लखनऊ (
एसएनबी)
। डिग्री
कालेजों के शिक्षकों
के छठे वेतनमान
के बकाया एरियर
के भुगतान के
लिए प्रदेश सरकार
ने 419.77
करोड़ जारी कर
दिये हैं। इस
धनराशि से विश्वविद्यालयों
के शिक्षकों को
एक भी पैसा
नहीं मिलेगा। एरियर
भुगतान में सरकार
ने उन्हें अंगूठा
दिखा दिया है।
विशेष सचिव उच्च
शिक्षा राम गोपाल
मौर्य की ओर
से जारी शासनादेश
के मुताबिक यह
राशि निदेशक उच्च
शिक्षा को भेजी
गयी है। निदेशक
उच्च शिक्षा के
यहां धनराशि जाने
से प्रदेश के
345
एडेड डिग्री कालेजों और
131
सरकारी महाविद्यालयों के तकरीबन
सभी शिक्षकों का
एरियर भुगतान हो
जाएगा। छठा वेतनमान
लागू होने के
बाद 10089
शिक्षकों का एरियर
भुगतान लम्बित है। एक
जनवरी 2006
से 31
मार्च 2010
के
बीच अवधि के
लिए चार अरब
उन्नीस करोड 77
लाख पन्द्रह
हजार दो सौ
रुपये जारी किया
गया है। धनराशि
का उपभोग करने
के बाद प्रमाणपत्र
जल्द शासन को
मुहैया कराने को कहा
गया है। अनुदान
का उपयोग एरियर
भुगतान में ही
किया जाएगा,
किसी
भी अन्य मद
में इस धनराशि
का उपयोग न
करने की हिदायत
भी शासनादेश में
दी गयी है।
सूत्रों का कहना
है कि इस
धनराशि से विश्वविद्यालय
के शिक्षकों को
एरियर नहीं मिल
पायेगा। धनराशि को लेकर
जारी शासनादेश में
इसकी प्रति न
तो कुलपति और
न ही विश्वविद्यालयों
के वित्त अधिकारी
को भेजी गयी
है। उल्लेखनीय है
कि शिक्षकों के
एरियर भुगतान के
लिए 1079
करोड़ रुपये की
मांग की गयी
थी,
इनमें एक
बार 263
करोड़ व दूसरी
बार हाईकोर्ट से
आदेश लाने वाले
शिक्षकों के एरियर
के लिए 11
करोड़
की धनराशि जारी
की गयी थी।
अब सरकार ने
419.77
करोड़ रुपये की धनराशि
महाविद्यालयों के शिक्षकों
के लिए जारी
कर दिया है।
इस धनराशि के
जारी होने पर
अब शिक्षक संगठनों
ने अपनी-
अपनी
जीत का दावा
किया है। लुआक्टा
के अध्यक्ष डा.
मनोज पाण्डेय का
कहना है कि
यह शासनादेश सिर्फ
शिक्षक आन्दोलनों का ही
नतीजा है।
विश्वविद्यालयों
के शिक्षकों को
सरकार ने दिखाया
अंगूठा मंजूर किये गये
419.77 करोड़ रुपये में नहीं
मिले गा एक
भी पैसा
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