी निगरानी करने वाले खंड शिक्षाधिकारी व एबीआरसी को अपनी क्षमता को विद्यालय में प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए बीएसए ने बीईओ व एबीआरसी के साथ बैठक करते हुए उन्हें इसके निर्देश दिए हैं। बीएसए के नई योजना के तहत सभी खंड शिक्षाधिकारी और एबीआरसी एक जूनियर व एक प्राथमिक विद्यालय को गोद लेंगे। इसके बाद मूल कार्य पर्वेक्षण व शैक्षिक अनुसमर्थन के अलावा इन विद्यालयों में नियमित रूप से दो घंटा पढ़ायेंगे।

होगी इन विद्यालयों की परीक्षा

ऐसा नहीं कि एबीआरसी और खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय गोद लेकर औपचारिकता पूरी कर लें। उनके शिक्षण की गुणवत्ता को परखने के लिए समय समय पर परीक्षा भी होगी। इसी परीक्षा के परिणाम से उनकी योग्यता और उनकी कार्य कुशलता को भी परखा जाएगा।

मुसीबत में एबीआरसी

जिले के 16 विकास खंडों में लगभग 70 एबीआरसी है। यह सभी किसी न किसी विषय के विशेषज्ञ होने पर ही बीआरसी की परीक्षा में तैनात हुए हैं।
 गुणवत्ता परखने के लिए होने वाली परीक्षा में इन विषयों में छात्रों की योग्यता को परखा जाएगा। इससे ब्लाक में बैठकर साहब गीरी करने वाले एबीआरसी को बीएसए के नए आदेश से मुश्किलों में डाल दिया है। 

यही कारण है कि अभी तक अधिकांश ने अपने विद्यालय की सूची जारी बीएसए को नहीं दी है।

किसके पास क्या था काम

खंड शिक्षाधिकारी को ब्लाक क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को दुरस्त करने के लिए विद्यालयों को दुरस्त करने लिए शासन के निर्देश का पालन करने के लिए निरीक्षण करते हैं।

एबीआरसी को शैक्षिक अनुसमर्थन, आर्दश पाठन पाठन को बनाने के अलावा विद्यालयों में पर्वेक्षण कार्य देखते हैं। प्रत्येक ब्लाक में पांच एबीआरसी तैनात हैं।

बीएसए गजौली जूनियर व प्राथमिक स्कूल को लिया गोद

शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में लगे बीएसए ने खुद बिछिया विकास खंड के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों को गोद लिया है। वह इन दोनों विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने जाएंगे। इसी तरह से उन्होंने अन्य सभी से एसएमएस करके उनके विद्यालयों की सूची मांगी है। ताकि वह इसके आगे का प्रोजेक्ट तैयार कर उनकी निगरानी की जा सके।

क्या कहते हैं बीएसए

शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इस प्रकार की योजना तैयार की गई है। इससे हमरे शिक्षकों को मनोबल भी बढ़ेगा और शिक्षा स्तर में सुधार भी होगा। दूसरे विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दी जा सकेगी। जून माह के अंत तक इस योजना को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा। मैंने भी गजौली में इसकी शुरुवात कर दी है।

- डा. मुकेश कुमार सिंह, बीएसए


News Sabhaar : Jagran (3.7.13)

UTET : टीईटी उत्तीर्ण बीएड प्रशिक्षितों को मिले स्थायी नियुक्ति




Uttrakhand Teacher Eligibility Test Recruitment News -

अल्मोड़ा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की बैठक में वक्ताओं ने उत्तराखंड सरकार पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की नियमावली के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नियमावली के तहत टीईटी उत्तीर्ण बीएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक स्कूलों में स्थायी नियुक्ति दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार इसके विपरीत उन्हें प्रशिक्षु के रूप में निश्चित मानदेय पर तैनाती दे रही है।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री शंकर सिंह बिष्ट ने कहा कि एनसीटीई नियमावली के अंतर्गत टीईटी उत्तीर्ण बीएड प्रशिक्षितों को स्थायी नियुक्ति और पूर्ण वेतन देते हुए छह माह का सेवारत प्रशिक्षण प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाना है, लेकिन सरकार ने एनसीटीई के नियमों का उल्लंघन कर उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी है। महामंत्री राम चंद्र सिंह रौतेला ने विकल्प मांगे बिना प्रशिक्षुओं को मंडल के अन्य डायटों में प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने को अव्यवहारिक करार दिया।
संरक्षक शिवनारायण सिंह ने बताया कि आपदा के चलते प्रांतीय अभ्यास वर्ग स्थगित हो गया है। बैठक में जिलाध्यक्ष प्रो. विजय पांडे, जगदीश पांडे, रमेश धपोला, दीपक वर्मा, हरेंद्र सिंह बिष्ट, अनिल श्रीवास्तव, डा. भुवन पांडे, राम शब्द यादव, डीबी सिंह, नीमा बिष्ट, दीवान देवड़ी, नवीन जोशी, हीरा टोलिया, राजेंद्र जोशी, अर्जुन बिष्ट, हरि मेहरा आदि ने भाग लिया।


Sabhaar : Amar Ujala (3.7.13)

UPTET 2013 : अशंकालिक अनुदेशकों और शिक्षामित्रों को लग सकता है झटका, बिना टीईटी नही होंगे नियमित



नई दिल्ली : नियमित शिक्षक होने की उम्मीद लगाये, बैठे देश भर के लाखो शिक्षामित्रों के अस्थायी गुजारे पर पर ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तलवार लटक गयी है| मंत्रालय ने साफ किया है, कि बिना टीईटी पास किये ऐसे शिक्षक 31 मार्च 2015 के बाद शिक्षण कार्य में नही रह पाएंगे | बताते चलें कि यूपी, बिहार समेत करीब दर्जन भर राज्यों में योग्य शिक्षकों की अनुपलब्धता को देखते हुए शिक्षामित्रो व अस्थायी शिक्षको की भर्ती की गयी है | बताया जाता है कि देश भर में ऐसे शिक्षकों की संख्या छह लाख से उपर है| ये अस्थायी शिक्षक राज्य सरकारों पर नियमित शिक्षक बनाने का दबाव भी बनाये हुए हैं| विकास यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री को शिक्षा मित्रो का बड़ा विरोध भी झेलना भी पड़ा है| यूपी में इस मांग को लेकर लखनऊ में बड़े बड़े आन्दोलन हुए|

परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए मिली 31 मार्च 2015 तक की मोहलत 

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह जायेगी |इस फरमान के बाद शिक्षा मित्रों को टीईटी और शिक्षण प्रक्षिक्षण से राहत पाने की उम्मीदे ख़त्म हो गयी हैं | मंत्रालय के मुताबिक अगर ये स्थायीकरण चाहते हैं तो उन्हें दो वर्षो के भीतर अनिवार्य रूप से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड ) का प्रशिक्षण और टीईटी पास करनी होगी | जानकारी के मुताबिक कई राज्यों ने शिक्षा मित्रों को टीईटी से राहत देने के बारे में सरकार से दिशा निर्देश मांगे थे , जिसमे मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छूट से इनकार कर दिया है

अशंकालिक अनुदेशकों को भी लग सकता है झटका -

प्रदेश में शासन द्वारा 41000 अंशकालिक अनुदेशकों की जूनियर हाईस्कूषलों में भर्ती कर जहॉ बिना बी0टी0सी0/बी0एड व टी0ई0टी0 उत्तीकर्ण किये अभ्य्र्थियों को 7000 रुपये मासिक मानेदय देकर तोहफा दिया है, वहीं उनके भविष्यट को लेकर प्रश्न् चिन्हत लगने लगे है। आज लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्र जहॉ शिक्षक बनने के सपने देख रहे है, और उन्हेंो हर तरह से सघर्ष करना पड् रहा है, परन्तु् उनके शिक्षक बनने के लिए हाईकोर्ट एवं एन0सी0टी0ई0 ने भी टी0ई0टी0 उत्तीकर्ण की अनिवार्यता की मोहर लगा दी है, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह जायेगी| ऐसे में देखना होगा कि अंशकालिक अनुदेशक जो कई सपने सजोयें शिक्षक बनने की तलाश में भर्ती हुए है, उनका भविष्य कैसा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा