
फोरम
के सदस्य सौरभ
ने बताया कि
आंसरशीट में एक
प्रश्न की री-चेकिंग के लिए
5000 रुपये लेना छात्र
विरोधी है। आंसरशीट
में सफेद स्याही
के इस्तेमाल को
प्रतिबंधित बताकर छात्रों को
फेल कर दिया
गया। यूजीसी ने
यह नहीं बताया
कि आंसरशीट में
पानी या पसीने
की बूंद गिरने
पर भी कॉपी
जांची जाएगी या
नहीं। ऐसी गलत
नीतियों से छात्रों
का भविष्य अधर
में है। इसको
लेकर फोरम ने
यूजीसी को ज्ञापन
भी सौंपा।
छात्रों
का कहना है
कि अगर मांगें
नहीं मानी जाती
हैं तो मंत्रालय
का घेराव करेंगे।
छात्रों ने इस
साल के नेट
जेआरएफ के रिजल्ट
में दिशा-निर्देशों
का उल्लंघन करने
का आरोप लगाया।
See also: http://uptetpoint.wapka.me/index.xhtml
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