ये सभी स्कूल अति पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों के होंगे। प्रदेश भर में पहले 7000 स्कूलों को गोद लेने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन डायट प्राचार्यों को भी इसमें शामिल करने के बाद 150 स्कूल और बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों को 15 जनवरी तक गोद ले लिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कम से कम दो-दो प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की जाएगी। इसकी निगरानी अनिवार्य रूप से की जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की कार्ययोजना तैयार करते हुए योग्य शिक्षक चिह्नित कर लिए जाएं। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया कि इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को उन्होंने अंग्रेजी मीडियम से बच्चों को पढ़ाने के लिए किताब तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एक अप्रैल से सत्र की तैयारियां शुरू कर दी जाएं, जिससे ऐन वक्त पर किसी तरह की बाधा न आए।
खबर : अमर उजाला
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो सबसे खराब और पिछड़े स्कूल हैं। उन्हें सभी खंड शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक संसाधन केन्द्रों के सह-समन्वयक, बीएसएस, एबीएसए व डायट प्रिंसिपल को निर्देश दिए कि वे दो-दो स्कूल गोद लेकर आदर्श विालय बनाएंगे। हर ब्लॉक में दो स्कूल, सारे स्कूल अति पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों के होंगे। उन्होंने 15 जनवरी तक इन प्राइमरी स्कूलों को गोद लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा अब तक प्रदेश भर में कुल 7000 स्कूल लिए जाने के निर्णय थे। अब प्राचार्य को शामिल करने के बाद 150 और स्कूलों की संख्या बढ़ा दी गयी है। इस प्रकार कुल अब 7150 आदर्श स्कूल बन सकेंगे।
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