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Friday, May 24, 2013
UPTET / BTC : टीईटी में अपात्र लोगों के शामिल होने संबंधी याचिका खारिज
इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च
न्यायालय ने
टीईटी-2011 में अपात्र लोगों के
शामिल होने
संबंधी याचिका
खारिज कर
दी। अदालत
ने कहा
कि याची
खुद इस
परीक्षा में
शामिल थे
और असफल
रहे हैं।
अब इस
पर उंगली
उठाने का
उन्हें अधिकार
नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति
एपी शाही
ने देवी
प्रसाद व
चार अन्य
की याचिका
पर दिया।
याचिका में
कहा गया
था कि
टीईटी -2011 में बीटीसी-2010 बैच के
ढाई हजार
ऐसे अभ्यर्थी
शामिल हुए
थे जो
उस समय
दूसरे सेमेस्टर
में थे।
उन्होंने चार
अक्टूबर-2010 के शासनादेश का उल्लंघन
किया है
जिसमें कहा
गया था
कि सिर्फ
अंतिम वर्ष
के छात्र
ही टीईटी
दे सकेंगे।
अभ्यर्थियों ने तथ्य छिपाकर परीक्षा
दी और
उत्तीर्ण भी
हुए। उन
सबका प्रमाणपत्र
रद किया
जाए
UP Board High School Result will be declared from 5th June 2013
यूपी बोर्ड : इंटर
का रिजल्ट
पांच और
हाईस्कूल का
8 जून को
UP Board High School Result will be declared from 5th June
2013 and Intermediate Result on 5th June 2013
Result will be available on UP Board Website
- शिकायत प्रकोष्ठ का
गठन होगा,
तीन के
भीतर आवेदनों
का निस्तारण
- इलाहाबाद से घोषित
होगा दोनों
परीक्षाओं का परिणाम
इलाहाबाद : उत्तर
प्रदेश माध्यमिक
शिक्षा परिषद
ने हाईस्कूल
एवं इंटरमीडिएट
परीक्षा के
परिणाम की
तारीख तय
कर दी
हैं। इंटरमीडिएट
का रिजल्ट
5 जून और
हाईस्कूल का
8 जून को
घोषित किया
जाएगा। इन
दोनों परीक्षाओं
में 64 लाख
से अधिक
छात्र शामिल
हुए हैं।
यह जानकारी बुधवार
को यहां
माध्यमिक शिक्षानिदेशक
वासुदेव यादव
ने दी।
उन्होंने बतायाकि
दोनों ही
परीक्षा परिणामों
की घोषणा
इलाहाबाद स्थित
यूपी बोर्ड
के मुख्यालय
से दोपहर
बारह बजे
की जाएगी।
इसी समय
रिजल्ट वेबसाइट
पर भी
देखा जा
सकेगा। उन्होंने
बताया कि
वित्तविहीन शिक्षकों के बहिष्कार की
वजह से
उत्तर पुस्तिकाओं
के मूल्यांकन
में थोड़ा
विलंब हुआ
और निर्धारित
9 मई से
आगे तारीख
बढ़ी। बहरहाल
अब प्रदेश
के सभी
238 केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाओं के
मूल्यांकन का काम पूरा कर
लिया गया
है।
एक सवाल के
जवाब में
शिक्षा निदेशक
ने बतायाकि
परीक्षा परिणाम
घोषित हो
जाने के
बाद शिकायतों
का निस्तारण
त्वरित गति
से कराया
जाएगा ताकि
छात्रों को
एआइइइइ और
जेइइ में
प्रवेश में
दिक्कतों का
सामना न
करना पड़े।
इसके लिए
शिकायत प्रकोष्ठ
का गठन
किया जाएगा
जो तीन
दिन के
परीक्षा परिणाम
संबंधी भीतर
शिकायतों का
निस्तारण कर
देगा। उन्होंने
बताया कि
यूपी बोर्ड
की इंटरमीडिएट
परीक्षा में
2640326 परीक्षार्थी और हाईस्कूल
की परीक्षा
में 3803412 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे
जिनमें क्रमश:
1080966 और 1548620 छात्राएं हैं
UP PCS-J (Judicial Service) 2013 Apply from 23rd May 2013
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन)
परीक्षा-2013 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया गुरुवार से शुरू होगी। इस
बावत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है। आयोग सचिव की ओर
से मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक आगामी 23 मई से आयोग की वेबसाइट
पर परीक्षा के संबंध में विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध रहेगा। इसी दिन से अभ्यर्थी
आनलाइन आवेदन कर सकेंगे
Tuesday, May 21, 2013
जू. हाईस्कूल शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य
इलाहाबाद
(एसएनबी)। प्रदेशके जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के शिक्षकों के
रिक्त 29800 पदों पर भर्ती का खाका सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय
इलाहाबाद ने तैयार कर लिया है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन अगले हफ्ते से लिए
जाने की संभावना है। इसमें वह अभ्यर्थी जिसने शिक्षक पात्रता परीक्षा
(टीईटी) पास कर ली है वहीं आवेदन करसकते है। जिलेवार रिक्त पदों का विवरण
तैयार हो गया है। वह भी भर्ती विज्ञापन के साथ जारी होगा। बेसिक शिक्षा
परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बतायाकिइस पद के लिए वहीं अभ्यर्थी आवेदन कर
सकेंगे, जिन्होंने स्नातक के साथ बीएड और टीईटी पास कर रखा होगा। इनके
अलावा आवेदन करने वालों के ऑनलाइन आवेदन पत्र निरस्त कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी अपने जिले के अलावा दूसरे जिलों से भी रिक्त
पदोंपर तैनाती के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
29800 सीटों पर भर्ती अगले हफ्ते से गणितिवज्ञान के शिक्षक होंगे भर्ती
यूपी: रोक हटी, अब वाणिज्य कर विभाग में होंगी बंपर भर्तियां
यूपी: रोक हटी, अब वाणिज्य कर विभाग में होंगी बंपर भर्तियां
लखनऊ/ब्यूरो| अंतिम अपडेट 21 मई 2013 12:45 AM IST पर
उत्तरप्रदेश के वाणिज्य कर विभाग में भर्तियों पर लगी रोक समाप्त कर दी गई है। इसके आधार पर अब 1699 पदों पर भर्तियां की जाएंगी।
इस संबंध में संयुक्त आयुक्त स्थापना अवधेश कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिया है।
इसके मुताबिक कनिष्ठ सहायक के 1138, आशुलिपिक 422, कम्प्यूटर ऑपरेटर 14,
संग्रह अमीन 27 और वाहन चालक के 98 पदों पर भर्तियां की जाएंगी।
आयुक्त
वाणिज्य कर कार्यालय ने सभी जोनल अपर आयुक्तों को रिक्त पदों की सूची भेज
दी है, ताकि इसका मिलान कर लिया जाए और यदि इससे अधिक पद खाली हैं तो सूची
में इसे शामिल करते हुए आयुक्त कार्यालय पर भेज दी जाए।
नए सत्र में कैसे शुरू होंगे मॉडल स्कूल
लखनऊ : शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में मॉडल स्कूल खोलने की योजना
की रफ्तार सुस्त है। केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर उच्च माध्यमिक स्तर तक
की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने वाले इन स्कूलों का जुलाई से शुरू
होने वाले नये शैक्षिक सत्र में चालू हो पाना मुमकिन नहीं है। मॉडल स्कूलों
का न तो अब तक निर्माण पूरा हो पाया है और न ही इनमें सृजित शिक्षकों
और अन्य स्टाफ के पदों पर भर्ती हो सकी है। 1केंद्र सरकार ने वर्ष 2010-11
में राज्य के 148 पिछड़े विकासखंडों मे 148 मॉडल स्कूलों को मंजूरी दी थी।
इसके बाद 2012-13 में 45 और विकासखंडों में मॉडल स्कूलों के निर्माण को
केंद्र ने हरी झंडी दिखायी। मॉडल स्कूलों के निर्माण पर खर्च होने वाली
धनराशि में केंद्र और राज्य सरकारों की हिस्सेदारी 75:25 के अनुपात में है।
इन स्कूलों के निर्माण का जो शेड्यूल निर्धारित है उसके मुताबिक इन
स्कूलों का निर्माण दो साल में पूरा हो जाना चाहिए। इस हिसाब से 2010-11
में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना चाहिए था।
केंद्र सरकार ने इन 148 स्कूलों के निर्माण के लिए पहली किस्त के तौर पर 56
करोड़ रुपये की धनराशि भी 2010-11 में ही जारी कर दी थी। वहीं राज्य सरकार
को अपने हिस्से की धनराशि नवंबर 2011 में जारी की जिससे स्कूलों का
निर्माण देर से शुरू हुआ। मार्च 2013 तक केंद्र 148 मॉडल स्कूलों को बनाने
के लिए पूरी धनराशि उपलब्ध करा चुका है लेकिन स्कूलों का निर्माण अभी पूरा
नहीं हो पाया है। 1शासन ने मार्च में इन 148 स्कूलों में शिक्षकों व अन्य
स्टाफ के पद भी सृजित कर दिये। प्रत्येक मॉडल स्कूल के लिए प्रधानाचार्य का
एक, प्रवक्ता के पांच, सहायक अध्यापक (एलडी ग्रेड) के सात, कनिष्ठ लिपिक
का एक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के चार पद सृजित किये गए हैं। 1अब तक इन
पदों पर शिक्षक व अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं हो सकी है। ऐसे में जुलाई
से शुरू होने वाले नये सत्र से मॉडल स्कूलों का संचालन दूर की कौड़ी लगती
है। राज्य सरकार ने इस स्कूलों के संचालन के लिए केंद्र से आवर्ती खर्च की
मांग की है।लखनऊ : शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में मॉडल स्कूल
खोलने की योजना की रफ्तार सुस्त है। केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर उच्च
माध्यमिक स्तर तक की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने वाले इन स्कूलों का
जुलाई से शुरू होने वाले नये शैक्षिक सत्र में चालू हो पाना मुमकिन नहीं
है। मॉडल स्कूलों का न तो अब तक निर्माण पूरा हो पाया है और न ही इनमें
सृजित शिक्षकों और अन्य स्टाफ के पदों पर भर्ती हो सकी है। 1केंद्र सरकार
ने वर्ष 2010-11 में राज्य के 148 पिछड़े विकासखंडों मे 148 मॉडल स्कूलों
को मंजूरी दी थी। इसके बाद 2012-13 में 45 और विकासखंडों में मॉडल स्कूलों
के निर्माण को केंद्र ने हरी झंडी दिखायी। मॉडल स्कूलों के निर्माण पर खर्च
होने वाली धनराशि में केंद्र और राज्य सरकारों की हिस्सेदारी 75:25 के
अनुपात में है। इन स्कूलों के निर्माण का जो शेड्यूल निर्धारित है उसके
मुताबिक इन स्कूलों का निर्माण दो साल में पूरा हो जाना चाहिए। इस हिसाब से
2010-11 में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों का निर्माण अब तक पूरा हो जाना
चाहिए था। केंद्र सरकार ने इन 148 स्कूलों के निर्माण के लिए पहली किस्त के
तौर पर 56 करोड़ रुपये की धनराशि भी 2010-11 में ही जारी कर दी थी। वहीं
राज्य सरकार को अपने हिस्से की धनराशि नवंबर 2011 में जारी की जिससे
स्कूलों का निर्माण देर से शुरू हुआ। मार्च 2013 तक केंद्र 148 मॉडल
स्कूलों को बनाने के लिए पूरी धनराशि उपलब्ध करा चुका है लेकिन स्कूलों का
निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाया है। 1शासन ने मार्च में इन 148 स्कूलों में
शिक्षकों व अन्य स्टाफ के पद भी सृजित कर दिये। प्रत्येक मॉडल स्कूल के लिए
प्रधानाचार्य का एक, प्रवक्ता के पांच, सहायक अध्यापक (एलडी ग्रेड) के
सात, कनिष्ठ लिपिक का एक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के चार पद सृजित किये
गए हैं। 1अब तक इन पदों पर शिक्षक व अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं हो सकी
है। ऐसे में जुलाई से शुरू होने वाले नये सत्र से मॉडल स्कूलों का संचालन
दूर की कौड़ी लगती है। राज्य सरकार ने इस स्कूलों के संचालन के लिए केंद्र
से आवर्ती खर्च की मांग की है।
Monday, May 20, 2013
पूर्णपीठ तय करेगी ‘मध्य भारत’ की मान्यता
•मध्य भारत ग्वालियर की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट डिग्री के यूपी में मान्यता पर विवाद
•दो न्यायपीठों के निर्णयों में मतभेद के चलते तीन जजों की पीठ को मामला संदर्भित
•इलाहाबाद। मध्य भारत ग्वालियर बोर्ड से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की
डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को यूपी बीटीसी में शामिल करने का मामला
अब हाईकोर्ट की पूर्णपीठ तय करेगी। बोर्ड की डिग्री को मान्यता देने के
मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो न्यायपीठों के विरोधाभासी निर्णय है।
इसे देखते हुए न्यायमूर्ति एपी साही ने मामले को पूर्णपीठ के लिए संदर्भित
कर दिया है। सुमन कुमारी और रामभुवन मौर्या ने मध्य भारत ग्वालियर बोर्ड से
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की डिग्री हासिल की है। इस आधार पर उनको उत्तर
प्रदेश में बीटीसी कोर्स में प्रवेश नहीं दिया गया, क्योंकि मध्य भारत की
डिग्री की मान्यता प्रदेश सरकार ने समाप्त कर दी है। दोनों इसके खिलाफ
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
प्रदेश सरकार ने अपने पक्ष में स्वीटी भाटी बनाम राज्य सरकार में
हाईकोर्ट की एकल न्यायपीठ के आदेश का हवाला दिया। ठीक इसी प्रकार के मामले
में एकलपीठ ने राज्य सरकार के निर्णय को सही करार देते हुए याचिका खारिज कर
दी थी। इसके विरोध में याची के अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने संतोष कुमार बनाम
राज्य सरकार के निर्णय का हवाला दिया जिसमें एक अन्य न्यायपीठ ने स्वीटी
भाटी केस के विपरीत निर्णय दिया है। यह भी कहा गया कि याचीगण ने मध्य भारत
डिग्री को अमान्य घोषित करने से पूर्व डिग्री हासिल कर ली थी। अमान्यता
संबंधी आदेश का पश्चातवर्ती प्रभाव नहीं हो सकता है। दूसरे यह कि इसी
डिग्री के आधार पर उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर याचीगण
ने स्नातक और दूसरी डिग्रियां प्राप्त की हैं।
याची के वकील का यह भी तर्क था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू
होने के बाद केंद्र सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की
न्यूनतम अर्हता निर्धारित करने का अधिकार एनसीटीई को दे दिया है इसलिए
प्रदेश सरकार मान्यता के संबंध में मनमाना निर्णय नहीं ले सकती है। एनसीटीई
की ओर से रिजवान अली अख्तर ने पक्ष रखा। न्यायमूर्ति एपी साही ने स्वाती
भाटी केस के निर्णय से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकरण में दो
न्यायपीठों में मतभिन्नता है। इसलिए विवाद का निस्तारण पूर्णपीठ द्वारा
किया जाना उचित होगा।
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