Saturday, May 25, 2013

LT GRADE Teacher Recruitment : केंद्र सरकार ने झटका दिया - एलटी नियुक्ति को टीईटी-दो अनिवार्य



Similar requirement of TET Qualification happens for TGT Recruitment in KVS (Kendriya Vidyalay Sangathan) and Delhi State Govt. Recruitment DSSSB etc.
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देहरादून : प्रदेश में एलटी शिक्षक के रूप में नियुक्ति की राह तक रहे हजारों बीएड प्रशिक्षितों को केंद्र सरकार ने झटका दिया है। उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से निजात नहीं मिलने वाली। रोजगार के लिए उन्हें भी टीईटी-दो अनिवार्य रूप से पास करना होगा। केंद्र सरकार के इस फरमान के बाद अब राज्य को एलटी नियमावली में संशोधन करना होगा। शिक्षा महकमा इस कवायद में जुट गया है। इस वजह से टीईटी परीक्षा भी अब जल्द कराने की तैयारी है।

प्रदेश में एलटी शिक्षकों के चार हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। सिर्फ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खुले 228 स्कूलों में शिक्षकों के तकरीबन दो हजार पद रिक्त हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए भी अब बीएड प्रशिक्षितों को टीईटी-दो पास करना होगा। दरअसल, एलटी शिक्षक कक्षा छह से दसवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा इसके दायरे में होने के कारण केंद्र सरकार ने एलटी नियुक्तियों में भी टीईटी-दो को अनिवार्य किया है। इस बाबत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा। अब केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र भेजकर इस संबंध में स्थिति साफ कर दी है। केंद्र सरकार ने एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो को अनिवार्य बताया है। मौजूदा व्यवस्था में एलटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी-दो पास करने का प्रावधान नहीं है। कक्षा छह से आठवीं तक अध्यापकों के सीटी संवर्ग को काफी पहले मृत संवर्ग घोषित कर एलटी संवर्ग में समायोजित किया जा चुका है।

एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो पास करने की व्यवस्था अभी एलटी नियमावली में नहीं है। लिहाजा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। केंद्र का फरमान मिलने के बाद राज्य सरकार के लिए फिलहाल असहज स्थितियां बन गई हैं। सरकार अब बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन कार्य निपटने के बाद टीईटी और टीईटी-दो जल्द आयोजित करने की तैयारियों में जुट गई है। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो अनिवार्य किए जाने के केंद्र सरकार के निर्देशों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि एलटी की नई नियुक्तियां नई व्यवस्था के तहत होंगी। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि टीईटी जल्द आयोजित की जाएगी


News Source / Sabhaar : Jagran (Updated on: Thu, 25 Apr 2013 07:34 AM (IST))

LT Grade Teacher Recruitment UP : Next Hearing Date in Allahabad High Court is 27th May 2013



Case Status - Allahabad
 Pending
Special Appeal Defective : 405 of 2013 [Banda]
Petitioner: RAVENDRA KUMAR SHUKLA
Respondent: RAVINDRA BABU SHRIWAS AND 5 ORS.
Counsel (Pet.): J.H. KHAN
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-Against Final Order Of Single Judge In Writ Petition
Date of Filing: 15/04/2013
Last Listed on: 20/05/2013 in Court No. 33
Next Listing Date (Likely): 27/05/2013

This is not an authentic/certified copy of the information regarding status of a case. Authentic/certified information may be obtained under Chapter VIII Rule 30 of Allahabad High Court Rules. Mistake, if any, may be brought to the notice of OSD (Computer).

Anudeshak recruitment in UP 3rd Counselling on 31st May 2013



सहारनपुर। अनुदेशकों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में तीसरी काउंसिलिंग 31 मई को हो सकती है। जिससे शासन द्वारा निर्धारित परिषद के 119 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 357 अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी होने की संभावना है।
प्रदेश सरकार ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जिले में 357 अनुदेशकों की भर्ती के आदेश दिए थे। इसके लिए प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। प्राप्त आवेदनों के आधार पर शिक्षा विभाग आवेदकों की दो बार काउंसिलिंग करा चुका है। लेकिन इसके बाद भी परिषद द्वारा निर्धारतसंख्या के अनुसार चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। विभाग अब इन अनुदेशकों की संख्या को आवश्यकता अनुसार पूरा करने के लिए तीसरी काउंसिलिंग कराने जा रहा है।

शासन से निर्धारित 357 अनुदेशकों की संख्या पहलीऔर दूसरी काउंसिलिंग में भी पूरी नहीं हो सकी। इसी वजह से शासन से तीसरी काउंसिलिंग कराने के आदेशप्राप्त हुए हैं।
मंजू सिंह, डायट प्राचार्य, पटनी

Friday, May 24, 2013

पीसीएस (जे) 2013 के आवेदन शुरू 27

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज
(जूनियर डिविजन) प्री परीक्षा-2013 के लिए ऑनलाइन आवेदन गुरुवार से शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने वेबसाइट पर आन लाइन आवेदन पत्र अपलोड कर दिया है। 1 परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 22 जून जबकि 26 जून फार्म जमा करने की आखिरी तिथि होगी। आयोग ने परीक्षा की तिथि की अभी घोषणा नहीं की है। 1आयोग की ओर से गुरुवार को परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि आनलाइन आवेदन की जो समय समय सीमा तय की गई है उस तिथि के बाद किसी भी दशा में आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। 1आनलाइन आवेदन के लिए परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 22 जून है जबकि 26 तक आवेदन फार्म जमा किए जा सकेंगे। कुल रिक्तियों की संख्या 125 है। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 63, ओबीसी के लिए 34, एससी के लिए 26, महिलाओं के लिए 25, एसटी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के लिए दो-दो पद हैं। 1प्री परीक्षा इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ व लखनऊ स्थित परीक्षा केंद्रों में होगी। हालांकि आयोग ने प्री परीक्षा तिथि की अभी घोषणा नहीं की है। प्री परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे।जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) प्री परीक्षा-2013 के लिए ऑनलाइन आवेदन गुरुवार से शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने वेबसाइट पर आन लाइन आवेदन पत्र अपलोड कर दिया है। 1 परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 22 जून जबकि 26 जून फार्म जमा करने की आखिरी तिथि होगी। आयोग ने परीक्षा की तिथि की अभी घोषणा नहीं की है। 1आयोग की ओर से गुरुवार को परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि आनलाइन आवेदन की जो समय समय सीमा तय की गई है उस तिथि के बाद किसी भी दशा में आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। 1आनलाइन आवेदन के लिए परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 22 जून है जबकि 26 तक आवेदन फार्म जमा किए जा सकेंगे। कुल रिक्तियों की संख्या 125 है। इसमें सामान्य वर्ग के लिए 63, ओबीसी के लिए 34, एससी के लिए 26, महिलाओं के लिए 25, एसटी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के लिए दो-दो पद हैं। 1प्री परीक्षा इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ व लखनऊ स्थित परीक्षा केंद्रों में होगी। हालांकि आयोग ने प्री परीक्षा तिथि की अभी घोषणा नहीं की है। प्री परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे।

कोटे के रिक्त पदों पर जागी सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकारी नौकरियों में कोटे के रिक्त पदों पर सरकार की नींद खुल गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि दलितों (एससी), आदिवासियों (एसटी) और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के उम्मीदवारों की नियुक्ति में पिछड़ने के कारणों की समीक्षा की जाएगी। दो साल से चल रहे विशेष अभियान के बावजूद केंद्र अब तक 35.65 फीसद ऐसे पदों को भरने में नाकाम रहा है। इसी तरह आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अगले चरण के लिए करीब ढाई हजार करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। 1दलित, आदिवासी और पिछड़ी जातियों के लोगों की उपेक्षा दूर करने के लिए केंद्र सरकार दो साल से विशेष अभियान चलाने का दावा कर रही है। इसके बावजूद इस साल मार्च तक ऐसी नियुक्तियों में सरकार को सिर्फ 64.35 फीसद ही सफलता मिली है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने माना कि इन श्रेणियों में कुल 75 हजार से ज्यादा रिक्तियां पाई गई थीं। इनमें 44,427 सीधी नियुक्तियों के मामले थे, जबकि 31,095 पदोन्नति के। लेकिन सीधी नियुक्ति में भी सरकार महज 28,588 पद ही भर सकी। 35.65 फीसद ऐसे पद अब तक लंबित हैं। सरकार का दावा है कि पदोन्नति के लिए योग्य उम्मीदवारों की कमी की वजह से अभी तक बड़ी संख्या में पद खाली हैं। उधर, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण परियोजना (एनएसीएसपी) के लिए 2,550 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी। 1जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकारी नौकरियों में कोटे के रिक्त पदों पर सरकार की नींद खुल गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि दलितों (एससी), आदिवासियों (एसटी) और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के उम्मीदवारों की नियुक्ति में पिछड़ने के कारणों की समीक्षा की जाएगी। दो साल से चल रहे विशेष अभियान के बावजूद केंद्र अब तक 35.65 फीसद ऐसे पदों को भरने में नाकाम रहा है। इसी तरह आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अगले चरण के लिए करीब ढाई हजार करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। 1दलित, आदिवासी और पिछड़ी जातियों के लोगों की उपेक्षा दूर करने के लिए केंद्र सरकार दो साल से विशेष अभियान चलाने का दावा कर रही है। इसके बावजूद इस साल मार्च तक ऐसी नियुक्तियों में सरकार को सिर्फ 64.35 फीसद ही सफलता मिली है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने माना कि इन श्रेणियों में कुल 75 हजार से ज्यादा रिक्तियां पाई गई थीं। इनमें 44,427 सीधी नियुक्तियों के मामले थे, जबकि 31,095 पदोन्नति के। लेकिन सीधी नियुक्ति में भी सरकार महज 28,588 पद ही भर सकी। 35.65 फीसद ऐसे पद अब तक लंबित हैं। सरकार का दावा है कि पदोन्नति के लिए योग्य उम्मीदवारों की कमी की वजह से अभी तक बड़ी संख्या में पद खाली हैं। उधर, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण परियोजना (एनएसीएसपी) के लिए 2,550 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी।

नहीं भर्ती हो सकेंगे बीटीसी प्रशिक्षु

जाब्यू, इलाहाबाद : बीटीसी-2010 के सहारे शिक्षक भर्ती में शामिल होने का सपना देख रहे प्रशिक्षुओं के लिए उनका परीक्षा परिणाम सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है। 1 प्रशिक्षुओं के जोरदार आंदोलन के बाद भी उनका रिजल्ट अब तक घोषित किया जा सका है। इससे दो हजार से अधिक प्रशिक्षुओं में मायूसी है। हालांकि दबाव बनाने के लिए वे 23 मई से परीक्षा नियंत्रक प्राधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू करने की तैयारी में हैं। 1बीटीसी-2010 के प्रशिक्षुओं के परिणाम की घोषणा में लगभग छह माह का विलंब पहले ही हो चुका है। यहां तक कि उनकी प्रयोगात्मक परीक्षा भी अदालत के आदेश के बाद ही संपन्न कराई जा सकी। इन प्रशिक्षुओं में अधिकांश ने टीईटी या उसके समकक्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर रखी है। इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि इस बार की शिक्षक भर्ती में उनकी संभावनाएं काफी बलवती रहेंगी लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इससे पहले भी सत्र अनियमित ही रहे हैं और अभ्यर्थियों को हर बार परिणाम के लिए आंदोलन या अदालत का सामना करना पड़ा है। 1अभ्यर्थियों के अनुसार इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने यह तर्क रखा था कि प्रयोगात्मक परीक्षाओं के अंक डायट से नहीं भेजे गए हैं। लेकिन बुधवार तक सभी 53 डायट से अंक भेज दिए गए। उन्होंने सायंकाल तक सचिव नीना श्रीवास्तव से मुलाकात का भी प्रयास किया लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुईं। हताश प्रशिक्षुओं ने अब अपनी फरियाद बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के पास फैक्स से भेजी है। इस बीच उनका धरना भी जारी है। प्रशिक्षुओं के अनुसार 23 मई से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल भी शुरू कर दी जाएगी। 1जाब्यू, इलाहाबाद : बीटीसी-2010 के सहारे शिक्षक भर्ती में शामिल होने का सपना देख रहे प्रशिक्षुओं के लिए उनका परीक्षा परिणाम सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है। 1 प्रशिक्षुओं के जोरदार आंदोलन के बाद भी उनका रिजल्ट अब तक घोषित किया जा सका है। इससे दो हजार से अधिक प्रशिक्षुओं में मायूसी है। हालांकि दबाव बनाने के लिए वे 23 मई से परीक्षा नियंत्रक प्राधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू करने की तैयारी में हैं। 1बीटीसी-2010 के प्रशिक्षुओं के परिणाम की घोषणा में लगभग छह माह का विलंब पहले ही हो चुका है। यहां तक कि उनकी प्रयोगात्मक परीक्षा भी अदालत के आदेश के बाद ही संपन्न कराई जा सकी। इन प्रशिक्षुओं में अधिकांश ने टीईटी या उसके समकक्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर रखी है। इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि इस बार की शिक्षक भर्ती में उनकी संभावनाएं काफी बलवती रहेंगी लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इससे पहले भी सत्र अनियमित ही रहे हैं और अभ्यर्थियों को हर बार परिणाम के लिए आंदोलन या अदालत का सामना करना पड़ा है। 1अभ्यर्थियों के अनुसार इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने यह तर्क रखा था कि प्रयोगात्मक परीक्षाओं के अंक डायट से नहीं भेजे गए हैं। लेकिन बुधवार तक सभी 53 डायट से अंक भेज दिए गए। उन्होंने सायंकाल तक सचिव नीना श्रीवास्तव से मुलाकात का भी प्रयास किया लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुईं। हताश प्रशिक्षुओं ने अब अपनी फरियाद बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के पास फैक्स से भेजी है। इस बीच उनका धरना भी जारी है। प्रशिक्षुओं के अनुसार 23 मई से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल भी शुरू कर दी जाएगी। 1

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