सेक्स वर्कर्स के पुनर्वास के लिए 2010 में दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस पैनल का गठन किया था। 24 अगस्त 2011 के अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने पैनल की बैठकों में राष्ट्रीय महिला आयोग को भी हिस्सा लेने का निर्देश दिया था।
इस पैनल को अनैतिक मानव तस्करी (रोकथाम) अधिनियम 1956 (आईटीपीए) में कुछ संशोधनों का सुझाव देना है, ताकि देश में रहने वाले सेक्स वर्कर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा के साथ जीवन-यापन कर सकें।
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